पुलिस-नक्सली मुठभेड़..फर्जी..?

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दोनो सीमावर्ती इलाकों के जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों ने लगाया आरोप, उच्च स्तरीय जांच की मांग की

बालाघाट(पद्मेश न्यूज़)। नक्सल प्रभावित गढी थाना क्षेत्र के ग्राम बसपहरा के जंगल में बीती देर शाम पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेंड वाले मामले ने अब एक नया मोड़ ले लिया है इस घटना को लेकर जहां एक ओर बालाघाट पुलिस द्वारा एक कथित नक्सली या उसके समर्थक का एनकाउंटर किए जाने की बात कही जा रही है तो वहीं मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ की सीमा में हुए इस एनकाउंटर को दोनों ही राज्यों की सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों जनप्रतिनिधियों ने इसे फर्जी एनकाउंटर बताया है बैहर विधानसभा के विधायक संजय उइके, लाँजी के पूर्व विधायक किशोर समरिते और आदिवासी विकास परिषद के जिला अध्यक्ष भुवनसिंह कोर्राम इस पूरे घटना क्रम को पुलिस की एक बनी बनाई कहानी बताते हुए फर्जी एनकाउंटर में मारे गए छत्तीसगढ़ निवासी झाम सिंह धुर्वे के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने, दोषियों पर कार्यवाही करने, मुआवजा दिए जाने सहित इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है।

पुलिस और प्रशासन आदिवासियों पर जुल्म ढाह रहे हैं

आदिवासी व्यक्ति के शव को लेकर पुलिस पर फर्जी एनकाउन्टर के आरोप लग रहे हैं। इस मामले की पूरी जानकारी ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय से लगभग 120 किलोमीटर दूर मृतक झमसिंग धुर्वे के गांव बालसमुद्र पहुंचे हमारे प्रतिनिधि को दी है। इस घटना के संदर्भ में हो रही चर्चा के दौरान गांव के करीब एक सैकडा महिला-पुरूष उपस्थित थे, जिन्होने इस घटना की कटु-आलोचना भी की और मृतक के वारसान को आर्थिक मदद देने के साथ साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देने की मांग की है। वही ग्रामीण संपूर्ण घटना की उच्चस्तरीय जांच करने की भी मांग कर रहे है। झामसिंह धुर्वे की गोली लगने से हुई मौत के मामले में जहां एक ओर पुलिस के द्वारा अज्ञात लोगों के खिलाफ गढी थाने में अपराध पंजीबद्ध कर मामले की जांच की जा रही है, वहीं दूसरी ओर झामसिंह की मौत से मुठभेड़ फर्जी होने के आरोप पुलिस पर लग रहे हैं। ग्रामीणों ने इस घटना को लेकर पुलिस पर भारी आक्रोश है। मंगलवार की सुबह जब झामसिंह धुर्वे की अंत्योष्टी हो रही थी तब उस समय गांव के युवाओं में घटना को लेकर काफी पीड़ा दिखाई दी। उनका कहना था कि पुलिस और प्रशासन आदिवासियों पर जुल्म ढाह रहे हैं। ऐसा ही चलता रहा तो आदिवासियों की अस्मिता और बहू बेटियों के लिए खतरा बन जाएगा।
जनप्रतिनिधियों ने कहा यह फर्जी एनकाउंटर है
अंत्येष्टि से पूर्व गांव में पहुंचे बैहर विधायक संजय उइके, बिरसा जनपद अध्यक्ष सरिता धुर्वे, रेंगाखार कांग्रेस संगठनमंत्री गजराज सिंह टेकाम सहित अन्य ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की जरूरत बताते हुए मुठभेड़ को पूरी तरह फर्जी बताया है। उन लोगों ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि झामसिंग एक आदिवासी मजदूर था जो कि अपने गांव बालसमुद्र में बहुत कम रहता था तथा अपने ससुराल देवगांव में ही रहा करता था। जिस कारण उसका आना जाना लगा रहता था। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की और पूरे मामले में परिवार को न्याय दिलाने की बात कही। साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी के साथ सदस्य को मुआवजा देने की मांग की है।
कहानी बना रही पुलिस -नेम सिंह

