बालाघाट विधायक ने शहर के निजी अस्पतालों का किया निरीक्षण

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बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे द्वारा शहर के दो निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया गया जहां उन्होंने निजी अस्पतालों में फायर सेफ्टी, सुरक्षा उपकरण और साफ सफाई की व्यवस्था सहित इमरजेंसी आने पर निकलने के लिए इमरजेंसी द्वार का निरीक्षण किया जहां उन्हें दोनों ही अस्पतालों में काफी असुविधा नजर आई एवं उन्होंने अस्पताल के संचालकों को अस्पतालों में पर्याप्त मरीजों को दिए जाने वाली सुविधाओं को ध्यान रखने की बात कही, तो वहीं मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी मनोज पांडे को भी जमकर आड़े हाथों लिया उन्होंने कहा कि जब मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी को उन्होंने अपने दौरे कार्यक्रम में सम्मिलित होने को कहा था, किंतु ना वह उनके दौरे कार्यक्रम में सम्मिलित हुए और ना ही अपने निकटतम चिकित्सकों को उनके दौरे में भेजा, इसको लेकर उन्होंने कहा कि आज कहीं ना कहीं भाजपा सरकार में नौकरशाही हावी है और इसी को वह दूर करने के लिए जल्द ही जनता के साथ हड़ताल करेंगीं
आपको बता दे की बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे के 13 जून को शाम शहर के दो निजी नर्सिंग होम का निरीक्षण किया जिसमे एक, दो, तीन नहीं बल्कि कई खामियां मिली। बताया जाता है कि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने, अपने सभी विधायकों को विधानसभा क्षेत्र में संचालित निजी नर्सिंग होम में फायर सेफ्टी, मरीजों को मिलने वाली सुविधा, नर्सिग होम में शासन के नियमों का पालन, अस्पताल की स्वच्छता, पेयजल व्यवस्था, नर्सिंग होम मंे बेड की उपलब्धता, नर्सिंग होेम मे काम कर रहे स्टॉप को दिए जाने वाले वेतन सहित अन्य बिंदुओं की जांच करने के निर्देश दिए गए थे। नेत प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सुझाव गए बिंदुओं और जिले के लोगों को निजी नर्सिंग होम में मिल रही ईलाज की सुविधा को लेकर विधायक अनुभा मुंजारे ने नगर के दो प्रमुख निजी नर्सिंग होम का निरीक्षण किया।

अस्पतालों में मिली अनेक खामियां –

जहां उन्हें एक नहीं बल्कि कई खामियां मिली। जिन्हें दूर करने के नर्सिंग होम प्रबंधन को निर्देशित किया है। निरीक्षण में पहुंची विधायक अनुभा मुंजारे ने नर्सिंग होम के सिलसिलेवार निरीक्षण को लेकर मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि शहर के दो निजी नर्सिंग होम का निरीक्षण किया जिनमे फायर सेफ्टी के नाकामी इंतजाम थे। आगजनी जैसी घटना से बचने के लिए इमरजेंसी डोर की कोई जानकारी नहीं थी। वही पूरे अस्पताल मंे वेंटीलेशन नहीं होने से मरीजों ओर उनके परिजनों को घुटन महसुस हो रही थी। भारी गर्मी के बावजूद मरीजों को राहत देने लगाए गए कूलर बंद थे। सबसे बड़ी समस्या, यहां इतने बड़े अस्पताल का संचालन करने के बावजूद नर्सिंग होम प्रबंधन ने मरीजों के पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके किए गए सवाल पर प्रबंधन हमें भ्रमित करने जैसा जवाब दे रहा था। उन्होंने कहा कि जब निजी नर्सिंग संस्थान, मरीजों से ईलाज का पर्याप्त फीस लेते है तो मरीजों को सुविधा की जिम्मेदारी भी उनकी है। वही एक नर्सिंग होम को 23 बेड की स्वीकृति है, लेकिन उससे ज्यादा बेड लगे है। फायर सेफ्टी के इंतजाम काफी कम है। आईसीयू तो है लेकिन उसका दरवाजा नही है, तो फिर यह कैसा आईसीयू है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा दोनो ही नर्सिंग होम मेें आने वाले मरीजों के लिए पीने की पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। अस्पतालो में साफ-सफाई का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है।

सीएचएमओ गैर जिम्मेदार है –

सीएचएमओ डॉ. मनोज पांडेय की भूमिका पर किए गए सवाल पर विधायक अनुभा मुंजारे ने कहा कि सीएचएमओ डॉ. मनोज पांडेय, अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाह, गैर जिम्मेदार है। जिनका लाभ के काम में ज्यादा ध्यान रहता है। उन्हें हमने जितनी भी समस्या बताई, उसका उन्होंने कोई समाधान नहीं किया। उन्हें तो समय-समय पर निजी नर्सिंग होम का निरीक्षण करना चाहिए, लेकिन वह नहीं करते है। आज भी हमने उन्हें निरीक्षण के दौरान उपस्थित रहने की खबर दी थी लेकिन ना तो वे आए और ना ही किसी जिम्मेदार को भिजवाया। जिससे ही पता चलता है कि वह कितने गैर जिम्मेदार है। भाजपा सरकार में नौकरशाह हावी है और आम जनता शोषित और पीड़ित हो रही है।

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