क्षेत्र में लगातार जंगली जानवर की हलचल से ग्रामीण भयभीत हैं। ग्राम कुडूझेता में बीते एक सप्ताह से लगातार दो जंगली जानवरों के गुर्राने और देखे जाने पर ग्रामीणों की नींद उड़ गई है। मंगलवार को दोपहर के समय जामला में एक साथ दो भारी भरकम जानवरों के पानी की टंकी के पास से गुजरने पर 20 से अधिक ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए टंकी पर चढ़ गए। ग्रामीणों की हालत ऐसी हो गई है कि खेत में काम करने के दौरान कभी भी जंगली जानवरों के गुर्राने की आवाज सुनाई पड़ती है, तब उन्हें भागकर घर आना पड़ता है।
बीते कई दिनों से ग्राम जामला और कुडूझेता की सरहद के जंगल में जंगली जानवर दिखाई दे रहा है। वन्य जीव द्वारा पशुओं पर हमले की खबर भी मिली है। जामला में दो बकरियों को जंगली जानवर ने निशाना बनाया था। कुडूझेता के सुनील मछार ने बताया कि जामला की रमतुबाई पत्नी नंदान की एक बकरी को जंगली जानवर खा गया। इसी के साथ डावर फलिया के एक अन्य ग्रामीण की बकरी को जानवर ने निवाला बना लिया। अपुष्ट खबर यह भी है कि एक गाय भी हमले से नहीं बची।
खेत में दिन में जान से लगता है डर
सुनील बताता है कि अब तो खेत पर काम करने के लिए दिन में जाने से डर लगता है। कभी भी जंगली जानवरों के गुर्राने की आवाज से सिरहन पैदा हो जाती है। बीते दिनों वह दिन में अपनी पत्नी के साथ खेत में कपास बीनने गया तो आवाज आने पर वे अपनी पत्नी और बच्चे को उठाकर घर की ओर दौड़े। कुडूझेता के प्रेमसिंह कन्नौज ने बताया कि बीते 15 दिनों से जंगली जानवर के गुर्राने की आवाज से ग्रामीण परेशान हैं। कुडूझेता और जामला की सीमा पर बने जामला के पुराने सिंचाई तालाब के पीछे जंगल में अक्सर वन्य जीव देखा जा रहा है। जामला के लोग इस क्षेत्र में मवेशी चराने आते हैं।