फ्रंटलाइन वर्कर से लेकर दूसरे कर्मचारियों ने प्रिकॉशन डोज से बनाई दूरी

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कोरोना संक्रमण में महामारी से सुरक्षित रहने के लिए शासन द्वारा प्रिकॉशन डोज लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू किए जाने के महीना भर से अधिक हो गया, लेकिन पिछली बार की अपेक्षा इस बार कोरोना संक्रमण के प्रति लोगों में जागरूकता और सजगता कम दिखाई दे रही है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडे स्वयं इस बात को स्वीकार करते हैं कि पिछली बार की तुलना इस बार फ्रंटलाइन वर्करों ने भी प्रोटेक्शन डोज लगाने में जागरूकता नहीं दिखाई। 30 प्रतिशत फ्रंटलाइन और ग्राउंड लेवल कर्मचारियों ने ने प्रिकॉशन डोज नहीं लगाया है।

जानकारों की बातों पर यकीन किया जाए तो इस बार कोरोना की तीसरी लहर में पॉजिटिविटी का रेशो बहुत अधिक था। इस कारण लोग बहुत अधिक संख्या में पॉजिटिव हुए। हालांकि वायरल लोड कम होने की वजह से लोग 4 से 5 दिनों के भीतर ठीक भी हो गए। इसीलिए शायद लोगों द्वारा कोविड- वैक्सीनेशन से दूरी बनाई जा रही है। वहीं दूसरी और तीसरी लहर के दौरान पॉजिटिव हुए लोग कितने दिन बाद वैक्सीनेशन करवा सकते हैं इस विषय पर कोई गाइडलाइन भी जारी नहीं की गई है। जिसे देखते हुए शायद फ्रंटलाइन वर्कर और अन्य वर्करों द्वारा अभी कोरोना वैक्सीनेशन से दूरी बनाई जा रही है।

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