नगर में क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ते जा रहा है जहां नगर में मेट्रो सिटी की तर्ज पर लोग नए नए अंदाज में अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं इन दिनों नगर में युवा लड़कियों का एक ऐसा गिरोह सक्रिय है जो व्यापारियों को अपना निशाना बना कर उन्हें बर्बाद करने में तुला है जहां 22 से 25 साल की दो युवतियों के चर्चे इन दिनों शहर में आम हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि करीब 25 वर्ष की दो युवतियां मुंह में मास्क और दुपट्टा बांध कर व्यापारी की दुकान में जाती हैं और उन्हें अपनी आंखों से सम्मोहित कर दुकान का सामान खरीद कर चली जाती है जब सम्मोहन का असर उस दुकानदार की आंखों से उतरता है तो दुकानदार को ठगी होने का एहसास हो जाता है नगर में यह घटना एक दो व्यापारियों के साथ नहीं बल्कि 8 से 10 व्यापारियों के साथ हो चुकी है और युवतियों द्वारा सम्मोहन का खेल पिछले आठ-दस दिनों से रोज खेला जा रहा है हालांकि यह युवतियां कौन है कहां से आई हैं और उनकी आंखों में देख कर लोग कैसे सम्मोहित हो जाते हैं इसका अब तक किसी को कोई पता नहीं चल पाया है लेकिन नगर के विभिन्न स्थानों में लगे सीसीटीवी कैमरे में दोनों युवतियों की तस्वीर कैद हो गई है जहां ठगी के शिकार हुए दुकानदारों ने युवतियों की सीसीटीवी फुटेज जारी कर इन युवतियों से बचकर रहने और उनके साथ किसी भी प्रकार का व्यापार न करने की अपील की है।

केवल दुकानदारो΄ को ही बनाती है निशाना
यदि आप दुकानदार है तो सावधान हो जाइए क्योंकि सम्मोहित करने वाली यह दोनों युवती केवल और केवल दुकान संचालकों को ही अपना शिकार बनाती हैं बताया जा रहा है कि अब तक इन दोनों युवतियों ने कुछ किराना व्यापारी, कुछ सब्जी विक्रेता, कुछ कबाड़ व्यापारी सहित कपड़ों के विक्रेताओं को अपना शिकार बना चुकी हैं।जहां दोनों युवतियां दुकान के अंदर पहले तो सामान खरीदती हैं बिल बनवाकर समान पैक कराती है फिर अपना गलत मोबाइल नंबर और फर्जी एड्रेस दे कर थोड़ी देर बाद पैसा लाकर देने की बात कहती हैं दुकानदार भी उन अनजान युवतियों को बिना झिझक के 8 से10हजार रु का सामान दे देता है और बिना पैसे दिए ही युवतियां दुकान से चली जाती है बताया जा रहा है कि दुकानदार चाह कर भी उन्हे सामान देने से मना नहीं करता। ऐसे हादसे नगर में आठ 10 व्यापारियों के साथ हो चुके हैं। लेकिन लोग लाज के चलते अब तक किसी भी व्यापारी ने इसकी शिकायत थाने में दर्ज नहीं कराई है।
हाल ही मे΄ इन प्रतिष्ठानो΄ मे΄ हुई घटना
सम्मोहन गैंग की इन दो युवतियों ने हाल ही के 2 दिनों में लगभग 5 कपड़ा व्यापारियों को अपना शिकार बनाया है जहां नगर स्थित तन्वी बुटीक, विनायक कलेक्शन, माही कलेक्शन, बॉम्बे बुटीक और विजयवार वस्त्रालय से करीब 20 से 25हजार रु का माल खरीद कर दोनों लड़किया रफू चक्कर हो चुकी है जिनके संचालकों ने मंगलवार को कोतवाली थाना पहुंचकर मामले की शिकायत दर्ज कराने की बात कही है।
शायद उन्हो΄ने मुझे सम्मोहित कर लिया था- लक्ष्मी हनमत

इस पूरे मामले के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान तनवी बुटिक संचालक लक्ष्मी हनमत ने बताया कि मोती नगर रोड पर उनका बुटिक कलेक्शन चलता है 24 तारीख को दो लड़किया आई तब वे काम कर रही थी जिन्होंने करीब 15 मिनट उनका इंतजार किया जब अपने कार्य से फ्री होकर उनके पास आई तो उन्होंने ब्लाउज और सूट पीस सिलवाने की बात कही बोली कि 10 दिनों में सूट पीस और ब्लाउज सिलकर चाहिए। फिर बुटिक में रखे तैयार मटेरियल की ओर इशारा करते हुए कहा कि कपड़े सेल करते हो क्या जिस पर उन्होंने कहा कि हां वे कपड़े सेल करती हैं उन्होंने कपड़े दिखाने का आग्रह किया जहां उन्होंने 6 हजार से अधिक रुपए के कपड़ों की खरीदी की और कहा कि मैं इसे घर पर दिखा कर लाती हूं फिर आकर पेमेंट कर देंगे साथ ही ब्लाउज और सूट भी सिलने दूंगी इतना कहकर वो सामान लेकर गई जो आज तक नहीं आए मैं चाह कर भी उन्हें सामान ले जाने से मना नहीं कर सकी मुझे लग रहा है कि उन्होंने मुझे सम्मोहित कर लिया था।
हम चाह कर भी सामान देने से मना नही΄ कर सके सुनीता भरने
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान विनायक कलेक्शन संचालक श्रीमती सुनीता भरने ने बताया कि दोनों लड़कियां उनकी दुकान पर आई थी दोनों का मुंह ढका हुआ था जिन्होंने उनके पति से डिजाइनर साड़ी दिखाने को कहा और दोनों साडिय़ां पसंद करने के बाद उन्होंने उसे पैक करने को कहा इसके साथ ही फॉल अस्तर सूट पीस आदि की खरीदी की और बिल बनाकर थोड़ी देर में पैसे लाकर देंगे कहीं जहां उन्होंने अपने मोबाइल नंबर और एड्रेस दिए थे जब वे दुकान से बाहर निकली तो हमने उनका नंबर ट्राई किया जो महाराष्ट्र में लग रहा था करीब 25 साल की दोनों युवतियां हैं हम चाह कर भी उन्हें सामान देने से मना नहीं कर पा रहे थे जब हम उनके एड्रेस पर आए तो एड्रेस भी गलत निकला जहां सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोनों लड़कियों की फोटो मिली है उन दोनों लड़कियों की आंखों में कुछ ऐसा था कि हम सम्मोहित हो गए और उन्हें सामान दे दिया।