बाढ़ के पानी में बह गई थी 30 वर्ष पुरानी पुलिया

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बालाघाट (पदमेश न्यूज़)
जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत गड़दा में करीब 30 वर्ष पूर्व बनाई गई पुलिया पिछले 03 वर्ष से टूटी पड़ा है ।जिसके चलते स्थानीय रहवासियों को आवागमन करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत गड़दा और नहरवानी हट्टा रोड को जोड़ने वाली इस पुलिया को करीब 30 वर्ष पूर्व 5 लाख रु की लागत से पूर्व मंत्री स्वर्गीय लिखीराम कावरे द्वारा बनवाया गया था। जो 03 वर्ष पूर्व बाढ़ आ जाने के कारण टूट गई थी।जिसके चलते स्थानीय ग्रामीणों सहित तीन चार गांव के लोगों को आवागमन करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर ग्राम पंचायत द्वारा मलमा डालकर पुलिया से आवागमन करने की व्यवस्था बनाई गई थी। लेकिन यह व्यवस्था भी ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकी और वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर डाला गया मलमा भी पानी की तेज धार में बह गया। जिसके चलते जहां विद्यार्थीयो को हट्टा स्कूल ,तो वहीं दूसरी ओर स्थानीय ग्रामीणों सहित अन्य गांवों के लोगों को 3 _4 किलोमीटर दूर पारसपानी होते हुए आवागमन करना पड़ रहा है। यहां के स्थानीय ग्रामीणों ने उक्त टूटी पुलिया के स्थान पर पिल्लर वाला उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कराने की मांग की है।

तीन साल से टूटा हुआ है पुलिया
बालाघाट जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत गड़दा में गड़दा से नाहरवानी हट्टा को जोड़ने वाले मार्ग में यह पुलिया 3 साल से टूटी हुई है। जहां से सैकड़ो की संख्या में दर्जन भर गांव के ग्रामीण और स्कूली बच्चों का आवागमन होता है लेकिन इस पुलिया को अब तक नहीं बनाया गया है। बारिश में बच्चों का स्कूल आवागमन एक तरह से बंद हो जाता है या फिर उन्हें कई किलोमीटर घूम कर स्कूल जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है ।इस पुलिया के क्षतिग्रस्त होने को लेकर तमाम जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को मांग पत्र ग्राम पंचायत सरपंच की ओर से प्रेषित किया गया है लेकिन ग्रामीणों की मांग को अभी तक किसी ने पूरा नहीं किया है।

जनप्रतिनिधियों ने किया निरीक्षण
ग्राम पंचायत गड़दा स्थित इस क्षतिग्रस्त पुलिया का आज जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा लिल्हारे द्वारा निरीक्षण किया गया। साथी उन्होंने इस संदर्भ में जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के संज्ञान में लाकर पुलिया निर्माण के लिए पहल करने की बात कही है।उन्होंने बताया कि पुलिया के अभाव में ग्रामीणों को बहुत ज्यादा परेशानी होती है और वह इसके निर्माण के नितांत आवश्यकता बता रहे हैं।

बार-बार टूट रही वैकल्पिक व्यवस्था वाली पुलिया
ग्राम पंचायत गड़दा निवासी ग्रामीण बताते है कि यह पुलिया पिछले 03 वर्ष से टूटी हुई है। जिसकी अब तक मरम्मत का कार्य शुरू नहीं किया गया है। पुलिया टूट जाने से बच्चों को स्कूल जाने व अन्य ग्रामीणों को आवागमन करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर पुलिया बनाते है तो पुलिया बार-बार टूट जाती है।हमारी मांग है कि यहा पहिया वाला पुल बनाना चाहिए।

धोखा होने और जान जाने का बना रहता है खतरा
ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि बाढ़ के चलते 03 वर्ष पूर्व यह पुलिया टूटी है। यह पुलिया 2 बार टूट चुकी है। जिससे आवागमन करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।पिछली बार जब पुलिया टूटी थी तब सरपंच द्वारा दो बार मलमा डलवाकर आवागमन की व्यवस्था बनाई गई थी। लेकिन मलमा भी पानी के बहाव में बह गया ।इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जहा कभी भी कोई धोखा होने और जान जाने का खतरा बना हुआ है ।अभी पुलिया टूटी होने के कारण ग्रामीणों को 4_5 किलोमीटर दूर पारसपानी होते हुए घूम कर आना पड़ता है। हमारी मांग है कि इस पुल का उच्च स्तरीय निर्माण कराया जाना चाहिए।

स्कूल जाने में होती है परेशानी- अलका
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान छात्रा अलका हरिनखेड़े ने बताया कि वह गड़दा में रहती हैं और पढ़ाई करने के लिए केशलेवाडा जा रही हैं उन्होंने बताया कि यह पुलिया बहुत दिनों से टूटी है बरसात में पुलिया टूटी थी जिसके बाद से इसका पुन: निर्माण नहीं कराया गया है. बरसात के समय तो विद्यार्थी स्कूल भी नहीं जा पाते .हमारी साइकिल दूसरे लोग पर कराकर देते हैं। पुलिया ना बनने से विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हमारी मांग है कि जल्द से जल्द पुलिया का निर्माण करना चाहिए।

जनप्रतिनिधि सिर्फ आश्वासन देते है- ठाकरे
वही ग्रामीण मोहनलाल ठाकरे ने बताया कि यह पुलिया बहुत दिनों से टूटी पड़ी है। सरपंच ने इसको बनाने का बहुत बार प्रयास किया। लेकिन समस्या का हल नहीं निकला। जनप्रतिनिधि भी आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं।पुलिया बनाने के नाम पर सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। बाद में उनका आश्वासन भी पूरा नहीं होता।

कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है_भोजलाल गहगये
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्राम पंचायत सरपंच भोजलाल गहगये ने बताया कि यह पुलिया करीब 30 वर्ष पुरानी है जो 3 वर्षो से टूटी पड़ी है।हमने इस पुल का पुन: निर्माण के लिए तत्कालीन मंत्री रामकिशोर नानो कावरे, जिला पंचायत अध्यक्ष सम्राट सरसवार ,सीईओ, कलेक्टर, सांसद, विधायक सहित जनपद व जिला पंचायत के अन्य अधिकारियों को लिखित में आवेदन देकर पुलिया निर्माण कार्य कराए जाने की मांग की है। लेकिन अब तक इस पुलिया की मरम्मत या पुन: निर्माण का कार्य शुरू नहीं किया गया है। हमारी मांग है कि यहां उच्च स्तरीय पुल का निर्माण करना चाहिए ।ताकि आवागमन करने में ग्रामीणों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।

प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर सांसद से करेंगे चर्चा- राजा लिल्हारे
वही क्षतिग्रस्त पुलिया का निरीक्षण करने पहुंचे जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा लिल्हारे ने बताया कि विगत लंबे समय से सरपंच और अन्य ग्रामीणों की शिकायत आ रही है कि यहां पुलिया की हालत काफी खराब है। उसी को लेकर आज निरीक्षण करने आए थे। मौका स्थल का निरीक्षण किया गया है यहां हालात काफी खराब है। सैकड़ो स्कूल के बच्चों को उन्होंने खुद यहां से आते जाते हुए देखा है। लोग इस पुलिया को बनाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं लेकिन पुलिया नहीं बनी है। हम जल्द से जल्द एक प्रस्ताव बनाकर जिला पंचायत में पेश करेंगे। वहीं कलेक्टर और सांसद से चर्चा कर जल्द से जल्द इस पुलिया का निर्माण कार्य करने का प्रयास किया जाएगा।

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