रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ‘वैगनर ग्रुप के बारे में बार-बार सुनने को मिल रहा है। किराए पर फाइटर्स देने वाला एक रूसी नेटवर्क जिसका कागजों और दस्तावेजों में कहीं कोई जिक्र नहीं है। न ही यह ग्रुप टैक्स रिटर्न फाइल करता है, इसके कथित समर्थक ग्रुप के साथ अपने किसी तरह के कनेक्शन से इनकार करते हैं और आधिकारिक रूप से रूस में प्राइवेट मिलिट्री कंपनियां अवैध हैं। रिपोर्ट में इस खुफिया ग्रुप के बारे में जानकारी दी गई है। कई खबरों में दावा किया गया है कि पुतिन वैगनर ग्रुप के लड़ाकों का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ जंग में कर रहे हैं। भाड़े के सैनिक आधिकारिक नहीं होते इसलिए उनके पास सैनिकों के समान अधिकार या गारंटी नहीं होती और उन्हें सिर्फ मिशन पूरा करने के बाद ही भुगतान किया जाता है।’ उन्होंने कहा, ‘आपने मिशन पूरा किया, अपना पैसा लिया और आप छुट्टी पर जा सकते हैं। दरअसल गैबिडुलिन वैगनर ग्रुप के इकलौते पूर्व भाड़े के सैनिक हैं जो सार्वजनिक रूप से अपने अनुभवों को बताने के लिए सामने आए हैं।
वह अब दक्षिणी फ्रांस में रहते हैं। उनका कहना है कि वह शरण लेने की प्रक्रिया में हैं और अपने अनुभवों के बारे में एक किताब लिख चुके हैं। साल 2014 में इंटेलिजेंस ऑफिसर दिमित्री उत्किन ने यूक्रेनी अलगाववादियों को समर्थन देने के लिए वैगनर ग्रुप की स्थापना की थी। तब से यह ग्रुप अफ्रीका से लेकर मिडिल ईस्ट में रूस और उसके सहयोगियों के हितों का प्रतिनिधित्व कर चुका है। इस समूह ने सीरिया के गृह युद्ध में राष्ट्रपति बशर अल-असद की ओर से हिस्सा लिया था। वैगनर ग्रुप के लड़ाकों पर कई तरह के अत्याचार के आरोप लग चुके हैं। कभी पर्दे के पीछे से काम करने वाला यह ग्रुप यूक्रेन युद्ध के बाद से खुलकर सामने आ चुका है। यह हमेशा या तो मिलिट्री इंटेलिजेंस का या स्पेशल ऑपरेशन फोर्सेस का हिस्सा रहा है। कथित तौर पर इस समूह का चीफ रूसी कुलीन येवगेनी प्रिगोजिन है, जिसे पुतिन का शेफ’ भी कहा जाता है।