विज्ञान चाहे कितनी ही तरक्की कर ले मनुष्य चाहे आधुनिकता की दौड़ में कितना ही आगे निकल जाए लेकिन उसके अंदर का अंधविश्वास कम होने का नाम नहीं लेता। नतीजा अच्छी शिक्षा और तालीम हासिल करने वाले युवा भी इस अंधविश्वास के चक्कर में आ जाते हैं।
कुछ इसी तरह का वाकिया एक बार फिर जिले के भीतर सामने आया जब 3 युवाओं ने पैसे की बारिश कराने के लालच में वन्य प्राणी तेंदुए का शिकार किया। पैसे की बारिश तो हुई नहीं उल्टा तेंदुए के शिकार के आरोप में सलाखों तक पहुंच गए।
इस मामले में उड़नदस्ता वनवृत्त बालाघाट को मुखबीर के माध्यम से सूचना प्राप्त होने पर कि दक्षिण सामान्य वनमण्डल बालाघाट के वन परिक्षेत्र वारासिवनी
के भांडी से वन्य जीव तेंदुआ के अवशेष चारो पंजे सहित तीन आरोपियो को गिरफ्तार किया गया।
तीनो आरोपियो द्वारा धार्मिक कर्मकांड के द्वारा पैसो की झड़ती किया जाना था। पूछताछ के दौरान ज्ञात हुआ कि उक्त वन्य प्राणी के पंजे रामसिंह उइके निवासी कातोली द्वारा अन्य तीन आरोपियो पुनाराम नेवारे निवासी भांडी, टेकचन्द धोबी निवासी भांडी एवं संतोष दुबे निवासी आलेझरी को दिया गया था।
पूछताछ मे यह भी पता चला कि उक्त तेंदुआ का शिकार उत्तर सामान्य वनमण्डल बालाघाट के दक्षिण लामटा सामान्य परिक्षेत्र के बीट खामी भाग 1 में किया गया।
मौके से उसके अवशेष प्राप्त किये गये। धन लाभ की इच्छा से अन्य तीन आरोपियो को वितरित किया गया।
वन अपराध लामटा सामान्य परिक्षेत्र से संबंधित होने के कारण प्रकरण दक्षिण लामता परिक्षेत्र के सुपुर्द कर वन अपराध प्रकरण जारी कर विधिवत कार्यवाही की गई।