राजधानी में बस चालकों की मनमानी आजकल चरम पर है। बस चालकों की मनमानी के कारण सडक पर हमेशा जाम लगने की स्थिति निर्मित हो रही है। सवारियों को बिठाने के चक्कर में निर्धारित बस स्टॉप पर बस खडी करने के बजाय वे हर कहीं बस को खडा कर देते हैं। इस वजह से पैदल राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पडता है। कार्यालय, स्कूल और अन्य काम से जाने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पडता है। पुलिस भी इन बस चालकों पर नजर रखने की वजह अनदेखा करती है।आला अधिकारियों के पास अब इस मामले शिकायत भी पहुंचना शुरू हो गई है। जानकारी के मुताबिक राजधानी के चाहे लाल बस हो या फिर नगर यात्री सेवा का निजी वाहन वह अपनी मनमर्जी सडको पर वाहन चला रहे थे। बस चालकों को हालत यह है कि बस अड्डा हो या फिर रेलवे स्टेशन वहां तो वह अपनी मर्जी से रूकते ही है। उसके अलावा वह शहर के मुख्य स्थान जैसे बोर्ड ऑफिस, कोलार चौराहा, हमीदिया रोड, डीआइजी बंगला, निशातपुरा, करोंद, मीनाल व जेके रोड पर इन बसों के बिना कारण सडक पर सवारी के बस खडे होने से से लोग परेशान हो गए हैं। हालांकि उनकी हाल्ट दो से पांच मिनट की रहता है,लेकिन इससे सडको पर वाहन की रफ्तार रुक जाती है और उसे लोग परेशान होती है। इस को लेकर होशंगाबाद रोड निवासी आलोक कुमार का कहना है वह रोजाना इसी कारण से अपने ऑफिस पहुंचने में लेट हो जाते हैं और उनको अपने बास की फटकार खानी पडती है। इसी तरह से अमित मिश्रा ने बताया कि अचानक से बसों के रुकने के कारण हादसे हो जाते हैं। राजधानी की ट्रेफिक पुलिस को इन बस चालकों पर भी निगरानी करना चाहिए। किस तरह से वह बस चलाकर हादसे करते हैं। इस बारे में टीआई ट्रैफिक विशाल मालवीय का कहना है कि ऐसी बसों पर पुलिस द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जाती हैं। बस चालकों पर कार्रवाई करने का यह कार्य सतत जारी रहता है।