फोन की जासूसी के कई एप, जिनका 7 दिन से इस्तेमाल नहीं उन्हें तुरंत हटाएं मोबाइल से, पेगासस खुलासे के बाद लोगों में फोन जासूसी की चर्चाएं

0

इजराइली मोबाइल जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के खुलासे के बाद से आम लोगों में चर्चा का मुद्दा यह है कि उनके मोबाइल फोन की जासूसी तो नहीं हो रही है, या कौन से तरीके हैं जिनसे ऐसी जासूसी से बचा सकता है। भास्कर की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि मोबाइल की जासूसी के लिए अभी 100 से ज्यादा एप उपलब्ध हैं।

ये आपके वाइस से लेकर चैट तक को पढ़ सकते हैं, तस्वीरें भी चुरा सकते हैं। अगर कोई इस तरह के किसी एप के जरिए आपसे कनेक्ट होने की कोशिश कर रहा हो तो क्या सावधानी बरतनी चाहिए? इस मुद्दे पर दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील व सायबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल तथा रायपुर एसएसपी अजय यादव ने सुरक्षा के कुछ उपाय सुझाव हैं।

इनमें सबसे महत्वपूर्ण यही है कि आपके मोबाइल फोन पर अगर कोई ऐसा एप है जिसका आपने पिछले 7 दिन से इस्तेमाल नहीं किया है, तो उसे तुरंत हटाना चाहिए। रायपुर एसएसपी ने बताया कि अब तक राजधानी में किसी व्यक्ति ने थाने आकर फोन की जासूसी की शिकायत नहीं की है। अगर ऐसा संदेह होता है तो पुलिस से मदद लेनी चाहिए।

हमें समझना होगा कि सायबर असुरक्षा के माहौल में जीना है, बचाव समझदारी से ही

सायबर एक्सपर्ट दुग्गल के अनुसार – पेगासस अब तक का सबसे उन्नत स्पाई साफ्टवेयर है। हालांकि इसके अलावा मोबाइल हैक करने या जासूसी के लिए मार्केट में कई एप हैं। इनसे फोन की जासूसी हो सकती है, बातचीत सुन सकते हैं, मैसेज और डेटा चुरा सकते हैं। यह बात क्लीयर समझनी होगी कि हम सायबर असुरक्षा के माहौल में हैं, जिससे सतर्कता व समझदारी ही बचा सकती है। सतर्कता का पहला पैमाना तो यही है कि अपने मोबाइल फोन पर वही एप (एप्लीकेशन) रखें, जो आपके लगातार उपयोग के हैं और सुरक्षित भी। जिन एप का नियमित उपयोग नहीं है, उन्हें डिलीट कर देना चाहिए।

मोबाइल कंपनियां समय-समय पर अपना साफ्टवेयर अपडेट कर खामियां दूर करती हैं, इसलिए हर अपडेट को डाउनलोड करते रहें। कोई भी पर्सनल डेटा या फोटो, जो आपकी फैमिली अथवा आर्थिक मामलों से जुड़ा हो, उसे फोन पर बिलकुल नहीं रखें। कोई भी एप डाउनलोड करें तो उसकी पॉलिसी पढ़ें, क्योंकि आम लोग अक्सर ऐसा नहीं करते। इसके अलावा, गेम और फैंटेसी एप से भी बचना चाहिए।

अभी नॉन जीरो क्लिक एप

पेगासस नॉन जीरो क्लिक एप है। इसका मतलब अगर किसी को आपके मोबाइल की जासूसी करनी है तो वह न कोई लिंक भेजेगा और न अनुमति लेगा। यानी किसी को पता नहीं चलेगा कि उसके फोन की जासूसी हो रही है। इसके अलावा जो स्पाई एप हैं, वे लिंक पर क्लिक करने या अनुमति देने के बाद ही जासूसी कर सकते हैं। इसलिए अलर्ट रहें किसी अनजान लिंक को सोच-समझकर क्लिक करें। मोबाइल क्लीनिंग टूल्स का उपयोग करें, क्योंकि इससे आपके मोबाइल से स्पाई एप क्लीन होंगे।

नीतिगत ढील का दुष्प्रभाव

कानूनी तौर पर या देश में हर व्यक्ति को जो मौलिक अधिकार मिले हुए हैं, उनमें बिना अनुमति किसी भी व्यक्ति की जासूसी नहीं की जा सकती है। सरकारी एजेंसियां ऐसा तभी कर सकती हैं, जब देश की अखंडता व सुरक्षा से जुड़ा मामला अा जाए। इसके लिए सरकारी एजेंसी तक को गृह विभाग के सचिव स्तर के अधिकारी से कारण बताते हुए लिखित अनुमति लेनी पड़ती है। फिर भी देश में इस तरह के मामले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि यहां सायबर सुरक्षा नीतियां कारगर रूप से लागू नहीं हैं।

हैकिंग से ठगी, जासूसी की रिपोर्ट नहीं
रायपुर एसएसपी यादव ने बताया कि राजधानी में मोबाइल वगैरह हैक कर अब तक ठगी के मामले ज्यादा आए हैं। फर्जी प्रोफाइल बनाने के भी एक-दो मामले हैं। लेकिन अब तक किसी व्यक्ति के मोबाइल की जासूसी की शिकायत पुलिस तक नहीं पहुंची है। बहुत सारे एप हैं, इसलिए यह आशंकाएं बढ़ रही हैं। अगर आपको लगता है कि आपके मोबाइल की जासूसी हो रही है, तो कुछ संकेत मिलते हैं। ऐसे में तत्काल पुलिस व सायबर सेल को सूचित करें। कोई नया एप डाउनलोड करने से बचें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here