बालाघाट : प्राइवेट स्कूल नही दे रहे बच्चो की टीसी !

0

बालाघाट (पद्मेश न्यूज़)। कोरोना की दूसरी लहर समाप्त होने के बाद अभिभावक अपने बच्चों के एडमिशन के लिए जुट गए हैं कई अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकालकर उनका एडमिशन सरकारी स्कूल में कराना चाहते हैं लेकिन प्राइवेट स्कूलों द्वारा टीसी न दिए जाने के कारण अभिभावकों को बच्चों के एडमिशन के लिए परेशान होना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम कुम्हारी के कुछ अभिभावकों द्वारा इसकी शिकायत कलेक्टर सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कर प्राइवेट स्कूलों से टीसी दिलवाए जाने की गुहार लगाई गई है। इससेेे यह भी कहां जा सकता है कि कुछ वर्ष पहले लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने आतुर रहतेे थे, लेकिन अब वही अभिभावक अपनेे बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूलोंं में भर्ती कराने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
प्राइवेट स्कूलों की फीस पटा पाना हो रहा मुश्किल
यह बताएं कि कोरोना काल के कारण कई अभिभावको की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और वे प्राइवेट स्कूलों में लगने वाली फीस को पटा पाने में स्वयं को असमर्थ महसूस कर रहे हैं जिसके चलते अभिभावक अपने बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूलों में कराना चाह रहे हैं। लेकिन उन अभिभावकों को अब टीसी के लिए शिक्षा विभाग के कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
प्राइवेट स्कूल संचालक नहीं दे रहे टीसी – गेंदलाल
बीआरसी कार्यालय में यह समस्या लेकर पहुंचे ग्राम कुम्हारी निवासी अभिभावक गेंदलाल दमाहे ने बताया कि वे अपने दोनों बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं लेकिन प्राइवेट शैक्षणिक संस्था आंचलिक सतपुड़ा स्कूल कुम्हारी द्वारा उन्हें टीसी नहीं दिया जा रहा है जिसके लिए वे पिछले 1 वर्ष से परेशान हो रहे हैं। इसकी शिकायत डीपीसी, डीईओ, बीआरसी और कलेक्टर के अलावा आयुष मंत्री को भी की जा चुकी है। प्राइवेट स्कूल द्वारा बच्चे को उसी स्कूल में पढ़ाओ कहते हुए टीसी नहीं दिया जा रहा है, हमें अब अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना है ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाह रहे हैं ग्राम कुम्हारी में ही 20 से 22 लोग है। वर्तमान में ग्राम कुम्हारी के 5 लोगों द्वारा शिकायत की गई है पिछले दिनों स्कूल में 11 हजार रुपए पटाया जा चुका है लेकिन उसकी रसीद नहीं मिली, हमारे बच्चे की टीसी मिल जाए यही शासन प्रशासन से मांग है।
बालाघाट विकासखंड के करीब डेढ़ सौ छात्रों के सामने आई यह समस्या – नरेंद्र राणा
बीआरसी नरेंद्र राणा ने बताया कि ऐसी शिकायत उनके पास पिछले कुछ दिनों से आ रही है चांगोटोला में भी यह समस्या आई थी जहां के 20 से 25 बच्चों का एडमिशन बिना टीसी के सरकारी स्कूल में करा दिया गया है शपथ पत्र के आधार पर तथा संबंधित प्राइवेट स्कूल को नोटिस जारी किया जा रहा है बालाघाट विकासखंड अंतर्गत ऐसे सौ से डेढ़ सौ छात्रों को एडमिशन के लिए यह समस्या आई है। श्री राणा ने बताया कि अशासकीय संस्थाओं में जो बच्चे पढ़ रहे हैं वर्तमान में उनकी आर्थिक स्थिति कुछ खराब है वहां की फीस वे वहन नहीं कर पा रहे हैं इसलिए प्राइवेट स्कूल से बच्चों को निकालकर सरकारी स्कूल में एडमिशन कराना चाहते हैं लेकिन संबंधित संस्था द्वारा इसी प्रदान नहीं किया जा रहा है ऐसे में छात्र शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। इस बारे में डीपीसी और डीईओ को पत्र जारी किया जा रहा है बच्चों को एडमिशन नहीं मिला तो वे शाला त्यागी हो जाएंगे। इसलिए हमको मजबूरन ऐसे बच्चों को प्रवेश दिलाना पड़ेगा, साथ है प्रधान पाठकों को संबंधित संस्था को पत्र लिखकर टीसी मांगने निर्देशित किया गया है।
किसी भी शैक्षणिक संस्था द्वारा टीसी देने से नहीं रोका जा सकता – डीपीसी
वही इस इस संबंध में चर्चा करने पर सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना समन्वयक पी एल मेश्राम ने बताया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत किसी भी बच्चे को पढ़ाई से वंचित नहीं रखा जा सकता है, बच्चे को कहां पढ़ाना है यह अभिभावक पर निर्भर है, किसी भी प्राइवेट शैक्षणिक संस्था द्वारा टीसी देने से नहीं रोका जा सकता। यह शिकायत उनके पास भी आई थी जो बच्चे शासकीय विद्यालय में पढऩा चाहते हैं उसके लिए वे स्वतंत्र है। ऐसे जो भी बच्चे हैं वह पहले एडमिशन ले ले उसके बाद भी आवेदन कर टीसी प्राप्त किया जा सकता है। अगर फीस संबंधी कोई विषय है तो यह अभिभावक और उस संस्था का मामला है वैसे भी पैसे के लिए एडमिशन से नहीं रोका जा सकता।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here