जमीन के फौती, नामांतरण के लिए 10 हजार की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने तहसील कार्यालय में पदस्थ पटवारी शैलेंद्र हरिनखेरे को रंगेहाथ गिरफ्तार किया बुधवार को लोकायुक्त जबलपुर की टीम तहसील कार्यालय पहुंची जहां उन्होंने कार्यवाही को अंजाम दिया। जानकारी के मुताबिक जबलपुर निवासी अभय मेश्राम जिनकी गायखुरी में करीब 4 से 5 एकड़ जमीन है माता पिता के देहांत के बाद जमीन की फौती और नामांतरण के लिए उन्होंने पटवारी श्री हरिनखेरे से कुछ दिन पूर्व संपर्क किया था इस कार्य को लेकर श्री हरिनखेडे के द्वारा 20 हजार रूपये बतौर रिश्वत मांगी गई थी जिसकी प्रथम किस्त 10 हजार रूपये देना तय हुआ था जब अभय मेश्राम निर्धारित किस्त लेकर तहसील कार्यालय पहुंचे तो लोकायुक्त टीम पहले से ही तहसील कार्यालय में मौजूद थी जैसे ही पटवारी श्री हरिनखेडे ने रिश्वत के पैसे अपने जेब में रखे उसी दौरान लोकायुक्त टीम ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

लोकायुक्त से की गई थी शिकायत
जबलपुर निवासी अभय मेश्राम के द्वारा 13 जुलाई को लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर में एक लिखित आवेदन दिया गया था जिसमें उनके द्वारा तहसील कार्यालय में पदस्थ पटवारी शैलेंद्र हरिनखेरे के द्वारा जमीन की फौती और नामांतरण कार्य पूर्ण करने के लिए 20 हजार रूपये की रिश्वत मांगी जा रही है इस आवेदन को लेकर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर 7 सदस्यीय टीम का गठन किया गया जिसमें 3 थाना प्रभारी 3 आरक्षक और एक चालक को शामिल किया गया टीम के द्वारा योजनाबद्ध तरीके से पटवारी श्री हरिनखेरे को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडऩे के लिए ट्रैप बिछाया गया और बुधवार को जब आवेदक अभय मेश्राम 10 हजार रूपये की प्रथम किस्त लेकर तहसील कार्यालय पहुंचे उस दौरान लोकायुक्त की टीम के द्वारा पटवारी को 10 हजार रूपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया। आपको बता दे, पटवारी बालाघाट तहसील कार्यालय में ही पदस्थ है और यह पूरी कार्यवाही उसके चेंबर में की गई। जहां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत अपराध भी पंजीबद्ध किया गया इस मामले में लोकायुक्त पुलिस पटवारी के आर्थिक आमदनी की भी जांच करेगी, ताकि यह जानकारी मिल सके कि पटवारी के पास आय से अधिक संपत्ति तो नहीं है। जिसको लेकर टीम के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा पटवारी के घर की भी तलाशी ली जा सकती हैं।

जमीन की फौती और नामांतरण के लिए मांगी गई थी रिश्वत- निरीक्षक लोकायुक्त
इस संदर्भ में चर्चा के दौरान लोकायुक्त निरीक्षक स्वप्निल दास ने बताया कि जबलपुर निवासी अभय मेश्राम के द्वारा लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर में एक आवेदन दिया गया था और उनके द्वारा शिकायत की गई थी कि तहसील कार्यालय बालाघाट में पदस्थ पटवारी के द्वारा फौती और नामांकन के लिए 20000 रूपये की रिश्वत मांगी जा रही है इसलिए इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक के निर्देशों के तहत 7 सदस्यीय टीम बनाकर आज पटवारी को 10 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया उन्होंने कहा कि पटवारी के द्वारा भी अपना पक्ष रखा गया था और कहा गया था कि रिश्वत की उन्होंने मांग नहीं की गई लेकिन पटवारी के पेंट की दाहिनी जेब से जो पैसा बरामद हुआ है वह लेनदेन का पैसा नहीं था जो राशि जप्त की गई है उसमें केमिकल लगाया गया था जिससे यह साबित हो चुका है कि पटवारी द्वारा रिश्वत की मांग की गई है हालांकि पूरे मामले की इन्वेस्टिगेशन की जा रही है यदि आय से अधिक संपत्ति की संभावना लगती है तो पटवारी के घर की भी तलाशी की जाएगी और मामले की विवेचना होगी।










