झामसिंह के साथ गए नेमसिंह ने बताया कि वे लोग मछली मारने गांव बालसमुद्र के कोरजोन की ओर जाते रहते हैं। रविवार को भी वे 7 सदस्य गए हुए थे। जहां 5 सदस्य दोपहर में वापस हो गए थे लेकिन झामसिंह और नेमसिंह वही साथ में रुके हुए थे। इसी बीच उन्हें कोबरा ड्रेस वाले दिखाई दिए जिन्हें वे जंगल के अधिकारी समझ बैठे और वहां से भाग रहे थे, तभी पीछे से गोली चली और झामसिंह नीचे गिर पडा। वही नेमसिहं की कनपटी के पास से एक गोली छूकर गई जिससे वह डरकर वहां से भाग निकला और गांव पहुंच गया। जिसके बाद उसने घटना की जानकारी गांव में दी, लेकिन रात्रि के कारण गांव वाले मौके पर नहीं पहुंच पाए। नेमसिंह से मिली जानकारी अनुसार घटना के दूसरे दिन सोमवार को नेमसिंह के साथ कुछ ग्रामीण झामसिंह को ढूंढने घटना स्थल की ओर गए , लेकिन वहां झामसिंग दिखाई नहीं दिया। जिसके बाद वे लोग पुन: गांव लौट आये। इस दौरान पुलिस ने एक शव मिलने की जानकारी दी और शव की शिनाख्त के लिये बुलवाया। जब गांव वाले पहुंचे तो झामसिंह धुर्वे का शव घटना स्थल से लगभग 700 800 मीटर दूर बालाघाट सीमा में दिखाई दिया और 100 से 200 मीटर दूर एक भरमार बंदूक तथा खाने-पीने का सामान पड़ा दिखाई दिया, जो कि झामसिंह के साथ हुए हादसे को छुपाने का कृत्य नजर आया। नेम सिह और ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस सत्य को छुपाने के लिए कहानी बना रही है।
घटनाक्रम को मुठभेड़ बनाने का प्रयास है -संजय उईके
वही इस पूरे मामले के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान बैहर विधायक संजय उईके ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शी ने उन्हें बताया है कि वह झांमसिंह के साथ मछली मारने गया था जहां एनकाउंटर हुआ वह छत्तीसगढ़ का इलाका है विधायक संजय उईके ने आगे बताया कि यह पहली घटना नहीं है बल्कि इसके पूर्व भी हमारे विधानसभा क्षेत्र में फर्जी एनकाउंटर हो चुका है जहां एक बैगा को फर्जी एनकाउंटर में मारा गया था पुलिस ने नक्सली बताकर उसका एनकाउंटर किया था उस समय भी हमने एसपी से कहा था कि आम नागरिक या किसी गरीब की मृत्यु नहीं होनी चाहिए हम आदिवासी लोग हैं वनों में निवास करते हैं जंगल से ही हमारा जीवन चलता है कोरएरिया के उमरझोला से लगा हुआ घटनास्थल है वह आम जनता का आना जाना लगा रहता है जहां के लोगों के सभी शासकीय कार्य गढ़ी से होते हैं इस मामले में यह कहना अनुचित होगा कि झाम सिंह वहां क्या कर रहा था वही यह जांच का विषय है कि घटनास्थल पर शव के पास 12 बोर की बंदूक कहां से आई और किसने रखी हमारी मांग है कि मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए उन्हें मुआवजा दिया जाए और इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए क्योंकि यहां मामला 302 का लग रहा है घटनाक्रम को मुठभेड़ बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
जानबूझकर ग्रामीण की हत्या की गई है- प्रभाती मरकाम
वहीं इस पूरे मामले के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ बोरडा जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रभाती मरकाम ने बताया कि यह पूरा मामला मेरे जनपद पंचायत क्षेत्र का है यह फर्जी नक्सली मुठभेड़ है जानबूझकर एक ग्रामीण की हत्या की गई है प्रत्यक्षदर्शियों ने मुझे बताया है कि एमपी पुलिस ने ग्रामीण को गोली मारी है हमारी मांग है इसकी निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए मृतक परिवार से एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जानी चाहिए परिवार को मुआवजा दिया जाना चाहिए वही ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
एनकाउंटर छत्तीसगढ़ की सीमा में हुआ है- संतराम धुर्वे
वहीं स्थानीय निवासी संतराम धुर्वे ने बताया कि झाम सिंह और एक अन्य मछली मारने के लिए गए थे बारिश होने पर वे जंगल के रास्ते घर की तरफ आ रहे थे पुलिस वालों को लगा कि यह लोग नक्सली है और उन्होंने एक ग्रामीण की गोली मारकर हत्या कर दी वहीं दूसरे व्यक्ति के कान को छूकर गोली निकली यह एनकाउंटर छत्तीसगढ़ की सीमा में हुआ है बॉडी को उठाकर एमपी की बॉर्डर ले जाया गया है।
ज्वाइंट ऑपरेशन की कोई सूचना नहीं है- डीएसपी छत्तीसगढ़
इस पूरे मामले के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ नक्सल उन्मूलन कवर्धा डीएसपी-पी कुजुर ने बताया कि हमें गढी थाना से सुचना मिली थी कि कोरजोन में एक शव बरामद हुआ है जो कि झामसिंह धुर्वे का होना पाया गया है। इस मामले की जांच गढी पुलिस कर रही है। हमें ग्रामीणो से जानकारी मिली थी कि झामसिंह मछली मारने गया था। ज्वाईट आपरेशन जैसी कोई सुचना म.प्र से नही आई थी।
मामले की जांच चल रही है -एसपी तिवारी
वही इस पूरे मामले के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि जिस जगह की यह घटना है वहां विस्तार दलम सक्रिय है दलम में युवकों सहित ग्रामीण युवतियों की भर्ती की जा रही है इसके इनपुट मिल रहे हैं घटना में मारे गए व्यक्ति की पहचान झांम सिंह के रूप में हुई है जो छत्तीसगढ़ का निवासी है वे जंगल में क्यों आए कैसे पहुंच गए इसकी जानकारी ली जा रही है वहीं गांव वालों से भी जानकारी जुटाई जा रही है वही इस पूरे मामले की फॉरेंसिक जांच की जा रही है जिससे यह पता लगेगा की वह पुलिस की गोली से मरा है या नक्सली की इस पूरे मामले की जांच शुरू है।

