खराब निकले कृषि यंत्र की मरम्मत नहीं करने को राज्य उपभोक्ता आयोग ने सेवा में कमी माना और इस मामले में डीलर को कड़ी फटकार लगाते हुए एक लाख रुपये का हर्जाना लगाया है। हर्जाने का भुगतान किसान को करने का आदेश दिया है।
सतना के मझगवां निवासी किसान दिलीप कुमार दिवेदी ने फसलों की कटाई के लिए एक लाख रुपये में कृषि यंत्र (रीपर ग्रीव्स) खरीदा था, जो खराब निकला। किसान ने डीलर से इसकी शिकायत करके सही कराने का अनुरोध किया, लेकिन उसकी ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।इससे परेशान होकर किसान ने जिला उपभोक्ता आयोग में याचिका लगा दी। आयोग ने कंपनी को एक लाख रुपये की राशि वापस करने के निर्देश दिए, लेकिन उपभोक्ता संतुष्ट नहीं हुआ।
इसके बाद किसान राज्य उपभोक्ता आयोग पहुंचा। इसके करीब 10 साल बाद राज्य आयोग ने जिला आयोग के आदेश को सही ठहराया। आयोग ने कंपनी के डीलर को फटकर लगाते हुए कहा कि मशीन खराब देने से किसान को नुकसान हुआ। अब उसे मशीन की पूरी राशि और मानसिक क्षतिपूर्ति राशि दी जाए।राज्य उपभोक्ता आयोग में डीलर ने तर्क रखा कि किसान ने मप्र शासन की योजना का लाभ लेने की मंशा से गेहूं एवं धान काटने की मशीन खरीदी, जिसका वह आज भी उपयोग कर रहा है। इंजीनियर को भेजकर दिखवाया तो मशीन में कोई खराबी नहीं थी। राज्य आयोग ने डीलर के इस तर्क को स्वीकार नहीं किया।