बच्चों को घर से बाहर भेजने से कतरा रहे परिजन

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बालाघाट(पदमेश न्यूज़)
केवल बालाघाट नगर ही बल्कि पूरे जिले में कुछ वर्ष पूर्व से शुरू हुई आवारा श्वानों से परेशानी की समस्या अब बढ़ते जा रही है। आलम यह हो गया है कि शहर के प्रमुख चौराहों व गलियों से राहगीरों का पैदल चलना भी दूभर हो रहा है। हाथों में बैग व थैला लेकर चलने वाले राहगीरों को ये आवारा श्वान न सिर्फ दौड़ाकर भयभीत कर रहे हैं, बल्कि अपने जहरीले नुकीले दांतों व पंजों से वार कर जख्मी भी कर रहे हैं।बात अगर नगर की करें तो नगर में आवारा श्वानों की तादाद इतनी अधिक बढ़ गई है कि अब लोग अपने बच्चों को अकेले घर से बाहर भेजने में भी हिचकिचाने लगे हैं जहां नगर के मुख्य मार्ग सहित अंदर गलियों में भी आवारा कुत्तों का ख़ौफ़ देखा जा रहा है।वही बात अग पशु चिकित्सा विभाग द्वारा जारी आंकड़ों की करे तो 2007 से अब तक ऐसे आवारा श्वानों ने करीब 35 हजार से अधिक लोगों को काटकर जख्मी किया, जिन्होंने रेबीज के इंजेक्शन लगाकर अपना उपचार करवा चुके हैं। यह आंकड़ा वर्ष 2012 तक का है आगामी समय के आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं।

आए दिनों बढ़ रही श्वानों की संख्या
पिछले आंकड़ों पर गौर किया जाए तो उन आकड़ो के अनुसार वर्ष 2012 में जिलेभर में ऐसे आवारा श्वानों की संख्या करीब 20 हजार से अधिक थी। वहीं वर्तमान वर्ष तक इनकी संख्या में 50 से 60 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो गई है। इन आवारा श्वानों की लगातार संख्या बढऩे के कारण अब यह श्वान मुख्य मार्गो व चौराहों में बड़ी संख्या में दिखाई देने लगे हैं, जो राह चलते आमजन पर अचानक से हमला कर या दौड़ाकर भय का माहौल निर्मित कर रहे हैं।

इन मार्गो को श्वानों ने बना रखा है अपना अड्डा
आवारा श्वानों को लेकर नगर में किए गए मुआयने में आवारा श्वानों की सर्वाधिक संख्या व समस्या शहर के काली पुतली, बस स्टैंड, बैहर रोड़, मेन रोड़ वार्ड नंबर 24 जुग्गी झोपड़ी, रामगली, वार्ड 6 देवी तालाब के समीप,बैहर रोड़ वार्ड 10, 03, 04, 07, 09 व गोंदिया रोड में दिखाई दी। इन स्थानों में 24 घंटे इन श्वानों की गर्दी रहती है, जो इन मार्गो व चौराहों से गुजरने वाले चालकों व राहगीरों के लिए सिरदर्द बन रहे हैं। इन क्षेत्रों में आए दिन आवारा श्वानों के अचानक से भौंक कर व आपस में लड़ाई कर दुर्घटना कारित किए जाने के मामले में भी आए दिन सामने आ रहे हैं।

वर्ष 2012 के बाद आज तक नही कि गई जनगणना
बात अगर आवारा श्वानों की करें ,तो केवल बालाघाट नगर ही नहीं,, बल्कि सम्पूर्ण जिले में आवारा श्वानों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ गई है।जिसके वर्तमान आंकड़े भी पशु चिकित्सा विभाग या प्रशासन के पास नहीं है। वहीं अगर बात इसके सर्वे की करें तो वर्ष 2012 में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा संपूर्ण जिले में आवारा श्वानों का सर्वे किया गया था। उस समय बालाघाट नगर में आवारा श्वानों की संख्या 3244 थी वहीं जिले में आवारा श्वान 20,712 थे ।पशु चिकित्सा विभाग द्वारा वर्ष 2012 में किए गए सर्वे के बाद अब दिसंबर 2024 में सर्वे शुरू किया है।जो पूरा नही हो पाया है। जिसके चलते विभाग द्वारा नए आंकड़े फिलहाल जारी नही किए गए है। वहीं 12 वर्षों से ना तो आवारा श्वानों को चिन्हित कर उनकी नसबंदी की गई है और ना ही जिला स्तर पर उनके आंकड़े जुटाए गए हैं। केवल बीच मे नपा ने छिड़वाड़ा से केचर मंगाकर कुछ श्वानों की नसबंदी कराई थी।लेकिन सभी आवारा श्वानों की नसबंदी नही कराई गई।इस तरह नपा ने इस दिशा में कुछ काम दिखाकर खाना पूर्ति कर ली।मतलब साफ है कि वर्ष 2012 में जिले में आवारा श्वानों की संख्या 20,000 से अधिक थी तो 12 वर्ष बाद उनकी जनसंख्या दुगनी से अधिक हो गई होगी। जिस पर किसी का कोई ध्यान नहीं है। वही जिम्मेदार भी इस पर कोई एक्शन नहीं ले रहे हैं।अभी बीच मे सिर्फ खाना पूर्ति कर बाकी श्वानो को सड़को में ही घूमने दिया गया। जिसके चलते आवारा श्वानों की तादाद रोजाना बढ़ती जा रही है।