मुठभेड़ वाले मामले की कराई जाए सीबीआई जा΄च -भुवन सिह कोर्राम

गढी थाना क्षेत्र के ग्राम बसपहरा के जंगल में बीती देर शाम पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेंड वाले मामले को विभिन्न संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने इस घटना को फर्जी मुठभेड़ बताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है इसी कड़ी में आदिवासी विकास परिषद के जिला अध्यक्ष भुवन सिंह कोर्राम ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान जिला अध्यक्ष भुवन सिंह कोर्राम ने बताया कि जब यह घटना घटित हुई तो वे बैहर में थे जहां युवक के पोस्टमार्टम वाले घटनास्थल पर पहुंचे थे जहां उन्होंने मृतक के परिजनों और मृतक के साथी से मामले को लेकर विस्तृत चर्चा की थी जिन्होंने पुलिस द्वारा फर्जी एनकाउंटर किए जाने की बात कही है उन्होंने प्रत्यक्षदर्शी के बयान लिए हैं जिसमें प्रत्यक्षदर्शी ने बताया है कि वे मृतक झाम सिंह के साथ मछली मारने तालाब गए थे बारिश होने लगी तो वे घर वापस आ रहे थे उसी समय पीछे से कुछ पुलिस वालों ने उन्हें रोकने के लिए कहा लेकिन वे उन्हें कान्हा नेशनल पार्क के कर्मचारी समझ रहे थे जिसके चलते वह नहीं रुके और भागने लगे वही पुलिस ने पीछे से रुकने की आवाज लगाई और ना रुकने पर गोली चलाने की बात कही जिस पर वह नहीं रुके और भागने लगे वही पीछे से एक गोली चली जिसमें झाम सिंह की मौत हो गई और साथी किसी तरह बच निकला ।जिला अध्यक्ष भुवन सिंह कोर्राम ने आगे बताया कि पुलिस द्वारा इस घटना को नक्सली मुठभेड़ बताया जा रहा है हमारा समाज इसकी आवाज उठाएगा। हमारी मांग है कि इस पूरे घटनाक्रम की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए जिसकी जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति अक्सर होती रहती है।

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