महामारी कोविड के प्रकोप झेलते करीब तीन साल हो गए हैं पर अब भी यह लोगों को अपनी शिकार बना रहा है। पूरी दुनिया में जैसे ही लगता है कि अब कोरोना का खात्मा हो जाएगा, वैसे ही अगली लहर दस्तक दे देती है। भारत में पिछले कुछ दिनों से कोरोना की रफ्तार कम हो रही है। लेकिन कोरोना के बाद लोगों में आ रही जटिलताएं कम नहीं हो रही हैं। एम्स के डॉक्टरों ने कोरोना के बाद के लक्षणों यानी पोस्ट कोविड लक्षणों के प्रति लोगों को आगाह किया है। एम्स में न्यूरोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रोफेसर पद्मा श्रीवास्तव ने कहा है कि पोस्ट कोविड में कई तरह की जटिलताएं हो सकती हैं। खासकर ब्रेन और दिल में। प्रोफेसर पद्मा श्रीवास्तव ने कहा कि इससे कई तरह की तात्कालिक गंभीर स्थितियां जैसे कि ब्रेन अटैक और धमिनयों और नसों के जरिए दिल में स्ट्रोक आता है। वहीं ब्रेन में सूजन भी बन सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि रिसर्च अभी जारी है, इसलिए फिलहाल इससे किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता है। एम्स की डॉक्टर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक अध्ययन में दावा किया गया है कि पूरी दुनिया में 14.4 करोड़ लोग लॉन्ग कोविड के शिकार हैं। यानी कोविड होने के बाद उनकी हेल्थ में कई तरह की परेशानियां हैं। एक खबर के मुताबिक यह अध्ययन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवेल्यूवेशन द्वारा किया गया है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक कोरोना संक्रमण के चार सप्ताह बाद भी अगर हेल्थ से संबंधित जटिलताएं बरकरार रहे तो यह पोस्ट कोविड कंडीशन है। इसे लॉन्ग कोविड या पोस्ट एक्यूट कोविड या क्रोनिक कोविड के नाम से भी जाना जाता है। पोस्ट कोविड के लक्षणों में सबसे आम है लगातार थकान रहना, सांस लेने में दिक्कत महसूस होना, कभी-कभी बुखार होना, छाती में दर्द करना, दिमाग की क्षमता प्रभावित होना यानी ब्रेन फॉग, नींद में दिक्कत, मांसपेशियों में दर्द, दिल की धड़कन तेज होना, गंध और स्वाद को जाना, अवसाद और बेचैनी आदि। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी आगाह किया है कि पोस्ट कोविड दिल और तंत्रिका तंत्र से संबंधित जटिलताओं को बढ़ा सकता है।