पीएमओ का अधिकारी बताकर यूक्रेन में फंसी छात्रा की मां से 42 हजार की ठगी

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 यूक्रेन में रूस के हमले के बाद वहां फंसे विद्यार्थियों के माता-पिता दहशत में है। वे किसी भी तरह अपने बच्‍चे की सुरक्षित वापसी चाहते हैं। इसी का फायदा उठाते हुए एक शातिर जालसाज ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का अधिकारी बताकर एयर टिकट दिलाने के नाम पर यूक्रेन में फंसी सृष्टि विल्सन की मां वैशाली से 42 हजार रुपये की ठगी कर ली। राशि ट्रांसफर करने के बाद भी जब एयर टिकट नहीं मिला, तब जाकर उन्‍हें ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद वैशाली ने ठगी की शिकायत कोतवाली पुलिस थाने में की है।

जिला अस्‍पताल में लैब टैक्‍नीशियन वैशाली ने बताया कि एक दिन पहले सुबह 11 बजे दिल्ली से जिला अस्पताल सिविल सर्जन डॉ. संजय खरे के पास फोन आया। फोन करने वाले ने खुद का नाम प्रिंस बताया और कहा कि वह पीएमओ से बोल रहा है। उसने उनसे मेरा मोबाइल नम्बर ले लिया। इसके बाद उन्हें मुझसे बात की और भरोसा दिलाया कि वह मेरी बेटी की वापसी के इंतजाम कर सकता है। उसने एयर टिकिट के नाम पर 42 हजार रुपये भेजने को कहा। उसने मोबाइल पर बैंक एकाउंट की डिटेल भी भेजी।

वैशाली के मुताबिक चार घण्टे के दौरान उस शख्‍स से करीब 40 बार बात हुई, लेकिन तब जरा भी शक नही हुआ कि वह ठगी कर रहा है। ट्रूकॉलर पर भी उसके नाम के आगे पीएमओ लिखा हुआ आ रहा था। बेटी की वापसी के लिए वैशाली ने इधर-उधर से राशि जुटाकर तीन बार मे 42 हजार रुपये की राशि जमा करा दी। वैशाली का कहना है कि प्रिंस ने पहले कहा था कि बुधवार दोपहर 4 बजे टिकट भेज देगा। 4 बजे बोला कि 5 बजे भेजूंगा, फिर 8 बजे और गुरुवार दोपहर 2 बजे टिकट भेजने की बात कही। वैशाली का कहना है कि प्रिंस ने दो अलग-अलग अकाउंट में तीन बार में रुपए मंगाए थे, लेकिन अभी तक टिकट नहीं दिए।

पीएमओ में नही है इस नाम का व्यक्ति

वैशाली का कहना है कि उनकी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो से बात हुई। प्रियंक का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से जानकारी ली है। लेकिन वहां प्रिंस नाम का कोई कर्मचारी काम नहीं करता। प्रियंक ने उन्‍हें एफआइआर दर्ज कराने की सलाह दी। इधर, टीआइ आशुतोष सिंह का कहना है कि इस मामले ठगी का प्रकरण दर्ज कर लिया है। पुलिस सायबर एक्सपर्ट की मदद लेकर ठगी करने वाले का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

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