इस मामले में कोर्ट आज अपना निर्णायक फैसला सुना सकता है। इस बीच, बुधवार को हरियाणा के एक सिख उपदेशक ने सिंघु बॉर्डर पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली। उपदेशक ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसने किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए खुदकुशी की। किसान संगठन अपने रुख पर अड़े हुए हैं। किसानों का कहना है कि सरकार जब तक तीनों कानूनों को रद्द नहीं करती तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
बातचीत भी करेंगे और प्रदर्शन भीः किसान संगठन
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद किसान संगठनों का कहना है कि वे सरकार के साथ बातचीत करेंगे लेकिन साथ-साथ में उनका प्रदर्शन भी चलता रहेगा। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रदर्शन और बातचीत दोनों साथ-साथ चलेंगे।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली बॉर्डर से हटाने के लिए दायर अर्जियों पर एससी में गुरुवार को सुनवाई हुई। बुधवार की अपनी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों के साथ सरकार की बातचीत का कोई हल नहीं निकला है। कोर्ट ने समस्या के समाधान के लिए एक समिति गठित करने का संकेत दिया है। अदालत ने कहा है कि इस समिति में सरकार, किसान संगठनों और विशेषज्ञ शामिल हो सकते हैं।