जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर मैगनीज माइंस भरवेली में मायल प्रबंधन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिसमें अकुशल श्रमिकों से जोखिम भरे कार्य कराए जा रहे हैं। जिसका वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है । जिसका संज्ञान लेते हुए खदान ठेका श्रमिक संगठन ने अपना रोष व्यक्त करते हुए प्रबंधन पर मजदूरों की जान के साथ खिलवाड़ किए जाने का आरोप लगाया है। साथ ही इस पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही किए जाने की मांग की है। आपको बताएं कि भरवेली खदान में आए दिन हादसे होते रहते हैं, जिसकी कीमत वहा काम करने वाले मजदूरों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है । वही मायल हादसों में आए दिनों मजदूर घायल होते रहते हैं। उसके बाद भी मायल प्रबंधन की व्यवस्थाओं में सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। वही आए दिन अकुशल श्रमिकों से जोखिम भरे कार्य कराए जाते हैं । जिसपर अपनी नाराजगी जताते हुए खदान ठेका श्रमिक संगठन ने मायल की व्यवस्थाओं में सुधार लाने की मांग की है।
ना अनुभव ना ट्रेनिंग फिर भी करा रहे जोखिम भरे कार्य
बालाघाट की मैग्नीज माइंस में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है जहां एक निजी कंपनी के कुछ मजदूर जिन्हें उस कार्य का ना तो अनुभव है और ना ही उनके पास माइंस प्रबंधक के द्वारा उस कार्य को करने का अनुभव प्रमाण पत्र दिया गया है लेकिन फिर भी वे उस कार्य को करते दिखाई दे रहे हैं। जोकि माइंस प्रबंधन की एक बड़ी लापरवाही को उजागर कर रहा है जिसका वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।
अकुशल मजदूर, ब्लास्टिंग के लिए ढो रहे बारूद
सोशल मीडिया पर जारी वीडियो के मुताबिक बालाघाट जिले की प्रख्यात मैग्नीज माइंस की जो मैग्नीज और इंडिया लिमिटेड बालाघाट खान के नाम से जानी जाती है यह मुख्यालय से महज 5 किमी दूर भरवेली ग्राम मे संचालित है बता दें कि यह एशिया में सबसे बड़ी मैग्नीज उत्पादन माइंस है जहां मजदूरों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है यह वीडियो इसी माइंस से सामने आया है। वायरल इस वीडियो में साफ तौर से देख सकते हैं कि चाइना कोल थ्री नाम की एक निजी कंपनी में कार्यरत मजदूर जो की बेलमेन का कार्य कर रहा है तो वही दूसरे वीडियो में एक मजदूर दोनों हाथों में बारूद खोली से बारूद लाता दिखाई दे रहा है जबकि ऐसे कार्य एक कुशल श्रमिक के द्वारा ही कराया जाता है ।
वायरल वीडियो में जोखिम भरे कार्य करते दिख रहे और कुशल मजदूर
बताया जा रहा है कि बेलमेन कार्य यानी कि यह उस मशीन को ऑपरेट कर रहा है जो माइंस में कार्यरत मजदूरों को अंडरग्राउंड ले जाने और लाने का कार्य करती है जिसे घंटी (बेल) के इशारे से ऑपरेट किया जाता है जो काफी जोखिम भरा कार्य है। वही बारूद के लिए कुशल श्रमिक जिनका वीटी, व मेडिकल होना अतिआवश्यक है वही व्यक्ति इस कार्य को कर सकता है दरअसल बारूद का उपयोग अंडरग्राउंड में दगान (ब्लास्टिंग) के लिए होता है जोकि काफी अहम कार्य है बावजूद इसके बिना वीटी मेडिकल और बिना अनुभव प्रमाण पत्र के निजी कंपनियों के द्वारा यह कार्य मजदूरों से कराया जा रहा है जोकि माइन मैनेजमेंट की एक बड़ी लापरवाही को दर्शाता है । इस तरह से एक अहम और जोखिम भरे कार्य यहां अकुशल श्रमिक करते दिखाई दे रहे है निश्चिती ही इससे एक बड़ी दुर्घटना का अंदेशा लगाया जा सकता है जो माइंस मैनेजमेंट की घोर लापरवाही को दर्शा रहा है।
प्रबंधन व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
वही सोशल मीडिया में इस वायरल वीडियो के बाद अब माइन मैनेजमेंट पर कई तरह के सवालिया निशान खडे हो रहे है साथ ही खदान ठेका श्रमिक संगठन में भी अब काफी रोष व्याप्त है उन्होंने माइन मैनेजर नीलेश खेडेकर पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मैनेजर के द्वारा अपने स्वार्थ के चलते निजी कंपनियों से सांठगांठ कर मजदूरों से बिना वीटी, मेडिकल के और कम वेतन मे कार्य कराया जा रहा है और उनका शोषण भी किया जा रहा है संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि इस बात को लेकर और साथ ही अन्य मांगों को लेकर ज़ब वे माइन मैनेजर निलेश खेडेकर से चर्चा करने पहुंचे तो मैनेजर द्वारा उनकी बातों को अनसुना करते हुए टालमटोल कर उन्हें वहां से जाने कह दिया गया।