अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से परमाणु तबाही का खतरा अपने चरम पर है। बाइडेन की यह चेतावनी उस समय पर आई है, जब रूसी अधिकारी लगातार यूक्रेन के खिलाफ परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दे रहे हैं। सात महीने से अधिक की लड़ाई में रूस को कोई मोर्चों पर पीछे हटना पड़ा है। यूक्रेन को लेकर रूस और पश्चिम के बीच तनाव अपने चरम पर है, क्योंकि पिछले दिनों रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कब्जे वाले यूक्रेनी इलाकों की रक्षा के लिए किसी भी माध्यम के इस्तेमाल की धमकी दी थी। दूसरी ओर नाटो प्रमुख ने भी कहा था कि पुतिन ने दुनिया को परमाणु तबाही के और करीब लाकर खड़ा कर दिया है।
बाइडन ने कहा कि पुतिन वह व्यक्ति हैं, जिन्हें मैं बेहद अच्छी तरह जानता हूं और ‘जब वह परमाणु हथियारों या जैविक या रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की बात करते हैं तब वह मजाक नहीं कर रहे होते हैं’। बाइडन ने कहा कि हमने कैनेडी और क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से इस स्तर की परमाणु तबाही की संभावना का सामना नहीं किया।
बाइडेन के मुताबिक पुतिन से खतरा वास्तविक है, क्योंकि उनकी सेना खराब प्रदर्शन से जूझ रही है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बाइडन रूस के इरादों को लेकर किसी तरह के नए आकलन का जिक्र कर रहे थे। हाल ही में अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि उन्होंने रूस के परमाणु बलों में कोई बदलाव नहीं देखा है, लिहाजा अमेरिकी परमाणु बलों की सतर्क मुद्रा में बदलाव की आवश्यकता है।
फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से पुतिन कई बार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की चेतावनी दे चुके हैं। पिछले महीने उन्होंने 3 लाख रिजर्व रूसी सैनिकों की आंशिक तैनाती की घोषणा करते हुए कहा था कि मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि हमारे देश के पास तबाही के विभिन्न साधन मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि जब हमारे देश की अखंडता को खतरा महसूस होगा, तब रूस और अपने लोगों की रक्षा के लिए हम निश्चित तौर पर उन सभी साधनों का इस्तेमाल करेगा। पुतिन ने कहा कि यह कोई मजाक नहीं है।