वन विकास निगम परियोजना परिक्षेत्र कार्यालय वारासिवनी अंतर्गत ग्राम सावंगी के तुमड़ीटोला की चंदन नदी में १७ मार्च को बाघ का क्षतविक्षत शव प्राप्त होने के बाद वन विभाग के द्वारा जांच में गहनता बढ़ा दी गई है। वहीं स्पेशल टास्क फ ोर्स जबलपुर के द्वारा भी मामले को गंभीरता से लेकर जांच प्रारंभ कर दी गई है। ऐसे में घटना स्थल के साथ संवेदनशील स्थानों पर भी वन विभाग और एसआईटी जबलपुर की टीम के द्वारा मौका निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लेकर बाघ के हत्यारे एवं घटना स्थल का पता लगाने का कार्य युद्ध स्तर पर प्रारंभ कर दिया गया है। जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जांच की जा रही है यह मामला वन विभाग के द्वारा साधारण नहीं लिया जा रहा है । क्योंकि जिस परिस्थिति में बाघ का शव क्षतविक्षत शरीर कई अवशेष जैसे दांत ,पंजा,गायब वहीं डीकंपोज हो चुका शरीर मिला। जिसमें करेंट से बाघ की हत्या कर चंदन नदी में फेंकने की संभावना को लेते हुए कार्यवाही की जा रही है।
२.५ वर्ष का नर शावक बताया जा रहा मृत बाघ
वन विकास निगम के क्षेत्र से लगे राजस्व क्षेत्र की चंदन नदी मेंं डीकंपोज हो चुके मृत बाघ का शव जो प्राप्त हुआ था । वह करीब २.५ वर्ष का नर बाघ होने की बात कही जा रही है। जिससे संभावना व्यक्त की जा रही है कि क्षेत्र में एक बाघिन अपने दो शावकों के साथ बीते करीब १ वर्ष से अधिक समय से भ्रमण कर रही थी उसी के दो शावकों में यह एक शावक था। जिसकी मृत्यु १७ मार्च के करीब ६ दिन पहले हो गई थी और यह वही समय था जब जंगल में बाघिन के दहाडऩे की आवाज किसानों सहित ग्रामीणों के द्वारा स्पष्ट रूप से सुनी गई थी जो शायद अपने नर शावक बाघ की तलाश कर रही थी।
एसआईटी जबलपुर ने संभाला मोर्चा
चंदन नदी में बाघ का शव मिलने के बाद दक्षिण सामान्य एवं वन विकास निगम के द्वारा संयुक्त रूप से क्षेत्र में सक्रिय हो गया है। वहीं अगले ही दिन वन विभाग स्पेशल टास्क फ ोर्स जबलपुर के द्वारा मामले में मोर्चा संभाल लिया गया है । जिनके द्वारा मामले को अति गंभीरता से लेते हुए मौका स्थल के साथ आसपास के संवेदनशील इलाके एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सावंगी ,खापा ,बोदलकसा ,झालीवाड़ा, बांसी, अंसेरा के खडक़पुर ,बुदबुदा सहित विभिन्न ग्रामों जहां पर बाघिन या बाघ की उपस्थिति देखी गई है। उन सभी स्थानों का निरीक्षण सूक्ष्मता से किया जा रहा है। वहीं संभावित हर पहलुओं को अपनी जांच में शामिल कर हर स्तर पर प्रत्येक एंगल से मामले को समझने का प्रयास हो रहा है।
करेंट से हुई थी बाघ की मौत
सावंगी केे तुमड़ीटोला में १७ मार्च की सुबह नदी में मिले बाघ के शव से दांत , चारों पैरो के पंजे गायब थे वहीं शव बुरी क्षतविक्षत हो गया था। जिसका कान्हा टाइगर रिजर्व की तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम ने बाघ के शव का घटना स्थल पर पोस्टमार्टम किया। इस पोस्ट मार्टम में संभावना व्यक्त की जा रही है कि बाघ का करेंट लगाकर शिकार किया गया है । शिकारियों ने बाघ के तीन पैरों के पंजे, दांत और आधी खाल निकालकर उसके शव को नदी में फेंक दिया था। यह काम जादू टोने या बाघ के अवशेषों की तस्करी करने वालों का हो सकता है। हालांकि वन विभाग हर दृष्टिकोण से मामले की जांच कर रही है।
