नगर के विश्राम गृह में 8 जून की शाम 5 बजे पूर्व जनपद अध्यक्ष चिंतामन नागपुरे के द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। यह प्रेस वार्ता श्री नागपुरे के द्वारा नगरपालिका की बोट गुम होने एवं उनके तालाब में बोट होने के मामले में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई। इस दौरान श्री नागपुरे के द्वारा पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष विवेक पटेल पर बोट को लेकर निशाना साधा कि उनके द्वारा अपने शौक पानी (दारू मुर्गा) करने के लिए मेरे तालाब में वोट लाई गई थी अब वह किसकी है मुझे नहीं पता कहा गया।
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व जनपद अध्यक्ष चिंतामन नागपुरे ने कहा कि बीते दिनों पेपर और सोशल मीडिया में मेरा नाम बोट के विषय में पढ़ने से मुझे दुख हुआ और मैंने इसे गंभीरता से नहीं लिया था। किंतु सोशल मीडिया में चोर सहित बहुत सारे शब्द कहे व लिखे गए इसका खंडन करने के लिए प्रेस वार्ता आयोजित की गई है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि उक्त बोट को ना मैं लेकर गया और ना ही मुझे कोई शौक है 2016 में मेरा तालाब बना जहां 2017 में और इसके पहले भी पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष विवेक विक्की पटेल जिनसे मेरा पारिवारिक संबंध है वह हमारे घर अपने दो चार साथियों के साथ आकर अपना शौक पानी करते थे। जिन्होंने तालाब देखा तो बोले कि बोट के लिए अच्छी जगह है जिस पर मेरे द्वारा कहा गया था कि बोट खरीद नहीं सकता 20 वर्ष से आप मेरी स्थिति देख रहे हो तो उनके द्वारा कहा गया कि नगर पालिका में रखी है देखता हूं भिजवाता हु कहां गया। तो मैंने स्पष्ट कहा था कि आपकी खुशी मुझे नहीं चाहिए मेरा पेशा बोट चलाना नहीं है और ना ही मुझे आवश्यकता है। श्री पटेल ने अपने शौक के लिए बोट भेजे थे जो अभी भी हमारे तालाब में रखी हुई है।
श्री नागपुरे ने कहा कि उक्त बोट को लेकर मैंने नगर पालिका अध्यक्ष विवेक पटेल से कहां कि इसे लेकर जाओ तो उन्होंने कहा कि यहां भी पड़ी रहेगी तो वहां ही रहने दो। इसके बाद जो वह बोल रहे हैं और मैं सुन रहा हूं तो वह ना मेरे लिए ठीक है और ना ही उनके लिए। नगर पालिका से मुझे कोई लेना देना नहीं है विवेक पटेल ने बोट भेजा था अब यह बोट उनकी है या कहां की है मुझे पता नहीं कुछ व्यक्तिगत संबंध भी होते हैं जिस कारण मैंने नहीं पूछा।
श्री नगपुरे ने कहा कि मैं क्यों प्रयास करू जिसने मुझे जवाबदारी से दिया था वह लेकर जाये, मेरी वापस करने की बनती नहीं है बोट तालाब में है विवेक पटेल ने अपने संसाधन से उसे भेजा था वह वापस ले जाये। जिसके लिए जब तक उनके साथ उठक बैठक थी तब तक कहां अभी हमारी बैठक नहीं है। मेरा तालाब 2016 में बना था 2017 में बोट आई है वहां पर वे लोग आकर अपना शौक पानी करते थे मैं किसी से चर्चा नहीं किया है और ना ही करूंगा मुझे पता ही नहीं की किसकी बोट है। पटेल ने भेजा था और वह तालाब में बोटिंग करते थे। रही बात हादसे की तो चलती बस का कभी भी एक्सीडेंट होता है।
श्री नगपुरे ने कहा कि बोट विवेक पटेल की है उनके कार्यकाल में दिया था और हर चीज का सबूत नहीं होता है। जैसे लाए थे वैसा विवेक पटेल ले जाये नगरपालिका संपर्क करें मेरे यहां पर पड़ी हुई है। श्री नगपुरे ने तलाब में वोट चलाकर 5 रुपये लेने वाली बात पर झल्लाते हुए कहा कि मैं अपने बच्चे बुलाता हूं यदि मेरे घर के बच्चे ने या मजदूर ने 5 रुपये लिया होगा और बोलने वाला अपना बच्चा लेकर आये कसम खाये बच्चे की कसम खाने से बड़ा कुछ नहीं है पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष विवेक पटेल ने एक नही अनेको बार अपने शौक पानी किए हैं।










































