पुलिस भर्ती में शामिल होने गए बेटे की मौत से मां तारा बाई का रो-रोकर बुरा हाल

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बेटे की मौत की खबर से तारा बाई का रो-रोकर बुरा हाल है। कई सवालों को अपने अंदर समाए वह सिसक रही है। इस साल बेटे की नौकरी लगने की उम्मीद के साथ उसने शादी करने का सपना संजाेया था। तारा बाई ने क्या सोचा था और क्या हो गया? सोचा था बेटा नौकरी करने लगेगा तो अपने पैरों पर खड़ा जाएगा, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। नौकरी पाने के लिए शारीरिक परीक्षण के लिए कराई 800 मीटर दौड़ जीतने के लिए वह जिंदगी ही हार गया। इंदर सिंह (29) लांजी सांवरी खुर्द निवासी धेडूलाल लिल्हारे का इकलौता बेटा था। बेटे के चेहरे को देखकर तारा बाई और धेडूलाल सिसक कर रोते रहे। मां बार-बार गश खाकर बेहोश हो रही है, तो वहीं पिता की आंखों से आंसुओं की धार नहीं टूट रही है। बेटे की मौत के रंज ने उन्हें झकझोर दिया। मानों जैसे उनकी दुनिया ही उजड़ गई हो।

पूरे गांव में शोक का माहौल

इंदर सिंह अपने माता-पिता का लाड़ला तो था ही वह गांव का भी होनहार युवा था। उससे सभी को उम्मीद थी एक अपने माता-पिता को गांव का नाम रोशन करेगा। जबलपुर भर्ती के लिए आयोजित शारीरिक परीक्षण के लिए जाने के पूर्व वह कहकर गया था कि इस बार उसका चयन तय है। इस नौकरी के लिए वह पूरा जोर लगा देगा। उसके घर वापस आने से पहले गांव में मौत की खबर पहुंची।इससे पूरे गांव में शोक छा गया है।

क्या है पूरा मामला

इंदर सिंह(29)पिता धेडूलाल लिल्हारे जबलपुर में आयोजित पुलिस भर्ती के लिए शारीरिक परीक्षण की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए गया था। वह बुधवार को शाम की पाली में आयोजित हुई दौड़ में शामिल हुआ। दौड़ पूरी करने के बाद सिवनी निवासी नरेंद्र गौतम और बालाघाट लांजी थाना अंतर्गत सांवरी खुर्द निवासी इंदर सिंह की तबियत खराब हो गई। जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।यह खबर सुनते ही उसके स्वजन जबलपुर रवाना हो गए। यहां एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान गुरूवार को अलसुबह इंदर सिंह ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

पारिवारिक स्थिति

इंदर सिंह के पिता धेडूलाल लिल्हारे लांजी जनपद के अंतर्गत आने वाली पूर्वटोला पंचायत में सचिव हैं।उनके परिवार में पत्नी दो बेटिया अनीता और संगीता के अलावा बेटा इंदर सिंह था। दोनों बेटियों की शादी हो चुकी थी। अब इंदर का ही शादी होने को थी। भरा पूरा परिवार था संपन्नता के साथ घर में हर समय खुशी का माहौल रहता था। उनकी हंसती खेलती जिंदगी में एक हादसे ने गम का जहर घोल दिया।

घर में नातेदारों का लगा तांता

इंदर की मौत की खबर सुनते ही परिचित और नातेदार उसके घर पहुंच गए हैं। इधर स्वजन शव लेकर जबलपुर से बालाघाट आ रहे हैं।सांवरी खुर्द के मोक्षधाम में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।मौत की खबर आने के बाद से नातेदारों का तांता लगा हुआ है।

बारंगल में रेलवे की परीक्षा देकर लौटा था इंदर सिंह

इंदर सिह के जीजा डेमन सिंह बल्हारे की मानें तो आंध्रप्रदेश के बारंगल में रेलवे भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा का पेपर देने के लिए गया था।रविवार को परीक्षा देने के बाद जब उसे पता चला कि मंगलवार को जबलपुर में पुलिस भर्ती के लिए उसका शारीरिक परीक्षण होना है तो वह सीधे जबलपुर आ गया।यहां दौड़ के बाद अचानक उसकी तबियत खराब हो गई। इसकी सूचना मिलने के पिता और चेचेरा भाई बुधवार की सुबह जबलपुर चले गए। इलाज के दौरान ही गुरूवार की सुबह उसने दम तोड़ दिया। मौत की खबर सुनने के बाद मां का रो-रोकर बुरा हाल है। घर में रिश्तेदार पहुंच गए हैं।

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