एलन मस्क ट्विटर पर हंटर बिडेन स्टोरी कवर-अप किए जाने के फैसले की असलियत सामने ले आए हैं। दरअसल, मस्क ने अपनी माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर ‘ट्विटर फाइल्स’ नाम की सीरीज शुरू की है। इसके तहत वो सेंसरशिप और ट्विटर पर सूचनाओं को दबाए जाने से जुड़ी जानकारी शेयर कर रहे हैं।
न्यूयॉर्क पोस्ट ने 2 साल पहले, यानी साल 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे हंटर बाइडेन की अय्याशियों और जो बाइडेन ने जो करप्शन किया था उसका पर्दाफाश किया था। ये खुलासा हंटर के लैपटॉप से मिले डेटा से हुआ था। इसके मुताबिक, हंटर ने पिता जो बाइडेन की पहुंच का फायदा उठाते हुए लाखों डॉलर स्ट्रिपर्स और कॉलगर्ल्स पर खर्च किए थे।
बाइडेन की टीम ने इस खबर को दबाने की और ट्विटर से इसे हटाने की कोशिश की थी। अब मस्क ने ट्विटर सेंसरशिप पॉलिसी से जुड़ी डिटेल्स पब्लिक की है।
‘ट्विटर फाइल्स, पार्ट वन’ में खुलासा
ट्विटर ने असाधारण कदम उठाए थे
जर्नलिस्ट के मुताबिक, 14 अक्टूबर 2020 को न्यूयॉर्क पोस्ट ने हंटर बाइडेन के लैपटॉप से मिले सीक्रेट ई-मेल पब्लिश किए थे। इसके आधार पर लाखों डॉलर अय्याशी पर खर्च किए जाने का दावा किया गया था। इसके बाद ये खबर ट्विटर पर शेयर हुई थी।
जैक डॉर्सी को मामले की जानकारी नहीं थी
पत्रकार मैट के ट्वीट के मुताबिक, ट्विटर कंपनी ने ये खबर दबाने के लिए असाधारण कदम उठाए थे। कंपनी ने ट्वीट को डायरेक्ट मेसेज से जरिए भेजे जाने वाले ऑप्शन को ब्लॉक कर दिया था। ऐसे कदम चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से जुड़े गंभीर मुद्दे पर उठाया जाता है। कंपनी ने खबर से जुड़े सारे लिंक हटाते हुए ‘अनसेफ’ वाली वॉर्निंग पोस्ट कर दी थी। ये सभी फैसले कंपनी के टॉप अफसरों ने लिए थे। हालांकि, तत्कालीन CEO जैक डॉर्सी को इसकी जानकारी नहीं थी। इसमें कपंनी लीगल, पॉलिसी एंड ट्रस्ट के हेड विजया गड्डे की अहम भूमिका थी।
एक अधिकारी ने विजया गड्डे से कहा था कि उसे समझ नहीं आ रहा की आखिर हंटर बाइडेन से जुड़ी खबरें ‘अनसेफ’ कैसे हैं। लैपटॉप से मिली जानकारी सामने आने के बाद कुछ सूत्रों का कहना था कि हंटर बाइडेन का लैपटॉप हैक हुआ है। इस पर एक ट्विटर कर्मचारी का कहना था कि ये सब अफवाह है।
ट्रम्प ने बनाया था बाइडेन पर दबाव
अमेरिका में 2020 में हुए राष्ट्रपति चुनाव से कुछ वक्त पहले ही हंटर बाइडेन लैपटॉप कॉन्ट्रोवर्सी सामने आई थी। तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दोबारा चुनाव जीतने के लिए इस मुद्दे को उठाते हुए बाइडेन पर दबाव बनाया था। उन्होंने कहा था कि बाइडेन को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। ट्रम्प इस मामले में FBI जांच करवाना चाहते थे। इलेक्शन कैंपेन के दौरान ट्रम्प को काफी गुस्से में देखा जा रहा था, क्योंकि मीडिया हंटर बाइडेन को एक्सपोज नहीं कर रही थी।
ट्रम्प का सपोर्ट करते हैं मस्क
ट्विटर को खरीदने के बाद मस्क ने ट्रंप का ट्विटर हैंडल भी बहाल कर दिया था। हालांकि, ट्रंप ने कहा था कि वो अब ट्विटर पर कुछ भी लिखने के पक्ष में नहीं हैं।
मस्क, ट्रम्प समर्थक हैं। हाल ही में हुए अमेरिकी मिडटर्म इलेक्शन के वक्त मस्क ने लोगों से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपबल्किन पार्टी को वोट देने की अपील की थी। हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में ट्रम्प की पार्टी की जीत हुई। जनवरी में हाउस रिपब्लिकन पार्टी के कंट्रोल में आ जाएगा। यानी यहां जीतने वाले सभी रिपब्लिकन नेता जनवरी में पद ग्रहण कर लेंगे। ऐसे में संसद में ट्रम्प की पार्टी का दबदबा होगा। माना जा रहा है, यही वजह है कि मस्क, बाइडेन के खिलाफ जाकर सेंसरशिप पॉलिसी की फाइल्स सार्वजनिक कर रहे हैं।