यूं तो शासन प्रशासन द्वारा बैगाओं के उत्थान के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाया जाने का दावा किया जाता है वही बैगाओं को विशेष योजना में शामिल कर उनके आवास, भरण-पोषण सहित अन्य व्यवस्थाएं किए जाने की बात की जाती है वही बैगाओं के उत्थान के लिए बनाई गई विभिन्न योजनाओं के आधार पर ही शासन-प्रशासन बैगाओं के उत्थान किए जाने का दावा करता नजर आता है लेकिन शासन प्रशासन के इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है,जहां बैगा उत्थान के लिए बनाई गई विभिन्न योजनाओं का लाभ बैगा जनजातियों तक नहीं पहुंच पा रहा है जिसके चलते जिले में अब भी ऐसे कई बैगा परिवार हैं जिन्हें आज तक प्रधानमंत्री आवास और भरण-पोषण राशि का लाभ नहीं मिल पाया है वहीं जिले के कई बैगा आज भी बैगा उत्थान के लिए बनाई गई विभिन्न योजनाओं से वंचित है जो पिछले कई वर्षों से आवास, भरण-पोषण सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग को लेकर शासकीय कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन आज तक उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं दिया गया है।ताजा मामला जनपद पंचायत लालबर्रा के अंतर्गत आने वाले ग्राम बकौड़ा का है जहां अब भी ऐसे कई बैगा परिवार हैं जो प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य योजनाओं से वंचित है जिन्होंने शासन प्रशासन से प्रधानमंत्री आवास योजना और भरण पोषण योजना का लाभ दिलाए जाने की मांग की है।
आश्वासन पर खत्म की थी भूख हड़ताल
आपको बताएं कि लालबर्रा बकौड़ा निवासी इन्हीं बैगाओं ने लगभग 1 वर्ष पूर्व अपने पूरे परिवार के साथ कलेक्टर कार्यालय के सामने पुराने आरटीओ कार्यालय परिसर में झाड़ के नीचे बैठकर भूख हड़ताल शुरू कर दी थी जहां 2 दिनों तक झाड़ के नीचे बैठने के बाद कलेक्टर के प्रतिनिधि मंडल ने इन बैगा परिवार से मुलाकात की थी जिन्होंने लालबर्रा जनपद सीईओ से मुलाकात करने को कहा था वहीं उन्हें आश्वासन दिया था कि उनके आवास बनाकर दिए जाएंगे वहीं अन्य समस्याओं का निराकरण कर उन्हें विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ दिया जाएगा लेकिन अधिकारियों का यह आश्वासन भी राजनेताओं के आश्वासन की तरह खोखला निकला और यह बैगा परिवार आज भी आवास सहित अन्य शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित है।
बरसात में खुले आसमान के नीचे रहने के लिए मजबूर हैं शीला बैगा
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान जनपद पंचायत लालबर्रा ग्राम बकौड़ा निवासी श्रीमती शीला बैगा ने बताया कि उनका मकान गिर गया है रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं है कई बार मकान के लिए सरपंच सचिव से गुहार लगा चुके हैं वहीं लालबर्रा जनपद पंचायत सीईओ से भी मुलाकात कर चुके हैं लेकिन आज तक उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई है उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के दिनों में हो रही है बारिश होने पर उन्हें आंगन में सोना पड़ता है जहां अक्सर सांप बिच्छू निकलते रहते हैं उन्होंने बताया कि पिछले दिनों कलेक्टर कार्यालय में अपने परिवार के साथ धरने पर बैठी थी तब जिला अधिकारियों ने उनके समस्त मांगे पूरी करने की बात कही थी लेकिन उसके बाद किसी भी अधिकारी कर्मचारी ने उनके ऊपर कोई ध्यान नहीं दिया और वे इस बरसात में खुले आसमान के नीचे रहने के लिए मजबूर हैं उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाकर दिए जाने, भरण पोषण आहार योजना में सम्मिलित करने और प्रतिमा प्रतिमाह राशन की व्यवस्था किए जाने की मांग की है।
दो साल से कलेक्टर कार्यालय के काट रहे है चक्कर-अनमोल बैगा
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान लालबर्रा बकौड़ा निवासी श्रीमती अनमोल बैगा ने बताया कि वे अपनी इन्ही मांग को लेकर कई बार कलेक्टर कार्यालय में आवेदन लगा चुकी है लेकिन कलेक्टर साहब सुनवाई नहीं कर रहे हैं हमारा मकान टूट गया है रहने के लिए जगह नहीं है बारिश में अपने दो बच्चों के साथ कचरे में रहकर जिंदगी गुजारनी पड़ रही है उन्होंने बताया कि उनके पिता राम मिलन और उनके चार भाइयो के पास भी मकान नहीं है फिर भी उन्हें शासकीय योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है उन्होंने बताया कि आज तक उन्हें शासन की कोई योजना का लाभ नहीं मिला है नियम के हिसाब उन्हें 35 किलो चावल मिलना चाहिए लेकिन महज 5 किलो राशन देकर भगा दिया जाता है उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास और भरण पोषण योजना में का लाभ लेने के लिए पिछले 2 साल से कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रही हैं लेकिन आज तक उनकी समस्या का निदान नहीं किया गया है।