2019 में कोविड के चलते नही हो सकी थी गणना,
पशु चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2012 में आवारा श्वानों का सर्वे करने के बाद वर्ष 2019 में आवारा श्वानों का पुनः सर्वे कर नसबंदी कराए जाने के आदेश आए थे।लेकिन इससे पहले की विभाग आवारा श्वानों को चिन्हित कर उनका सर्वे करता और उन आवारा श्वानों की नसबंदी की जाती उसके पूर्व कॉविड-19 आ गया और कोरोना संक्रमण के चलते सर्वे का यह कार्य पेंडिंग हो गया। अब एक बार फिर सर्वे कराने के निर्देश सितंबर माह में मिले थे।जहा 31 दिसंबर तक सभी पशुओं का सर्वे कार्य कर उनकी गणना की जानी थी।लेकिन जो काम 31 दिसंबर तक पूरा हो जाना था उस कार्य को दिसंबर माह से शुरू किया गया है।जिसका सर्वे शुरू है।इसलिए इसके ताजा आंकड़े नही मिल पाए है।

पिछले दिनों की गई थी 100 से 150 श्वानों की नसबंदी
आवारा श्वानों को लेकर भले शहरवासी परेशान हो रहे हो, लेकिन नपा ने अब तक इस दिशा में कोई पहल शुरू नहीं की।सिर्फ बीच मे करीब 100 से 150 श्वानों की नसबंदी कराकर खाना पूर्ति की गई है। वर्तमान में आवारा मवेशियों की तरह ही श्वानों पर अंकुश लगाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।

वर्ष 2012 के सर्वे के अनुसार जिले में आवारा श्वानों की स्थिति
पशु चिकित्सा विभाग द्वारा में वर्ष 2012 में आवारा श्वानों का सर्वे कराया गया था। जिसके मुताबिक वर्ष 2012 में 20,000 से अधिक आवारा श्वान थे जबकि दरवर्ष उनकी जनसंख्या में बढ़ोतरी की बात कही जा रही है। पशु चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आवारा श्वानों के आंकड़े व बढ़ोत्तरी।
ब्लॉक जनसंख्या बढ़ोत्तरी
बालाघाट 3244 1622
वारासिवनी। 4152 2076
कटंगी 1644 0822
खैरलांजी 1155 0577
लालबर्रा 2111 1055
किरनापुर 0935 0467
लांजी 1580 0790
बैहर 2096 1048
बिरसा 2699 1349
परसवाड़ा 1096 0548
कुल 20,712 10356
नोट- (यह आंकड़े वर्ष 2012 के है,उसके बाद इस वर्ष हाल ही में सर्वे शुरू किया गया है।जिसके आंकड़े नही आए है)

कुत्ते आदमखोर हो गए हैं सीधे बच्चों पर हमला करते हैं- शाहबाज खान
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान स्थानीय नागरिक शहबाज खान ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से कुत्तों की तादाद काफी बढ़ गई है जो रात के समय कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है।इनमें से कुछ कुत्ते तो आदमखोर हो गए हैं जो सीधे बच्चों पर हमला करते हैं। इसीलिए हमने बच्चों का घर से बाहर निकलना भी बंद कर दिया है। यदि कहीं आना-जाना हो तो हम साथ में बच्चों को लेकर जाते हैं ताकि वे कुत्तों के हमले से बचे रहे।केवल हमारे मोहल्ले ही नहीं बल्कि प्रत्येक मोहल्ले में यही हाल है। कुत्तों की तादाद काफी बढ़ गई है जिसपर नगर पालिका कोई ध्यान नहीं दे रही है। यह कुत्ते पालतू नहीं बल्कि आवारा है पिछली बार डॉग कैचर टीम कब आई ,कब चली गई और उसने क्या करी, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है। हमारी मांग है कि अभी से इन पर पाबंदी लगाई जाए नहीं तो आने वाले समय में यह घातक सिद्ध होंगे।

सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है -परते
इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान पशु चिकित्सक डॉ घनश्याम परते ने बताया कि जिले में सभी मवेशियों का सर्वे 31 दिसंबर तक होना था।लेकिन किसी कारण से नही हो सका है।वर्तमान समय में मवेशियों के सर्वे का काम शुरू है पूरे जिले से श्वान सहित अन्य मवेशियों आंकड़े फिलहाल जिला मुख्यालय नहीं पहुंचे हैं।जैसे ही सर्वे पूरा हो जाएगा नए आंकड़े जारी कर दिए जाएंगे।

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