माधुरी तेल के रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क और कॉपीराइट का गलत उपयोग करने वाले मामले में माधुरी रिफाइंड प्राइवेट लिमिटेड ने कोर्ट के आदेश पर नगर के सुभाष चौक पर स्थित एक दुकान,और इतवारी गंज परिसर स्थित 2 गोदाम में छापा मार कार्रवाई करते हुए माधुरी तेल से मिलते जुलते ब्रांड मधुर माधवी तेल के डिब्बे, डिब्बों में चिपकाने वाले स्टीकर सहित अन्य सामग्रियां सील की हैं जिनकी कुल कीमत ढाई लाख रुपए बताई गई है।दिल्ली कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए लोकल कमिश्नर पुष्प सैनी के नेतृत्व व कोतवाली पुलिस के सहयोग से की गई इस कार्यवाही में नवकार एसोसिएट के अधिकारियों कर्मचारियों ने बुधवार को नगर के सुभाष चौक स्थित किशनचंद बोलूमल के प्रतिष्ठान में दबिश दी जहां उन्होंने वेस्ट तीस हजारी कोर्ट दिल्ली का आदेश दिखाते हुए उक्त कार्यवाही को अंजाम दिया। इस कार्यवाही में जहां दिल्ली कोर्ट के आदेश पर मधुर माधवी तेल कंपनी के बैंक अकाउंट, कंपनी की डिटेल के कागजात ,माल सप्लाई की डिटेल आदि की जानकारी लोकल कमिश्नर ने आपने पास सुरक्षित रखी है। तो वही स्थानीय तेल कंपनी मधुर माधवी से सील किए गए माल का राशि का बाऊड जमा को कहा है वही उक्त कार्यवाही की रिपोर्ट दिल्ली कोर्ट में सौपने की बात कहते हुए दिल्ली कोर्ट से मिलने वाले आदेश के तहत आगामी कार्यवाही करने की बात कही है।

माधुरी के नाम से माधवी तेल बेचने की मिली थी शिकायत
देश की प्रख्यात रिफाइंड तेल कंपनी माधुरी रिफाइंड प्राइवेट लिमिटेड लीगल एडवाइजर एसोसिएट के पदाधिकारियो अनुसार पिछले 6/8 महीनों से कंपनी को यह शिकायत मिल रही थी कि बालाघाट के स्थानीय व्यापारी किशन चंद बोलूमल द्वारा माधुरी तेल से मिलता जुलता एक ब्रांड बनाया गया है जो की हूबहू माधुरी के तरह लिखा जाता है और माधुरी की तरह दिखता है कंपनी माधुरी रिफाइनर्स प्राइवेट लिमिटेड के रजिस्टर्ड व्यापार चिन्ह और रजिस्टर्ड कॉपीराइट (माधुरी) स्टाइल का गलत उपयोग कर मधुर माधवी के नाम से तेल मार्केट में बेचा जा रहा है इसके बाद माधुरी रिफाइनर्स प्राइवेट लिमिटेड के लीगल एडवाइजऱ नवकार एसोसिएट्स के अधिवक्ता विश्वजीत अहिरवार के द्वारा दिल्ली कोर्ट में वाद दायर किया गया था जहां दिल्ली कोर्ट के द्वारा इस कार्यवाही के लिए लोकल कमिश्नर नियुक्त कर उक्त कार्यवाही कराई।लोकल कमिश्नर पुष्प सैनी ने लोकल पुलिस के सहयोग से दुकान और गोदाम परिसर में पहुंच कर कार्यवाही कर तेल के डिब्बे जब्त किये लोकल कमिश्नर की कार्यवाही में माधुरी रिफाइनर्स प्राइवेट लिमिटेड का रजिस्टर्ड व्यापार चिन्ह,नाम कलर ,चित्र सहित अन्य जानकारियो में मिलती जुलती समानता पाई गई है।जिसमे लोकल कमिश्नर के द्वारा सर्च एंड सीजऱ कर माल सील किया गया।

बाजार से खाली डब्बे खरीदकर करते थे व्यापार
बुधवार को नगर के सुभाष चौक स्थित किशनचंद बोलूमल प्रतिष्ठान में की गई पूछताछ के बाद दिल्ली से आई यह टीम दादाबाड़ी स्कूल के पास संचालित गोपालदास मंगलानी के गोदाम में छापा मार कार्यवाही के लिए पहुंची लेकिन उस गोदाम में इस टीम को मधुर माधवी तेल के भरे हुए तेल के टीन ,या डब्बे सहित मधुर माधवी से संबंधित कोई खास साक्ष्य नहीं मिले लेकिन इस टीम ने पाया कि उक्त गोदाम में विभिन्न तेल कंपनियों के खाली टीन व प्लास्टिक के डिब्बे जिसपर तेल भरकर उसे ब्रांडेड कंपनियों के नाम से बेचा जाता है वही इस टीम ने इस गोदाम से मधुर माधवी कंपनी के डिब्बे में चिपकाने वाले स्टीकर जप्त किए।छापामार कार्यवाही को लेकर दिल्ली से पहुंची इस टीम के सदस्यों ने बताया कि लोकल व्यापारी बाहर से बैरल में भरकर खाने का तेल लाते थे वही ब्रांडेड तेल कंपनी के खाली डब्बे,व टीन बाजार खरीद कर उसे साफ कर उसमे लोकल तेल भर दिया जाता था और कंपनी का लेबल लगाकर उसे मार्केट में बेचा जाता था
आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी

दिल्ली कोर्ट के आदेश पर की गई इस कार्यवाही में जहां माधुरी तेल कंपनी के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा स्थानी मधुर माधवी तेल कंपनी पर उनका नाम उनका ब्रांड चित्र ट्रेडमार्क रंग रूप सहित अन्य जानकारियों के साथ छेड़छाड़ कर उनकी कंपनी व तेल के नाम का मिस यूज करने का आरोप लगाया गया है तो वहीं स्थानीय तेल कंपनी मधुर माधवी के प्रोपराइटर विकास सचदेव द्वारा उनके और उनकी कंपनी पर लगाए गए सभी आरोपों को झूठा व बेबुनियाद बताया गया है चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि वे मधुर माधवी नाम से तेल कंपनी चलाते हैं जिसे रजिस्टर कराया गया है वही जो आरोप माधुरी तेल कंपनी द्वारा लगाए जा रहे है वे आरोप झूठे हैं जिसका जवाब दे कोर्ट में देंगे। लोकल कमिश्नर द्वारा बताया गया कि जब तक कोर्ट का कोई अगला आदेश नहीं आ जाता तब तक स्थानीय कंपनी इस तेल का निर्माण उसकी पैकिंग,सील किए गए तेल का उपयोग व उसकी बिक्री नहीं कर सकती। आज यह जो कार्रवाई की गई है उसे माननीय कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा वहां से जो भी निर्णय होगा उस आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी
मंगलवार को नहीं मिला था पुलिस बल, इसीलिए नहीं हो सकी थी कार्यवाही
आपको बताए कि यह छापामार कार्यवाही मंगलवार को भी ही होनी थी जहां माधुरी रिफाइंड प्राइवेट लिमिटेड के लीगल एडवाइजर ,नवकार एसोसिएट के अधिवक्ता आईपीआर एडवाइजर डायरेक्टर विजय सोनी, ओनर निर्मता जैन, एडवोकेट विश्वजीत अहिरवार,सेल्समैन आनंत तिवारी, लोकल कमिश्नर पुष्प सैनी, सहित नवकार एसोसिएट के लगभग 10 से 12 लोगों की टीम मंगलवार की सुबह बालाघाट पहुंच चुकी थी जिन्होंने जिले के पत्रकारों को भी छापामार कार्यवाही में साथ ले जाने के लिए जमा कर लिया था लेकिन स्थानीय पुलिस कि उन्हें मदद नहीं मिली मंगलवार को कृषि मंत्री पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नगर आगमन हुआ था जिसके चलते पुलिस फोर्स छापामार कार्यवाही के लिए नहीं मिल सकी इसीलिए मंगलवार को होने वाली यह कार्यवाही टाल दी गई जिसे बुधवार को पूरा किया गया है।

भनक लगते ही दो-तीन ट्रक माल की सप्लाई बाहर कर दी गई -आनंद तिवारी
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान माधुरी रिफाइंड प्रा ली. के सेल्स मैनेजर आनंद तिवारी ने बताया कि पिछले 8 महीने से हमें शिकायत मिल रही थी कि बालाघाट में माधुरी तेल का डुप्लीकेट माल बिक रहा है बाद में तेल की क्वालिटी व वजन को लेकर भी शिकायतें मिलने लगी। इससे हमारे ओरिजिनल माधुरी ब्रांड को बहुत असर पड़ रहा था बिक्री एकदम से घट गई थी।नवकार एसोसिएट ने दिल्ली कोर्ट में एक वाद दायर किया था वहां से हमें 2 तारीख को छापा मारने का ऑर्डर मिला था जिसके तहत आज दो-तीन जगह छापे मारकर तेल सीज किया गया है इसमें माधुरी ब्रांड का डुप्लीकेट माधवी बनाया गया था जिसमें लडक़ी की इमेज सेम रखी गई थी कलर डिजाइन सब कुछ माधुरी जैसा नजर आ रहा है दूर से माधुरी तेल की तरह दिखता है वहीं उपभोक्ताओं से पूरे पैसे लेकर कम तेल दिया जा रहा था आज करीब ढाई लाख का माल हमें मिला है इस कार्यवाही का रिप्लाई बालाघाट के स्थानीय ऑनर कोर्ट में देंगे उन्होंने आगे बताया कि लाकडाउन की अवधि में माधुरी के नाम से माधवी तेल की जमकर बिक्री की गई है क्योंकि लॉकडाउन में माधुरी तेल बालाघाट नहीं आ रहा था जिसका यह फायदा उठा रहे थे हम दो-तीन दिनों से रेकी कर रहे थे मंगलवार को छापामार कार्यवाही की जानी थी शायद इसकी भनक स्थानीय व्यापारी को लग चुकी थी जिसके चलते 2-3 ट्रक माल यहां से भरकर बाहर सप्लाई की गई है।
