वन विकास निगम वारासिवनी एवं दक्षिण सामान्य वन मंडल वन परिक्षेत्र वारासिवनी के संयुक्त प्रयास से 2 महीने की कड़ी मश्कत के बाद ग्राम पंचायत सावंगी के तुमडीटोला के पीछे में बहने वाली चंदन नदी में 17 मार्च को मिले बाघ के छत विछत शव के मामले में वन विभाग के द्वारा 16 मई को बाघ के शिकार के 6 आरोपियों को ग्राम बोदलकसा से गिरफ्तार कर 17 मई को न्यायालय में पेश किया गया। उक्त मामले में कुछ आरोपी फरार बताया जा रहा है जिनकी गिरफ्तारी करने विभाग सक्रिय है जिसमें समस्त आरोपियों को न्यायालय ने जेल भेज दिया है। मामले में वन विभाग के द्वारा जांच की जा रही है।
यह है मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सावंगी के तुमडीटोला के पीछे से बहने वाली चंदन नदी मैं 17 मार्च को दो से ढाई वर्ष के नर बाघ का छत विछत शव ग्रामीणों के द्वारा देखा गया। जिसकी जानकारी उन्होंने तत्काल ग्राम के अन्य लोगों व वन विभाग को दी जिसके बाद पूरे क्षेत्र में बाघ के शिकार की सनसनी फैल गयी जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग मौके पर आने लगे। जहां भीड़ लग गई इस दौरान वन विभाग के द्वारा सतर्कता से बाघ के छत विछत शव को सुरक्षित नदी में रखा गया जहां वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण कर डाक स्कॉयड के द्वारा जांच की गई तो वहीं वन विभाग के वाइल्डलाइफ डॉक्टर की टीम के द्वारा मृत बाघ के शव का पोस्टमार्टम किया गया। जिन्होंने बाघ की करंट लगाकर मृत्यु होना बताया ऐसे में करंट लगाकर नदी में फेंकना जो शिकार की संज्ञा में आ गया जिस पर वन विभाग के द्वारा अपराध दर्ज कर अज्ञात आरोपी की पताशाजी तेज कर दी गई। इसके बाद वन विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स के द्वारा भी मामले में जांच की गई परंतु वन विभाग के हाथ खाली ही थे। ऐसे में राष्ट्रीय पशु की इतनी दुर्दशा देख वन विभाग शांत नहीं रहा उन्होंने गोपनीय तरीके से ग्राम की चाय पान की दुकान व अन्य स्थानों पर पूछता जारी रखी जिसके माध्यम से कड़ी से कड़ी जुड़ती गई। जिसमें संदिग्ध व्यक्तियों के पीछे मुखबिर तंत्र लगा दिया गया जिसमें पुख्ता होने के बाद उक्त व्यक्तियों को उठाकर कढ़ाई से पूछताछ की गई जिन्होंने अपने साथियों के भी नाम बताये। इस पर वन विभाग ने 6 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जिन्होंने जुर्म स्वीकार किया वहीं अन्य चीज भी बताई जिन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (यथा संशोधित वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2022 की धारा 2, 9 एवं 39 के तहत मामला दर्ज कर पूर्व में वन अपराध प्रकरण क. 333/14 दिनांक 17.03.2024 के तहत 17 मई को वारासिवनी न्यायालय के समक्ष पेश किया गया जहां से न्यायालय ने सभी 6 व्यक्तियों को जेल भेज दिया।
महेश के खेत मे करंट से बाघ की हुई थी मौत
बाघ के शिकार मामले में वन विभाग के द्वारा आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि आरोपी महेश बिसेन के खेत की बंदी में विद्युत करेंट की सहायता से 11 मार्च को हिंसक वन्यप्राणी बाघ को मारा गया। जिसे 12 मार्च को आरोपी बसंत, लेखचंद, महेश, रमेश ने रस्सी की सहायता से 200 मीटर घसीटकर चनई नदी के गहरी डोह में कांटे, डगाली, पत्थर से दबाया गया था। जिसके बाद 15 मार्च को महेश ने छन्नू, राजकुमार को लेकर डोह के पास गये राजकुमार, महेश ने नाखुन निकाले और आपस में बंटवारा किए तथा महेश ने नदी की ओर तेज बहाव में वन्यप्राणी बाघ के शव को धकेल दिया। जो नदी के प्रवाह में बहते हुए 17 मार्च को सावंगी के तुमडीटोला में पाया गया।
यह है आरोपी
