राज्य सेवा और राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा की लंबे समय से तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों ने रविवार को जिले भर में बनाए गए कुल 27 केंद्रों में एमपीपीएससी की परीक्षा दी ।दो चरणों में आयोजित इस परीक्षा को लेकर अभ्यार्थियों में खासा उत्साह नजर आया जहां मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर के मार्गदर्शन में अभ्यर्थियों ने प्रश्न पत्र का पर्चा हल किया ।वहीं जिले के विभिन्न केंद्रों में कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए अभ्यार्थी इस परीक्षा में प्रश्न पत्र हल करते नजर आए ।जहां अभ्यर्थियों ने पूरे उत्साह के साथ एमपीपीएससी की परीक्षा दी।आपको बताएं कि एमपीपीएससी परीक्षा शासन द्वारा लगभग 2 वर्ष बाद ली गई है जिसके चलते अभ्यार्थियों ने अपनी नाराजगी व्यक्ति की जहां उन्होंने इन परीक्षाओं का आयोजन समय-समय पर होने की बात कहते हुए लंबे समय तक परीक्षा का आयोजन ना होने से निरंतरता टूटने की बात कही।
दोनो΄ कोविड़ परीक्षा के΄द्र रहे सूने
लोक सेवा आयोग के निर्देशन पर कोविड़ संक्रमित अभ्यर्थियों के लिए 2 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे जिसमें आईटीआई बालाघाट सेंटर में 120,तो वही कन्या शिक्षा परिसर गोंगलाई में 100 संभावित कोविड़ अभ्यार्थियों के लिए परीक्षा में बैठने की व्यवथा की गई थी,वही इस पारम्भिक परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों को स्वास्थ्य होने का स्वप्रमाणित घोषणा पत्र भरकर देने कहा गया था लेकिन सभी अभ्यर्थियों ने अपने आपको स्वस्थ बताते हुए स्वप्रमाणित घोषणा पत्र भरकर दिया जिसके चलते कोविड- संक्रमित अभ्यर्थियों के लिए बनाए गए दोनों परीक्षा केंद्रों में कोई भी अभ्यर्थी उपस्थित नहीं हुआ। यानी किसी भी कोविड-संक्रमित अभ्यर्थी ने एमपीपीएससी की परीक्षा नहीं दी।
एग्जाम पर ही अभ्यर्थियो΄ का भविष्य निर्भर है-अभिलाष निरकर
आयोजित इस परीक्षा को लेकर की गई चर्चा के दौरान बालाघाट निवासी अभ्यार्थी अभिलाष निरकर ने बताया कि वर्ष 2019 में इस परीक्षा का आयोजन हुआ था अभी दो वर्ष बाद पुन: यह परीक्षा ली गई है नए सिलेबस के अनुसार पेपर आया था थे। प्रश्न पत्र सिलेबस से थोड़ा हटकर थे मीडियम टू हार्ड पेपर था एग्जाम इतने लंबे समय बाद आयोजित की गई थी जबकि एग्जाम हर दो-तीन महीने में आयोजित की जानी चाहिए जिससे पढ़ाई में निरंतरता बनी रहे लॉकडाउन के दौरान अभ्यर्थियों की कनेक्टिविटी टूट चुकी थी लेकिन जब से नोटिफिकेशन आया तब पुन: अभ्यर्थियों द्वारा तैयारी शुरू की गई हमारी मांग है कि एग्जाम निरंतर होनी चाहिए क्योंकि एग्जाम पर ही अभ्यर्थियों का भविष्य निर्भर है।
पहली पाली में 2472 तो दूसरी पाली में 2508 अभ्यार्थी रहे अनुपस्थित
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर द्वारा रविवार को राज्य सेवा और राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन जिले में बनाए गए 27 परीक्षा केंद्रों में किया गया ।जिसमें दो पाली में आयोजित की गई इस परीक्षा में 10,264 अभ्यर्थियों में से पहली पाली में 7,792 अभ्यर्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर प्रश्न पत्र हल किया। जबकि पहली पाली में 2,472 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। वही अनुपस्थित अभ्यर्थियों का यह आंकड़ा दूसरी पाली में और अधिक बढ़ गया जहां दूसरी पाली में आयोजित इस परीक्षा में 10,264 अभ्यर्थियों में से 7,756 अभ्यार्थियों ने प्रश्न पत्र हल किया जबकि दूसरी पाली में आयोजित इस परीक्षा में 2,508 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। इस तरह 2 वर्ष बाद आयोजित एमपीपीएससी कि इस परीक्षा में ढाई हजार से अधिक विद्यार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई।
पिछले बार की तुलना मे΄ इस बार पेपर कठिन था-छत्रपाल यादव
डिप्टी रेंजर छत्रपाल यादव ने बताया कि आज राज्य सेवा और राज्य वन सेवा की प्रारंभिक परीक्षा थी। पहले के पैटर्न से हटकर प्रश्न पूछे गए थे पिछली एग्जाम की तुलना में यह एग्जाम कठिन थी कोरोना काल के चलते लगभग 2 वर्षों से यह एग्जाम नहीं हुई थी हमारी मांग है परीक्षा में ब्रेक नहीं लगना चाहिए समय-समय पर एग्जाम होनी चाहिए ताकि अभ्यर्थियों में परीक्षा देने की उत्सुकता बनी रहे और वह एग्जाम के लिए निरंतर तैयारी कर सकें यदि यह एग्जाम का आयोजन समय-समय पर होगा तो इसका लाभ अधिक अभ्यार्थी को मिलेगा।