बालाघाट-जबलपुर ट्रैक पर ट्रेन नहीं चलने का मामला !

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मध्य भारत की लाइफ लाइन कहे जाने वाले जबलपुर बालाघाट गोंदिया ब्रॉडगेज निर्माण कार्य पूरा हो जाने के 2 साल बाद भी इस ट्रैक पर पैसेंजर ट्रेन शुरू नहीं पर लामता नगरवाड़ा पादरी गंज सहित 38 गांव के लोगों का गुस्सा 25 फरवरी को फूट पड़ा, सभी ने एकत्रित होकर नगरवाड़ा स्टेशन में धरना प्रदर्शन किया और 15 दिन का अल्टीमेटम देकर इस धरना प्रदर्शन को समाप्त किया।

आपको बता दें कि ब्रॉडगेज का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद से ही जिलेवासियों के भीतर बालाघाट जबलपुर के मध्य ट्रेन शुरू होने का बेसब्री से इंतजार बना हुआ है। बावजूद इसके रेलवे द्वारा इस ट्रैक पर रोजाना 2 दर्जन से अधिक मालगाड़ी और दो एक्सप्रेस ट्रेन दौड़ाई जा रही है।

इस बात का आक्रोश बीते कई दिनों से जिलेवासियों के भीतर पनप रहा था। 25 फरवरी को यह नगरवाड़ा रेलवे स्टेशन पर फूट पड़ा। जब 38 गांव के लोगों के साथ ही क्षेत्र के कांग्रेस भाजपा सहित अन्य पार्टी के जनप्रतिनिधि भी जनता के साथ शामिल होकर इस उग्र आंदोलन में शामिल हो गए।

ग्रामीणों के आंदोलन के बारे में पुलिस प्रशासन को पहले से जानकारी थी जिसे देखते हुए बड़ी भारी मात्रा में पुलिस बल नगरवाड़ा स्टेशन में सुबह से ही अपनी दस्तक दिए हुए था सुबह करीब 10 बजे नगरवाड़ा स्टेशन में धीरे-धीरे ग्रामीणों की भीड़ बढ़ती चली गई मामला हाई वोल्टेज होता देख पुलिस ने पूरे धरना स्थल को घेर लिया।

हालांकि मौके की नजाकत को भांपते हुए ग्रामीणों और आंदोलनकारियों ने इस बार प्रदर्शन किया ट्रेन की मांग की और रेलवे के जिम्मेदार अधिकारी को ज्ञापन सौंपा साथ ही 15 दिन का अल्टीमेटम दे दिया कि यदि ट्रेन का संचालन शुरू नहीं हुआ तो एक बड़ा आंदोलन होगा।

लेकिन इस बीच सबसे बड़ी बात यह नजर आई की बालाघाट जबलपुर के मध्य ट्रेन शुरू नहीं होने की परेशानी को लेकर ग्रामीण और जनप्रतिनिधि बहुत अधिक आक्रोशित है रोजाना उन्हें सड़क रास्ते से अपने गंतव्य या फिर जिला मुख्यालय आना पड़ता है जिसके लिए उन्हें परेशानी के साथ-साथ अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं जिस कारण अब रेलवे और केंद्र शासन के प्रति लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

तीखाखारी के स्थाई पटेल दीपचंद ठाकरे बताते हैं कि 25 फरवरी को केवल शांतिपूर्ण तरीके से नगरवाड़ा स्टेशन में प्रदर्शन किया गया। नगरवाड़ा लामता क्षेत्र मैं एक बड़ा तबका सिंगल फसल के भरोसे अपना जीवन यापन करता है ऐसे में साल के कई महीने व महानगरों में जाकर रोजगार की तलाश करता है मजदूर वर्ग वर्ग रोजाना मेहनत मजदूरी करने और युवा वर्ग पढ़ाई करने के लिए बाहर जाते हैं ऐसे में अपने साधन और अन्य साधन से अधिक पैसे लगते हैं जिन्हें उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इसलिए ट्रेन चलना बहुत अधिक जरूरी है।