हम खुद का ब्रांड लगाते है-गोपाल दास मंगलानी
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान गोदाम संचालक गोपाल दास मंगलानी ने बताया कि हम खाली टीन व तेल के खाली डिब्बे बाहर से लेते हैं उसे साफ करते हैं हमारे खुद का ब्रांड लेबल है वही लगाते हैं हम जो कार्य कर रहे हैं उसके पेपर उसका लाइसेंस उसका रजिस्ट्रेशन और सर्टिफिकेट हमारे पास में है हम नागपुर सहित अन्य जगहों के ऑयल प्लांट से सोयाबीन तेल खरीद कर लाते हैं खाली डिब्बों में भरते हैं उस पर स्वयं का लेबल लगाकर खुद के नाम से बेचते हैं।
हमे जानबूझकर परेशान किया जा रहा है-विकास सचदेव
वहीं इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान मधुर माधवी रिफाइंड सोयाबीन ऑयल के प्रोपराइटर विकास सचदेव ने बताया कि हमारा खुद का ट्रेडमार्क है जिसे मधुर माधवी के नाम संचालित किया जाता है आज माधुरी तेल कंपनी वाले आकर कोर्ट का कागज दिखाकर हमारे माल को डुप्लीकेट बता रहे हैं कोर्ट के कागज के हिसाब से हमारा प्रोडक्ट डुप्लीकेट नहीं, माधवी ब्रांड भी डुप्लीकेट नहीं है मधुर माधवी और माधुरी के नाम में काफी अंतर है इसके अलावा 15 ऐसे पॉइंट है जो एक दूसरे से मेल नहीं खाते और काफी डिफरेंट हैं हमारा ट्रेड ऑयल ऑल इंडिया में रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क है जिसका हम यहां से संचालन करते हैं मधुर माधवी अलग ब्रांड है उसकी माधुरी तेल ब्रांड से कोई समानता नहीं है ये लोग कॉन्पिटिशन दुर्भावना से हमें परेशान कर रहे हैं माधुरी तेल एक बड़ी कंपनी है यह छोटे लोगों को आगे बढ़ते नहीं देख सकती हमें परेशान करने के लिए जानबूझकर दिल्ली से कार्यवाही कराई गई है हम पर जो भी आरोप लगाए गए हैं वह सब झूठे हैं बेबुनियाद हैं हम इसका जवाब कोर्ट में देंगे और साबित करेंगे कि माधवी ब्रांड और माधुरी ब्रांड दोनों अलग-अलग है।
अंतिम निर्णय कोर्ट करेगा- पुष्प सैनी
वही इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान दिल्ली कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए लोकल कमिश्नर पुष्प सैनी ने बताया कि माधुरी कंपनी के लीगल एडवाइजरो ने बालाघाट की मधुर माधवी तेल कंपनी पर ब्रांड चोरी करने का आरोप लगाया था फोटो कलर लडक़ी के चित्र आदि मैं समानता ही दख रही हैं आज मैं कोर्ट के आदेश पर इस माल को सीज करने आया हूं लगभग ढाई से 3 लाख का माल सीज किया गया है। यह माधुरी तेल के नाम से माधवी तेल का स्टिकर लगाकर माल बेचते थे यह मामला ट्रेडमार्क का है इन्होंने ट्रेडमार्क के लिए अप्लाई किया है लेकिन इन्हें ट्रेडमार्क अभी नहीं मिला है उसके अंदर भी कई तरह की प्रोसेस होती है इनकी कंपनी रजिस्टर्ड भी नहीं हुई है इन्हें अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए 23 सितंबर की तारीख दी गई है वे चाहे तो कोर्ट में जाकर इस कार्यवाही को चैलेंज कर सकते हैं इस कार्यवाही में कई जगह समानता देखी गई है जिसकी तमाम जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी कोर्ट ही डिसाइड करेगा कि इस मामले में क्या करना है कोर्ट का अंतिम निर्णय ही मान्य होगा।