फेरे से बचने के लिए यात्री अपने वाहन को नांव में रखकर करते है सफर !

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खैरलांजी तहसील के अंतर्गत ग्राम घोटी से गोंदिया तहसील के धापेवाडा के बीच वैनगंगा नदी पर उच्च स्तरीय पुल बनने से वारासिवनी खैरलांजी विधानसभा क्षेत्र के साथ गोंदिया और तिरोडा तहसील की जनता को लंबी दूरी तय कर जाने से राहत मिल जाएगी। साथ ही भरी बारिश में नांव से चलकर जाने वाले लोगों को भी नांव से जाने के अंजाने भय से निजात मिल जाएगी।

निश्चित रूप से पुल बन जाने से जहां दोनों ओर की जनता को रोजगार सहित व्यापारिक दृष्टिकोण से भी राहत मिलेगी। जहां लोगो को अपनी हरी सब्जियां, दूध सहित अन्य उत्पादों को गोंदिया ले जाने में आसानी तो होंगी।

जनता को गोंदिया जाकर मेहनत मजदूरी करने में भी सुविधा होंगी। शहर में रोजगार मिल जाने से ग्रामीण जनता की आर्थिक स्थिति में भी इजाफा होगा। ऐसी स्थिति में इन दोनों राज्यों के बीच से होकर बहने वाली वैनगंगा नदी पर पुल बन जाने से काफी हद तक दोनों तहसीलों की आधा सैकडा से अधिक ग्राम की जनता को लाभ होगा और आने जाने में सुविधा होंगी। घोटी से देवरी गोंदिया या घोटी से धापेवाडा में से किसी एक के बीच पुल बन जाने से लोगों को काफी सुविधाएं और फायदे होंगी।

हालांकि इस घोटी घाट पर नाविक यहां वर्षों  से वैनगंगा नदी में इस पार से उस पर नांव का परिवहन होता है। नांव पर यात्रियों के अलावा उनके दुपहिया वाहनों को भी रखा जाता है मगर इस नांव घाट पर आज तक किसी तरह की कोई दुर्घटना नही होना नाविकों के अनुभव के साथ एक प्रकार से ईश्वरीय वरदान भी कहा जा सकता है।

जनपद पंचायत खैरलांजी के लेखपाल वाय एल भगत की जानकारी के अनुसार यह घाट लगभग १९७१ से शासकीय रूप से संचालित किया जा रहा है।   इंदल सिंह ठकरेले ने बताया कि यहां काफी वर्षों से नांव का परिचालन किया जा रहा है। 

 नाव चालक रामप्रसाद मेश्राम ने बताया कि दुपहिया वाहन के २० रुपये लिए जाते है। वहीं  पानी के बहाव को देखकर प्रति व्यक्ति १० रुपये,२० रुपये तो कभी ३० रुपये भी लिए जाते है। यह नाव घाट वर्षों से यहां पर संचालित किया जा रहा है। अभी तक किसी तरह की दुर्घटना फिलहाल इस घाट पर नही हुई है। पुल बनने से जहां लोगों को जाने आने में आसानी होंगी वहीं पानी के रुकने से जलस्तर बढने में भी सहयोग मिलेगा।

आपको बताये की इस नदी पर पुल बन जाने से घोटी और धापेवाडा में बीच की दूरी कम होकर मात्र १६ किलोमीटर रह जाएंगी। मतलब जितना समाय घोटी से खैरलांजी जाने को लगता है उतना ही समय घोटी से गोंदिया जाने में जनता को लगेगा। इससे दोनों प्रदेश की जनता का समय और धन दोनों की बचत होंगी। 

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