बालाघाट जिले के भीतर 16 फरवरी 2021 को हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से जिले की चार तहसील बालाघाट, बैहर, बिरसा, परसवाड़ा के 80 गांव के लगभग 6 हजार हेक्टर पर लगी रबी की फसल को नुकसान हुआ था। योजना के अनुसार कृषि विभाग और राजस्व विभाग ने मिलकर इन चार तहसील में फसल को हुए नुकसान का सर्वे करवाया। उसके रिपोर्ट वरिष्ठ स्तर पर भेजी लेकिन 4 महीने बीत जाने के बाद भी पीड़ित किसानों को मुआवजे की राशि का भुगतान नहीं किया हो पाया है।
आपको बताये की इस दौरान मुख्य रूप से जिले के भीतर रबी में लगाई गई उड़द, मूंग, गेहूं, चना की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई थी। क्योंकि इस दौरान लगभग 3 दिनों तक इन चार तहसील में मौसम बहुत अधिक खराब रहा था। रुक-रुक कर हो रही बारिश और ओलावृष्टि की वजह से फसल को बहुत अधिक नुकसान होने का अनुमान लगाया गया था।
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार फरवरी माह में ओलावृष्टि और बारिश की वजह से फसल नुकसान के सर्वे के लिए इन चार तहसीलों में राजस्व और कृषि विभाग की लगभग 40 टीम बनाई गई थी। सभी टीम ने प्रत्येक किसान के अनुसार सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की ओर वरिष्ठ स्तर पर भेज दी थी।
इस दौरान शासन के नियमानुसार आरबीसी 6- 4 के तहत जिस किसान की 33 फ़ीसदी से अधिक फसल को नुकसान हुआ है उसे ही मुआवजा दिए जाने का वादा किया था। इस आंकड़े के अनुसार इन 4 तहसीलों में लगभग 3 करोड़ रुपए से अधिक का मुआवजा दिया जाना तय किया गया था।
मुआवजे की विषय में जब हमने कृषि विभाग के उपसंचालक एस आर गौर से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि उनका काम केवल राजस्व विभाग के साथ मिलकर फसल नुकसान का सर्वे करना था। इसकी रिपोर्ट उनके द्वारा प्रत्येक तहसील के तहसील अधिकारियों को सौंप दी गई थी। मौजा वितरण तहसील कार्यालय के माध्यम से किया जाएगा।
इस विषय पर जब हमने बालाघाट तहसील से लेकर परसवाड़ा, बैहर, बिरसा तक तहसील कार्यालय मैं इस विषय पर जानकारी ली तो सभी ने एक स्वर में एक जवाब दिया उनके द्वारा रिपोर्ट तैयार कर भोपाल भेज दी गई है। मुआवजे की राशि का वितरण वरिष्ठ स्तर से ही किया जाएगा। इस विषय पर उनके द्वारा बीते दिनों ही पत्राचार भी किया गया है लेकिन अब तक मुआवजे की विषय में कोई जानकारी वरिष्ठ स्तर से नहीं दी गई है।