बालाघाट : धार्मिक प्रतिमा निर्माण को लेकर असमंजस मे मूर्तिकार,शासन स्तर पर अब तक जारी नहीं की गई गाइडलाइन !

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। कुछ दिनों में ही धार्मिक त्योहारों का सिलसिला शुरू होने जा रहा है लेकिन अब तक गणेश उत्सव दुर्गा उत्सव कृष्ण जन्माष्टमी जैसे त्योहारों में स्थापित की जाने वाली प्रतिमाओं को लेकर प्रशासनिक तौर पर गाइडलाइन  जारी नहीं की गई है जिसके कारण मूर्तिकार असमंजस की स्थिति में है।गौरतलब है कि कोविड-19 के कारण पिछले साल मूर्ति कारों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था इस साल भी कुछ इसी प्रकार के हालात पैदा हो रहे हैं 25 अगस्त से गणेश उत्सव शुरू होने जा रहा है लेकिन गणेश प्रतिमा को लेकर भी प्रशासन के द्वारा किसी भी प्रकार के दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए हैं जिसके कारण बड़ी प्रतिमाओं के निर्माण को लेकर मूर्तिकार हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं वही  घरों में विराजित होने वाली प्रतिमाओं को लेकर भी अब तक उन्हें  ऑर्डर नहीं मिल पाए हैं और प्रतिमाओं के निर्माण को लेकर उन्हे शासन की गाइड लाइन का भी इंतजार है हालांकि घरों में विराजित की जाने वाली प्रतिमाओं का निर्माण कार्य मूर्ति कारों ने चालू कर दिया है।
त्योहारों के 1 महीने पूर्व जारी की जानी थी गाइडलाइन
धार्मिक त्योहारों को लेकर प्रतिमाओं के निर्माण का कार्य मूर्तिकारों के द्वारा 1 महीने पूर्व से ही शुरु कर दिया जाता है मूर्तियों के आकार आकृति सहित अन्य दिशानिर्देशों को लेकर प्रशासन के द्वारा 1 महीने पूर्व गाइडलाइन जारी की जाती है वहीं पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण को देखते हुए सार्वजनिक तौर पर बड़ी प्रतिमाओं की स्थापना पर पाबंदी लगाई गई थी। जिसके बाद मूर्ति कारों के द्वारा बड़ी प्रतिमाओं के आर्डर नहीं लिए गए। वहीं इस वर्ष भी किसी प्रकार के दिशा निर्देश प्राप्त ना होने के कारण मूर्तिकारों के द्वारा अब तक बड़ी प्रतिमाओं को लेकर निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया वहीं दूसरी ओर बड़ी प्रतिमाओं की स्थापना को लेकर मूर्तिकारों को अब तक एक भी आर्डर नहीं मिल पाए हैं। जिसके कारण मूर्तिकारों के द्वारा घर में स्थापित की जाने वाली प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है।
मूर्तिकारों के लिए शासन स्तर पर जारी नहीं हुई सूचना- ओंकार पंडेल
पद्मेश न्यूज़ से चर्चा के दौरान मूर्तिकार ओंकार पंडेल  ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय से मूर्ति निर्माण को लेकर किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई है जिसके कारण घर में स्थापित किए जाने वाले प्रतिमाओं का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस साल भी सार्वजनिक तौर पर स्थापित की जाने वाली प्रतिमाओं का निर्माण कार्य नहीं हो सकेगा क्योंकि इन प्रतिमाओं के निर्माण के लिए 1 महीने पहले से तैयारी करनी होती है लेकिन पिछले वर्ष कोरोनाकाल के दौरान सार्वजनिक तौर पर बड़ी प्रतिमाओं की स्थापना को लेकर प्रशासनिक तौर पर पाबंदी लगा दी गई थी लेकिन गाइडलाइन काफी पहले जारी किया जाने से फायदा हुआ था लेकिन इस बार गाइडलाइन जारी ना होने के कारण यदि सार्वजनिक तौर पर प्रतिमाओं की स्थापना की अनुमति भी मिलती है तो बड़ी प्रतिमाओं को बनाना संभव नहीं होगा। बड़ी प्रतिमाओं के निर्माण को लेकर अब भी काफी मूर्तिकार प्रशासनिक आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
2 वर्षों से आर्थिक मंदी की मार झेल रहे मूर्तिकार- सुरेश कुमार
इस संदर्भ में चर्चा के दौरान मूर्तिकार सुरेश कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण मूर्ति कारों को पिछले साल भी नुकसान उठाना पड़ा था और इस साल भी मिट्टी उपलब्ध ना होने के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वही प्रशासनिक स्तर पर निर्देश प्राप्त ना होने के कारण भी असमंजस की स्थिति में है यदि प्रशासन मूर्ति निर्माण को लेकर गाइडलाइन जारी कर देता है तो इससे मूर्ति बनाने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में त्योहारों के 1 महीने पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी जाती थी लेकिन अब तक इस वर्ष गाइडलाइन जारी नहीं की गई।
प्रतिमा बनाने के अलावा रोजगार का नहीं विकल्प- जया तुमम्ने
इस संदर्भ में चर्चा के दौरान जया तुमम्ने ने कहा कि जब से लॉकडाउन लगा है तब से ही मूर्तिकार आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं लॉकडाउन के दौरान व्यवसाय नहीं हो पाया लेकिन इसके अलावा मूर्ति कारों के पास और कोई दूसरा रोजगार नहीं है जिससे वे अपने परिवार की जीविका चला सके इसलिए मजबूरी में यह काम करना पड़ रहा है अब तक शासन की कोई मदद नहीं मिली वही प्रतिमाओं के निर्माण को लेकर 4000 प्रति ट्रैक्टर मिट्टी खरीदना पड़ रहा है वही जैसे ही त्यौहार आते हैं तो बाजारों में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां बिकने लगती है जिसको लेकर प्रशासन के द्वारा कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक प्रतिमाओं के निर्माण को लेकर आदेश जारी न किए जाने के कारण वे सार्वजनिक मूर्ति का निर्माण नहीं कर रहे हैं।

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