जिला पंचायत सदस्य और वन सभापति मालती मर्सकोले बताती है कि ब्रॉडगेज के संचालन नहीं होने से जनता बहुत अधिक परेशान है। नेरेगेज के बंद होने से लेकर अब तक लगभग 7 वर्ष का समय हो गया ट्रेन का संचालन नहीं हो रहा है। लामता परसवाड़ा नगरवाड़ा चांगोटोला वनांचल क्षेत्र में बसा हुआ है। इस कारण रात के समय नैनपुर स्टेशन आना बहुत मुश्किल है। इसके बाद भी स्पेशल ट्रेन में जबलपुर की यात्रा करने के लिए लोग को 3 बजे रात में बच्चों को नैनपुर भेजते हैं। इस दौरान बहुत अधिक डर लगता है कि वन्य प्राणी किसी तरह का कोई हमला न कर दे। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों ने तो अपने बच्चों की पढ़ाई तक रुकवा दी है।

नगरवाड़ा स्टेशन में हुए उग्र प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के साथ ही भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी जमीनी कार्यकर्ता भी उपस्थित थे जिन्होंने ब्रॉड गेज के निर्माण कार्य होने के बाद माल गाड़ी चलाने और स्पेशल ट्रेन चलाने को लेकर अपनी इस सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई और कहा कि यदि टेक्निकल प्रॉब्लम है तो केवल पैसेंजर ट्रेन चलाने के लिए की है क्या ?

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता ने बताया कि जब ट्रेन नैनपुर तक चल सकती है समनापुर तक चल सकती है तो बीच में पैसेंजर ट्रेन संचालन में क्या परेशानी आ रही है। जब वे ग्रामीण क्षेत्र में जानते हैं तो जनता यही मांग करती है। यही नहीं खरी-खोटी भी सुनाती है कि आप की सरकार है और ट्रेन क्यों नहीं चल रही है। आप लोग क्या कर रहे हैं। उनके द्वारा सांसद महोदय से चर्चा की गई सांसद द्वारा बताया गया कि लोकसभा में इस मामले को उठाया इसके बाद भी ट्रेन संचालन शुरू नहीं हो पा रहा है।

निश्चिती लामता, नगरवाड़ा, चांगोटोला, पादरीगंज क्षेत्र के आधा सैकड़ा से अधिक गांव के लोगों को वर्षों से इंतजार था कि ब्रॉडगेज पर ट्रेन दौड़ेगी और उस पर भी सफर करेंगे और बड़ी आसानी से अपने गांव से महानगरों तक पहुंच पाएंगे लेकिन पहले कोरोना के बहाने और उसके बाद तकनीकी कारणों का हवाला देकर सरकार इस ट्रैक पर ट्रेन चलाने के मूड में कहीं से दिखाई नहीं दे रही।

इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि गोंदिया बालाघाट जबलपुर ब्रॉडगेज परियोजना की पूर्ण होती है रेलवे को इस बात की याद आ गई कि यह ट्रैक मध्य भारत की लाइफ लाइन उत्तर भारत से दक्षिण भारत को जोड़ने वाला सबसे अच्छा शॉर्टकट और बाईपास है।

फिर क्या था इस ट्रैक पर एक बार माल गाड़ियों ने दौड़ना शुरू किया रेलवे से सरकार को मुनाफा दिखाई दिया। और फिर एक-दो कर के लगभग 3 दर्जन से अधिक मालगाड़ी दौराई गई लोगों को सांत्वना देने के लिए कुछ स्पेशल ट्रेन लंबी दूरी की चलाई जा रही है जो छोटे स्टेशन पर नहीं रुकती।

कोरोना की लहर थमने के बाद से ही जनता लगातार इस ट्रेक पर पैसेंजर ट्रेन चलाने की मांग कर रही है। पर सरकार है कि उसे अनसुना करते जा रही है। नतीजा 25 फरवरी को दिखाई दिया। जब एक मंच के नीचे क्या कांग्रेस क्या भाजपा सभी दे ट्रेन चलाने के लिए हल्ला बोल दिया। और इस अल्टीमेटम के साथ अपना धरना समाप्त किया कि 15 दिन के भीतर यदि ट्रेन शुरू नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

कार्यक्रम के अंत में नगरवाड़ा स्टेशन मास्टर प्रशांत कुमार रेलवे केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा और अपनी मांग उन तक पहुंचाने की बात कही।

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