बच्चे की मौत पर परिजनों ने मचाया जमकर हंगामा

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बालाघाट(पदमेश न्यूज़)।नगर मोती नगर रोड़ स्थित न्यू समर्पण अस्पताल में मंगलवार की रात उस वक्त हंगामा मच गया। जब उपचार के लिए भर्ती एक बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गई। इस पर बच्चे के परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा मचाया। जिसमें परिजनों ने बच्चे के उपचार के नाम पर रुपयो की वसूली करने, और बच्चे की मौत होने पर भी परिजनों को किसी प्रकार की जानकारी ना देते हुए, मृतक बच्चे को सीधे जिला अस्पताल पहुचने का आरोप लगाया ही। वही मामले की शिकायत कोतवाली पुलिस से की।जहां परिजनों की शिकायत पर मौके पर पुलिस द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

उल्टी दस्त होने पर 23 अप्रैल को कराया गया था भर्ती
प्राप्त जानकारी के अनुसार वारासिवनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम कासपुर के आमाटोला निवासी प्रकाश घटरे का 1 वर्ष 02 माह के पुत्र लोकेश घटरे को 22 अप्रैल से उल्टी दस्त हो रहे थे जिस पर उनके परिजनों ने 23 अप्रैल को बच्चों को न्यू समर्पण हॉस्पिटल बालाघाट में भर्ती कराया था। जहां चिकित्सक डॉक्टर आशीष गिरी द्वारा बच्चे का उपचार किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि बच्चे की तबीयत में सुधार था। बच्चा खेल भी रहा था और जूस पी रहा था। लेकिन बीती रात 29 अप्रैल को अचानक बच्चे की मौत हो गई। लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा इसकी जानकारी बच्चों के पिता या अन्य परिजनों को नहीं दी गई।

बच्चे की मौत होने पर बिना बताए बच्चे को पहुचा दिया जिला अस्पताल,
मृतक बच्चे के परिजनों का आरोप है कि बच्चे की मौत होने के बाद चिकित्सक और वहां के कंपाउंडर ने आईसीयू वार्ड अंदर से बंद कर दिया।चोरी छुपे बच्चे को सफेद कपड़े में लपेटकर लिफ्ट के माध्यम से नीचे ले आए और बच्चों के पिता प्रकाश घटरे को एंबुलेंस में बैठकर सीधा जिला अस्पताल ले आए। बताया गया कि चिकित्सक द्वारा बच्चे के पिता को यह कहकर एंबुलेंस में बैठाया गया था कि चलो जिला अस्पताल से आते हैं। जिस पर उन्होंने मना कर दिया। लेकिन पिता को जबरदस्ती उन्होंने एंबुलेंस में बैठा लिया। तब तक बच्चे की मौत की जानकारी चिकित्सक द्वारा बच्चे के पिता को नहीं दी गई। जब जिला अस्पताल में सरकारी चिकित्सकों ने बच्चों की जांच करने के लिए उसे टेबल पर लेटाया, तो बच्चों के शरीर पर लिपटा हुआ कपड़ा हवा से अलग हो गया। इसके बाद प्रकाश कटरे ने कहा कि ये तो मेरा बेटा है।इसे जिला अस्पताल क्यो लाया गया है।वही पर उसे उसके पुत्र की मौत होने की जानकारी मिली। उधर जिला अस्पताल चिकित्सक द्वारा बच्चे की जांच कर बच्चे के पिता को बताया गया कि उनके बच्चे की करीब 02 घंटे पूर्व ही मौत हो चुकी है।

बच्चे की मौत की जानकारी मिलते ही परिजनों ने अस्पताल पहुचकर मचाया हंगामा
उधर रात में बच्चे की मौत की जानकारी मिलती ही बच्चों के परिजन आवेश में आ गए और उन्होंने न्यू समर्पण अस्पताल पहुंचकर देर रात जमकर हंगामा मचाया। वहीं चिकित्सकों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत बुधवार की सुबह कोतवाली पुलिस में की है। जिसमें उन्होंने संबंधित अस्पताल चिकित्सक पर वैधानिक कार्यवाही कर उन्हें न्याय दिलाए जाने की गुहार लगाई है। जहां परिजनों से मिली शिकायत पर कोतवाली पुलिस द्वारा इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

भर्ती के कागजात तक नही दे रहा अस्पताल प्रबंधन
परिजनों का आरोप है कि 22 अप्रैल से लेकर 29 अप्रैल तक बच्चे का उपचार न्यू समर्पण अस्पताल में चला इस दरमियान करीब 15000 की दवाइयां का खर्चा आया, जिसमें से उन्होंने 8 से 10 हजार रु मेडिकल स्टोर में जमा किए थे। तो वही उपचार का कुल खर्च अस्पताल प्रबंधन द्वारा 50 से 60, हजार रुपए बताया गया था। जिसमें से उन्होंने15 से 17 हजार रुपए अस्पताल में जमा कराए थे। परिजनों का आरोप है कि बच्चे की मौत होने के बाद भी अस्पताल द्वारा उन्हें इसकी जानकारी नही दी गई वही अब बार बार मिन्नते करने पर भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा बच्चे के भर्ती के कागजात, उपचार फाइल, अन्य प्रकार के टेस्ट और बिल आदि के कागजात अस्पताल प्रबंधन द्वारा नहीं दिए जा रहे हैं। बच्चों की मौत के बाद भी अस्पताल वाले सिर्फ पैसा वसूल पर रहे, लेकिन बच्चे की मौत की जानकारी नहीं दी। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर भारी लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए इस पूरे मामले की वैधानिक जांच कर आरोपियों पर कार्यवाही किए जाने की गुहार लगाई है।

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