१० दिनों में बाघ के शिकार की यह है दूसरी घटना
जिले में १० दिनों में बाघ के शिकार की यह दूसरी घटना है । इसमें गत ८ मार्च को ही जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क के बफ र जोन में करेंट लगाकर एक नर बाघ का शिकार किया गया था। इसमें मृत बाघ की पहचान भैंसानघाट टी ४६ के रूप में हुई थी। जिसमें शामिल तीन आरोपियों को स्थानीय वन विभाग ने गिरफ्तार कर लिया था। परंतु उसके बाद वन विकास निगम वारासिवनी से लगे सावंगी तुमडीटोला के राजस्व क्षेत्र में बहने वाली चंदन नदी में क्षतविक्षत बाघ का शव १७ मार्च को मिला जिससे जिले में टाइगर सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
वन विभाग संयुक्त रूप से कर रहा कार्य
बाघ के शिकार के बाद दक्षिण सामान्य एवं वन विकास निगम संयुक्त रूप से उक्त मामले में क्षेत्र में कार्यवाही कर रहा है। तो वहीं वन विकास निगम के साथ मिलकर एसआईटी भी कार्यवाही कर रही है। इस दौरान वारासिवनी अंतर्गत वन्य क्षेत्र में सघ्ंान गश्ती कर उपस्थित हिंसक वन्य प्राणियों की ट्रैकिंग मॉनिटरिंग जनता से संपर्क किया जा रहा है। इसमें ग्रामीण सहित जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात कर हिंसक वन प्राणियों के मूमेंट के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी लेने का कार्य किया जा रहा है।
डीएफओ ने वन अमले की ली बैठक
बाघ की मौत के बाद १८ मार्च को दक्षिण सामान्य वन मंडल डीएफ ओ मीना मिश्रा के द्वारा वन परिक्षेत्र वारासिवनी में पहुंचकर वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी की बैठक ली गई। यह बैठक विभागीय स्तर पर रखी गई थी जिसमें आवश्यक जानकारी डीएफ ओ के द्वारा वन अमले को दी। की और किस प्रकार से आगे कार्यवाही करना है वहीं विभिन्न प्रकार की चर्चा भी स्पष्ट रूप से की गई।
बाघ के मामले में वन विकास निगम के द्वारा कार्यवाही की जा रही है – छत्रपालसिंह जादौन
रेंजर छत्रपाल सिंह जादौन ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि बाघ के मामले में वन विकास निगम के द्वारा कार्यवाही की जा रही है। हमारे और निगम के द्वारा संयुक्त गश्ती दल बनाया गया है । घटना स्थल के आसपास संवेदनशील स्थानों को सीमांकित किया जा रहा है । जहां पर काफ ी समय से उपस्थित वन्य प्राणी उन्हें कैमरा लगाकर ट्रैक कर रहे हैं। वहीं पघमार्क पर भी मॉनिटरिंग की जा रही है। ग्रामीण व जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर निगरानी रखे हुए हैं जल स्रोत पर निगरानी रखे हुए हैं । और ग्रामीणों से चर्चा कर रहे हैं कि किसी को आवाज आई किसी ने देखा है यह कार्य हम पहले से कर रहे हैं। परंतु अब इसमें हमने गहनता बढ़ती है स्टाफ भी बढ़ा दिया गया है।
इनका कहना है
दुरभाष पर चर्चा में बताया कि नदी में मृत जो बाघ मिला था वह नर बाघ है जिसकी उम्र करीब ढाई वर्ष की डॉक्टर के द्वारा बताई जा रही है। उक्त संबंध में एसटीएफ जबलपुर के द्वारा जांच की जा रही है। जिनके द्वारा मौका स्थल एवं संभावित स्थानों एवं आसपास के क्षेत्र में डॉग स्क्वाड के साथ भ्रमण किया जा रहा है। इसमें डॉक्टर की टीम के द्वारा प्राथमिक ओपिनियन करेंट से मृत्यु होना बताया गया है।