परियोजना परिक्षेत्र वारासिवनी के अंतर्गत वन कक्ष क्रमांक 531 के समीप राजस्व भूमि चनई नदी ग्राम तुमडीटोला सावंगी में 17 मार्च को वन्यप्राणी बाघ नर का शरीर सडी-गली अवस्था में पाया गया। जिसमे बाघ के शिकार में संलिप्त 06 आरोपी में लेखचंद उर्फ अब्बास पिता रज्जनलाल बिसेन उम्र 53 वर्ष निवासी बोदलकसा थाना वारासिवनी छन्नूलाल पिता फकीरचंद मात्रे उम्र 38 वर्ष निवासी बोदलकसा थाना वारासिवनी रमेश पिता पेंढारी पंजरे उम्र 42 वर्ष निवासी बोदलकसा थाना वारासिवनी राजकुमार पिता चेतनलाल हरदे उम्र 35 वर्ष निवासी बोदलकसा थाना वारासिवनी महेश पिता मोहनलाल बिसेन उम्र 38 वर्ष निवासी बोदलकसा थाना वारासिवनी बसंत पिता श्यामजी पंचेश्वर उम्र 42 वर्ष निवासी बोदलकसा थाना वारासिवनी को गिराफ्तार किया गया। जिनके पास से जी.आई. तार 60-70 मीटर, बांस की खूंटियां 09 नग, रस्सी 05 मी. की जप्ती की गई है।
एसडीओ बीआर सिरसाम ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि सावंगी के तुमडीटोला की चंदन नदी में बाघ का शव छत विछत मिला था जिस पर हमने अपराध दर्ज किया था। डॉग स्क्वायड एवं एसटीएफ के द्वारा जांच करी गई थी परंतु हमें आरोपी तत्काल नहीं मिले थे हम लोग काफी खोजबीन कर रहे थे। जिसमें वन विकास निगम एवं दक्षिण सामान्य वन मंडल परिक्षेत्र वारासिवनी संयुक्त रूप से कम कर रहा था इस दौरान हमने मूखबीर तंत्र खड़ा किया और संदिग्ध व्यक्ति हमें मिले जिनके पीछे मुखबिर लगाये गए। मामले में पुख्ता होने पर 16 मई को हमने पूछताछ के लिए सभी संदिग्ध व्यक्तियों को बुलाया जिसे कड़ाई से पूछताछ की तो इन्होंने शिकार करना स्वीकार किया। उक्त आरोपियों के द्वारा करंट से बाघ को मारा गया था और उसके चार नाखून भी निकल गए थे इसमें 6 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है जिन्हें न्यायालय के सामने पेश कर रहे हैं। यह वही बाघ है जो बोदलकसा क्षेत्र में विचरण कर रहा था इन्होंने खेत में तार लगाकर शिकार किया था और सभी आरोपीय बोदलकसा के है।
वन विकास निगम डीएफओ अमित सिंह ने बताया कि आरोपी महेश का खेत है और आसपास बहुत सारे खेत है जहां किसान लोग खेती करते हैं वहां पर एक नाला है इसमें आरोपी ने अपने खेत में की तार से करंट लगाया हुआ था खेत में पानी भरा हुआ था। उस समय टाइगर का मूवमेंट वहीं पर था जिसकी करंट लगने से मौत हुई सुबह जब यह आरोपी लोग गए तो देखा की मेड़ पर टाइगर पड़ा हुआ था जिसकी मौत हो गई थी। इन्होंने उसे नाली में धकेल कर पीछे के पैर रस्सी से बांधकर पानी के सहारे घसीटते हुए आगे ले गए और एक गहरा पानी में बाघ के ऊपर बोरी डालकर पत्थर रखकर ढक दिया गया। परंतु बॉडी पानी में फूल गई और ऊपर आई जो बहुत ज्यादा गल गई थी तब इन्होंने वहां जाकर बाग के पैर के नाखून निकाल कर उसे बहा दिया। इसमें बाघ के और अवशेष गायब है जिसमें लगातार पूछताछ की जा रही है लोगों को रिमांड पर लिया जा रहा है और जल्द ही सब कुछ सामने होगा इस मामले में हमने खूंटी जीआई तार रस्सी जप्त करे हैं।
इनका रहा सराहनीय योगदान
इस प्रकरण में एपीएस सेंगर मुख्य वनसंरक्षक वनवृत्त बालाघाट, अमित सिंह संभागीय प्रबंधक लामता परियोजना मण्डल बालाघाट, बीआर सिरसाम जांचकर्ता अधिकारी एवं उपवनमण्डल अधिकारी उपवनमण्डल कटंगी सा. के निर्देशन में, सुरेन्द्र शेण्डे उपसंभागीय प्रबंधक लामता परियोजना मण्डल बालाघाट, छत्रपाल सिंह जादौन परिक्षेत्र अधिकारी वारासिवनी, शिवभान नागेश्वर परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी वारासिवनी, सुरेन्द्र चिचखेडे डिप्टी रेंजर, अजय पंवार वनरक्षक, दुर्गाप्रसाद काढे स्थाईकर्मी का सराहनीय योगदान रहा।