लालबर्रा से केवलारी पहुंच मार्ग पर स्थित ग्राम पंचायत भांडामुर्री में आये दिन जंगली जानवरों का आतंक बना हुआ है। 25 अप्रैल की रात करीब ८ बजे बाघ को पकडऩे के लिये वनविभाग के द्वारा भांडामुर्री के जंगल में लगाये गये पिंजरे में हिंसक जानवर तेंदुआ फंस गया।
वन विभाग के द्वारा रात करीब १ बजे घने जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया है परंतु ग्रामीणों व वनविभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिस तेंदुए को उनके द्वारा पकड़ा गया है उसका एक और साथी है जो कि वहीं गांव के आसपास है जिसके द्वारा रात्रि में दहाडऩे के साथ ही आतंक मचाया गया था उसे पकडऩे का भी प्रयास किया जा रहा है ताकि किसी तरह की कोई बड़ी दुर्घटना न घटे।
इस तरह वन विभाग ने बाघ को पकडऩे के लिए लगाये पिंजरे में तेंदुआ कैद हुआ है जिससे ऐसा लग रहा है कि बाघ उसी क्षेत्र में है साथ ही बाघ व तेंदुआ ग्रामीणजनों को बार-बार गांव के समीप दिखाई दे रहा है जिससे ग्रामीणजन दहशत में जीवन यापन कर रहे है।
एवं २६ अप्रैल को जंगल में वन विभाग के द्वारा दोबारा पिंजरा लगा दिया गया है।
जानकारी ग्राम भांडामुर्री सहित लालबर्रा क्षेत्र के लोगों को लगने के बाद रात में क्षेत्रीयजन भांडामुर्री पहुंच गये जिससे वहां भीड़ लग गई और ग्रामीणजन तेंदुआ को दिखाने की मांग पर अड़े रहे परन्तु वन विभाग ने सख्ती दिखाते हुए भीड़ को हटाकर तेंदुएं को पिंजरे सहित सुरक्षित पीकअप वाहन में घने जंगल लेकर छोड़ दिया गया है वहीं नर तेंदुआ के पिंजरे के बाद से रातभर मादा तेंदुआ दहाड़ता रहा जिससे जंगल से लगे कछारटोला व अन्य टोला के ग्रामीणजन रातभर तेंदुए की डर से सो नही पाये और दशहत में जी रहे है।
लामता परियोजना मंडल बालाघाट वन परिक्षेत्र लालबर्रा वन परिक्षेत्र अधिकारी ज्योत्सना खोब्रागढ़े ने बताया कि गत १२ अप्रैल को मवेशी चराने गये भांडामुर्री निवासी सुकलचंद पर बाघ ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था जिसका उपचार के दौरान मौत हो गई थी।