मौसम की बेरुखी के चलते मंगलवार देर शाम जिले भर में हुई बारिश ने जहां एक और किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है तो वहीं दूसरी ओर जिले भर में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए बनाए गए विभिन्न केंद्रों में रखी करोड़ों रुपए की धान पानी में भीग गई है।करीब 2 घंटे तक हुई बेमौसम बारिश ने धान की सुरक्षा के लिए की गई प्रशासन की तमाम व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है। जहां जिले के ज्यादातर धान खरीदी केंद्रों में धान बेचने पहुंचे किसान धान भीगने से परेशान है तो वहीं धान बेचने के लिए अपने नंबर का इंतजार कर रहे हैं कई किसानों को खरीदी केंद्र में रात गुजारनी पड़ रही है। इसके अलावा जिले के कई धान खरीदी केंद्रों में अब तक खरीदी गई धान का परिवहन नहीं हो पाया है जिसके चलते किसान और धान खरीदी प्रभारी दोनों परेशान हैं।आपको बताएं कि करीब 4 दिन पूर्व ही मौसम विभाग ने जिले भर में शुष्क मौसम के साथ बारिश होने की चेतावनी दी थी बावजूद इसके भी धान खरीदी केंद्रों पर धान की सुरक्षा के माकूल इंतजाम नहीं किए गए वहीं बारदाने ,परिवहन समस्या सहित मौसम को देखते हुए कई धान खरीदी केंद्रों में धान खरीदने का कार्य बंद कर दिया गया है। कुल मिलाकर कहा जाए तो हर बार की तरह इस बार भी जहां एक ओर धान खरीदी प्रभारियों को धान खरीदने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी और किसान भी समर्थन मूल्य पर अपनी धान बेचने के लिए परेशान है।
मौसम में अचानक बदलाव को देखते हुए विभिन्न धान खरीदी केंद्रों के प्रभारियों और केंद्र पहुंचने वाले किसानों ने केंद्र में रखे धान को त्रिपाल से ढक कर बचाने का काफी प्रयास किया लेकिन वे अपनी धान की पूर्ण सुरक्षा नहीं कर पाए ।बुधवार की सुबह जिले के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों में किसानों को त्रिपाल में जमा पानी को बाल्टी में भर कर फेकते हुए देखा गया तो वही कुछ किसानों त्रिपाल ढक अपनी धान भीगने से बचाते हुए नजर आए ।मंगलवार की शाम महज 2 घंटे की बारिश से जिले भर के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों में करोड़ों रुपए की धान भीग गई है जहां त्रिपाल की व्यवस्था भी धान को बारिश से बचाने में नाकाम नजर आई । शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर प्रति वर्ष धान की खरीदी की जाती है जहां शासन ने धान खरीदी के लिए कैंप का निर्माण कराया है लेकिन उस पर टीनशेड की व्यवस्था नहीं की है जिसकी मांग अब लगातार उठने लगी है धान खरीदी के सीजन में अक्सर मौसम के खराब होने और बारिश से धान भीगने की शिकायत आती रहती है। यदि विभिन्न धान खरीदी केंद्रों में टीनशेड की व्यवस्था कर दी जाए तो हर साल करोड़ों रुपए के होने वाले इस नुकसान से छुटकारा पाया जा सकता है
वही बात अगर नियम की करे तो नियम के अनुसार किसानों से धान खरीदने के 3 दिनों के भीतर खरीदी गई धान का परिवहन गोदामों में दिए जाने का नियम है ।लेकिन इस नियम का भी ज्यादातर धान खरीदी केंद्रों में पालन होता नजर नहीं आ रहा है जहां जिले के ज्यादातर धान खरीदी केंद्रों में धान का परिवहन नहीं हो पाया है जिसके चलते नई धान खरीदने के लिए जगह तक नहीं बची है।वही परिवहन ना होने के चलते खुले आसमान के नीचे रखी हुई धान बेमौसम बारिश में भीग रही है।
जिले की विभिन्न धान खरीदी केंद्रों में फटे पुराने बारदानों से धान खरीदी का कार्य किया जा रहा है वहीं जिले के ज्यादातर धान खरीदी केंद्रों में अब तक नए बारदाने नहीं पहुंचाए गए हैं जिसके चलते किसान और धान खरीदी प्रभारी को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो वही कम बारदाने होने के चलते धान खरीदी के विभिन्न केंद्रों में किसानों को बारदाने नहीं मिल पा रहे हैं। जिले के कई ऐसे केंद्र है जहा बारदाने ना होने के चलते धान खरीदी का कार्य रोक दिया गया है । मौसम में आए बदलाव और बेमौसम हो रही बारिश के चलते कलेक्टर गिरीश मिश्रा ने जिले में 2 दिनों तक धान खरीदी का कार्य बंद रखने के निर्देश जारी किए हैं जिसके चलते जिले के सभी 193 धान खरीदी केंद्रों में 2 दिनों तक धान खरीदी का कार्य नहीं किया जाएगा। वही कलेक्टर गिरीश मिश्रा ने भी बारिश के चलते 7 से 8 हजार बोरे धान बिगने की जानकारी दी है हालांकि कलेक्टर द्वारा जारी किए गए आंकडो से कही अधिक धान बारिश में भींगी है