मध्यप्रदेश में स्कूल वाहनों के साथ लगातार हो रही दुर्घटनाओं को मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लिया है। पहले भी इस संबंध में आयोग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन लगातार यह देखने में आ रहा है कि उच्च न्यायालय एवं आयोग के दिशा-निर्देशों का जिला स्तर पर कड़ाई से पालन नहीं हो रहा है। इससे बच्चों की जान का जोखिम लगातार बना हुआ है।इस संबंध में आयोग ने डीसीपी (यातायात), सभी जिले के परिवहन अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारियों को व्यवस्थाओं को लेकर आयोग ने स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) जारी की है। आयोग ने अनुशंसा की है कि स्कूल वाहन बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखें, नहीं तो कार्रवाई होगी। सप्ताह में दो बार स्कूल बस, प्रायवेट वैन, मैजिक एवं अन्य वाहन, जो बच्चों का स्कूल आवागमन में उपयोग होते हैं, उनकी जांच सुनिश्चित होनी चाहिए। इन सभी सुझावों पर संबंधितों को आवश्यक दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन कराना सुनिचित कराकर आयोग को अवगत कराएं। स्कूल आवागमन के सभी वाहनों को आवश्यक रूप से पीले रंग में होना चाहिए। वाहनों पर स्कूल का नाम, दूरभाष नंबर एवं चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर अंकित होना चाहिए। दस्तावेजों की कमी होने पर या लगातार यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर यातायात नियमों के अंतर्गत दंडात्मक कार्यवाही की जाए। स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे, दो दरवाजे, स्पीड गवर्नर, मेडिकल किट, अग्निशमन यंत्र एवं फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से होना चाहिए। स्कूल आवागमन के अन्य वाहन जैसे वैन, मैजिक, टैंपू आदि वाहनों में स्पीड गर्वनर व फिटनेस सर्टिफिकेट आवश्यक रूप से हो। सभी स्कूली वाहनों में महिला अटेंडेंट उपस्थित होना चाहिए । सभी स्कूल वाहनों, बस, वैन, मैजिक एवं आटो के ड्रायवरों/ अटेंडेंटों का भी पुलिस वैरिफिकेशन कराकर उनके रिकार्ड रखना स्कूल की जिम्मेदारी होगी । सभी वाहनों का संचालन अवैध रूप से लगी हुई गैस किट से ना हो। बच्चों को स्कूल के लिए सभी वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चे ना बैठें, यह सुनिश्चित किया जाए।स्कूलों के सामने जेब्रा क्रासिंग, स्पीड ब्रेकर एवं साइन बोर्ड आदि लगे हो। स्कूल वाहनों में तेज आवाज में म्यूजिक, वाहन चालक द्वारा शराब या धूम्रपान का सेवन करते हुए वाहन ना चलाया जाए। अभिभावकों से स्वघोषणा पत्र स्कूलों द्वारा भरवाया जाए। मालूम हो कि स्कूल बसों और वैन में ओवरलोडिंग के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं। सोमवार को उज्जैन जिले में स्कूल वाहन में ओवर लोडिंग और अधिक स्पीड के कारण दुर्घटना की घटना सामने आई है। इससे कई बच्चों की जान चली गई और कई बच्चे घायल भी हुए हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने बाल आयोग ने जरुरी कदम उठाने के निर्देश जारी किए है।