लालबर्रा (पद्मेश न्यूज)। वैनगंगा नदी के ढूटी बांध से निकली ढूटी वीयर वैनगंगा बड़ी नहर का अंग्रेजों के शासनकाल में किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने की मंशा से निर्माण किया गया था और इस वैनगंगा बड़ी नहर का पानी ढूटी से निकलकर विभिन्न ग्रामों से होते हुये खैरलांजी तक पहुंचता है/ जिससे क्षेत्रीय किसान फसल में सिंचाई कर फसल उत्पादन करते है। इस वैनगंगा नहर की खराब स्थिति को देखते हुये शासन के द्वारा विगत वर्ष पूर्व करोड़ों रूपयों की लागत से सीमेन्टीकरण का कार्य किया गया है और आवश्यकतानुसार ग्रामीणों व किसानों के आवागमन के लिये जगह-जगह से पुलिया का भी निर्माण किया गया है परन्तु नहर के सीमेन्टीकरण के साथ ही कुछ स्थानों पर नवीन पुलिया का निर्माण नही किया गया है और ना ही इन क्षतिग्रस्त पुलिया का किसी तरह का मरम्मत कार्य प्रशासन के द्वारा करवाया गया है / जिसकी वजह से यह पुलिया जीर्णशीर्ण हो चुके है एवं दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे है। इसी तरह ग्राम खारी के समीप से गुजरी ढूटी वीयर वैनगंगा बड़ी नहर में खारी-बकोड़ा को जोडऩे के लिए अंग्रेजों के शासनकाल में एक छोटे से पुलिया का निर्माण किया गया था जो कि बेहद पुराना होने के कारण देखरेख के अभाव में जीर्णशीर्ण हो चुका है एवं पुलिया के दोनों ओर गहरे गड्ढे बनने के कारण धीरे धीरे मिट्टी भी धसक रही है /यदि जल्द ही जल संसाधन विभाग के द्वारा पुलिया का मरम्मत कार्य नही करवाया गया तो वह क्षतिग्रस्त होने के साथ ही ढह भी सकता है जिससे खारी-बकोड़ा सहित अन्य ग्रामों का संपर्क टूट जायेगा। इसी तरह अन्य स्थानों पर सीमेंटीकरण नहर की पार क्षतिग्रस्त होने के साथ ही मिट्टी धसकने लगी है, नहर में अधिक पानी बहने पर पार की मिट्टी भी धसक सकती हैं जिससे पार के फूटने की संभावना बनी हुई हैं/इसलिए किसान एवं ग्रामीणजनों ने जीर्णोशीर्ण पुलिया एवं क्षतिग्रस्त नहर का मरम्मत जल्द करवाने की मांग शासन प्रशासन से की हैं/
कभी भी घटित हो सकती है बड़ी दुर्घटना, जिम्मेदार मौन
आपकों बता दे कि यह ढूटी वीयर बड़ी नहर ग्राम खारी व बकोड़ा के बीच से निकली है जो दोनों ग्रामों को जोड़ती है एवं यह नहर ढूटी से निकलकर खैरलांजी तक जाती है। इस नहर के पानी से क्षेत्रीय किसान अपनी खेती को सिंचित कर फसल का उत्पादन करते है और किसानों के आवागमन के लिये इस नहर पर एक पुलिया का निर्माण किया गया था जो कि बकोड़ा एवं खारी को आपस में जोड़ता है जिससे किसान अपने खेतों तक कृषि उपकरण, फसल, अनाज, खाद, बीज सहित अन्य सामान लेकर आना जाना करते है परंतु इस पुलिया का उचित ढंग से देखरेख व मरम्मत कार्य नहीं होने के कारण पुलिया के दोनों ओर गहरे गड्ढे बन चुके है और धीरे धीरे इस स्थान से मिट्टी भी धसक रही है जिससे क भी भी यह पुलिया धसक सकता है या टूट सकता है। वहीं पुलिया के दोनों ओर बने गहरे गड्ढे रात्रि में आवागमन के दौरान दिखाई नहीं पड़ते है जिससे लोग दुर्घटना का भी शिकार हो रहे है। साथ ही यह पुलिया खारी से बकोड़ा पहुंच मार्ग को भी आपस में जोड़ता है जो कि एक कच्चा मार्ग है जिसका लंबे समय से मरम्मत कार्य भी नही करवाया गया है जिसके कारण बारिश होने पर आवागमन करने में बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं इस मार्ग से खारी, खिर्र्री, बेलगांव, मुरझड़ सहित अन्य ग्रामों के ग्रामीणजनों वारासिवनी, बालाघाट, कटंगी के लिये इस मार्ग का भी उपयोग करते है/ जिन्हे परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं और मार्ग में बने गड्डों के कारण दुर्घटनाएं भी घटित हो रही है। यदि पुलिया टूट जाता है तो खारी की सीमा में बकोड़ा एवं बकोड़ा की सीमा में खारी के किसानों की खेती है वे अपने खेत नही जा पायेगें जिससे उनकी फसल भी प्रभावित हो सकती है और दोनों गांवों का संपर्क भी टूट जायेगा। चर्चा में किसान एवं ग्रामीणों ने बताया कि ढूटी वीयर वैनगंगा बड़ी नहर में खारी से बकोड़ा को जोडऩे के लिये बनाये गये अंग्रेजों के शासनकाल में छोटा पुलिया का निर्माण किया गया है परन्तु देख-रेख के अभाव में जर्जर होने के साथ ही दोनों ओर से मिट्टी पानी के तेज बहाव में कटने लगी है जिससे पुलिया किसी भी समय बहकर ढह सकता है और पुलिया से आवागमन करते अनियंत्रित होकर नहर में गिर सकते है जिससे बहुत बड़ा हादसा घटित हो सकता है और क्षतिग्रस्त होने के कारण आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं पुलिया के दोनों ओर बने गड्ढे दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा हैं/इसलिए जल संसाधन विभाग से मांग है कि जीर्णशीर्ण पुलिया का मरम्मत कार्य या फिर नवीन निर्माण एवं सडक़ विभाग पक्की सडक़ का निर्माण करवाये जाने की मांग की हैं/