सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक ने गर्भपात के एक मामले की जांच पड़ताल कर रही अमेरिकी पुलिस के साथ एक यूजर की चैट हिस्ट्री को साझा तो यूजर्स में आक्रोश फैल गया है। फेसबुक ने अपनी बेटी के गर्भपात के लिए एक मां पर आपराधिक आरोप लगा जाने के बाद उनकी चैट हिस्ट्री को सरकारी अधिकारियों से शेयर किया। जून के अंत में अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट द्वारा गर्भपात के अधिकार को रद्द करने के बाद विशेषज्ञों ने इस तरह के मामले सामने आने की चेतावनी दी थी। क्योंकि बड़ी तकनीकी कंपनियों के पास यूजर्स की लोकेशन और व्यवहार के बारे में काफी डेटा जमा रहता है। एक खबर के मुताबिक मध्य-पश्चिमी अमेरिकी राज्य नेब्रास्का में 41 वर्षीय जेसिका बर्गेस पर गर्भावस्था को खत्म करने में अपनी 17 वर्षीय बेटी की मदद करने का आरोप लगाया गया। उन पर पांच आरोप लगाए गए। जिसमें 2010 का एक कानून भी शामिल है, जो गर्भ के केवल 20 सप्ताह बाद तक गर्भपात की अनुमति देता है। जबकि बेटी को तीन आरोपों का सामना करना पड़ा है, जिसमें एक गर्भपात के बाद भ्रूण को छिपाने या छोड़ना भी शामिल है।
फिर भी फेसबुक के मालिक मेटा ने मंगलवार को नेब्रास्का अदालत के आदेश पर अपना बचाव किया। डेटा सौंपने के बारे में पूछे जाने पर सिलिकॉन वैली की दिग्गज कंपनी फेसबुक ने सरकारी अनुरोधों का पालन करने की अपनी नीति की ओर इशारा किया। फेसबुक ने कहा कि जब कानून के लिए हमें ऐसा करने की जरूरत होती है, तो ऐसा किया जाता है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के काफी पहले ही नेब्रास्का ने गर्भपात के प्रतिबंधों को अपना लिया था। अमेरिका के करीब 16 राज्यों ने अपने अधिकार क्षेत्र में गर्भपात पर कुछ नियमों के तहत प्रतिबंध लगाया है।