बालाघाट : 659 शालात्यागी बच्चो मे से 3 छात्रो को ही मिला प्रवेश !

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जो बच्चे किसी कारणवश स्कूल में प्रवेश नहीं ले पाए हैं उनकी जानकारी एकत्र कर प्रवेश दिलाने का काम जिला शिक्षा केंद्र द्वारा किया जा रहा है। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा शाला त्यागी बच्चों का स्कूलों में प्रवेश दिलाने के निर्देश दिए गए हैं जिसके तहत जिला शिक्षा केंद्र के अंतर्गत शिक्षकों द्वारा घर घर जाकर शालात्यागी बच्चों का सर्वे किया जा रहा है। शालात्यागी बच्चों का स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए जिला शिक्षा केंद्र के अमले के पसीने छूट रहे हैं। जिला शिक्षा केंद्र को 659 शालात्यागी बच्चों का सर्वे कर स्कूलों में प्रवेश दिलाने के निर्देश मिले थे लेकिन पिछले 1 माह से चल रहे सर्वे कार्यक्रम के बावजूद भी जिला शिक्षा केंद्र अभी तक सिर्फ 3 बच्चों को ही स्कूलों में प्रवेश दिला पाया है।
1 माह से चल रहा गृह संपर्क अभियान
आपको बताये कि पिछले 2 वर्षों से कोरोना महामारी के चलते बड़ी संख्या में बच्चे स्कूलों से दूर हो गए हैं। कोरोना कॉल में स्कूल बंद रहने के कारण ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से तथा ग्रामीण क्षेत्रों में मोहल्ला क्लास के माध्यम से पढ़ाई करवाई गई। लेकिन इसमें सभी बच्चे नहीं जुड़ पाए, और धीरे धीरे कई बच्चों का स्कूलों से मोहभंग होने की भी जानकारी सामने आई है। यह जानकारी शासन स्तर तक पहुंचने के चलते शाला त्यागी बच्चों की जानकारी जुटाकर ऐसे सभी बच्चों का स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए राज्य शिक्षा केंद्र से मिले निर्देश पर ग्रह संपर्क अभियान जारी है।
13429 शाला त्यागी बच्चों की राज्य शिक्षा केंद्र से मिली थी सूची
जिला शिक्षा केंद्र को शाला त्यागी बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए राज्य शिक्षा केंद्र से 13429 बच्चों की सूची मिली थी जिन बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ चुके हैं। इसके अंतर्गत ऐसे बच्चों के घर-घर जाकर सर्वे किया जाना था शिक्षकों द्वारा पिछले एक माह से घर-घर जाकर संपर्क किया गया उसमें जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार 2478 ऐसे बच्चे हैं जिनका परिवार पलायन कर चुका है। 732 बच्चे ऐसे हैं जो 18 वर्ष से अधिक उम्र के पाए गए, 222 बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। 707 परिवार ग्रह संपर्क के समय घर में मौजूद नहीं मिले जिसके कारण इन परिवारों से संबंधित जानकारी नहीं लग पाई। वही 659 बच्चों को शाला में प्रवेश दिलाए जाने के लिए चिन्हित किया गया है।
बालाघाट और लालबर्रा जनपद में सबसे अधिक शालात्यागी बच्चे
जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार जिले के बालाघाट और लालबर्रा जनपद में सबसे अधिक शालात्यागी बच्चे हैं। जनपद पंचायत बालाघाट अंतर्गत 139 शालात्यागी बच्चे हैं वही जनपद पंचायत लालबर्रा में 107 शालात्यागी बच्चों को प्रवेश दिलाना है। इसी प्रकार मलाजखंड नगर पालिका अंतर्गत 12 बच्चे, जनपद पंचायत खैरलांजी अंतर्गत 51 बच्चे, नगर परिषद बैहर अंतर्गत एक, जनपद पंचायत परसवाड़ा अंतर्गत 76 छात्र, जनपद पंचायत किरनापुर अंतर्गत 20, नगर परिषद लांजी अंतर्गत 16, जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत दो, नगर परिषद कटंगी अंतर्गत एक, जनपद पंचायत कटंगी अंतर्गत 68, जनपद पंचायत लांजी अंतर्गत 72, जनपद पंचायत बैहर अंतर्गत 60 एवं जनपद पंचायत बिरसा अंतर्गत 34 शालात्यागी बच्चे शामिल है। वही नगरपालिका वारासिवनी और नगरपालिका बालाघाट क्षेत्र में कोई भी शालात्यागी बच्चे नहीं है।
सर्वे कर बच्चों का एडमिशन दिलाने का कार्य चालू है – डीपीसी
इसके संबंध में चर्चा करने पर डीपीसी पी एल मेश्राम ने बताया कि ऐसे शाला त्यागी बच्चे जिनका विद्यालयों में कक्षा पहली से आठवीं तक एडमिशन था लेकिन बीच में बच्चों ने पढऩा छोड़ दिए, ऐसे बच्चों के घर घर जाकर शिक्षकों के द्वारा सर्वे कर उन बच्चों को एडमिशन दिलाने का कार्य चालू है। 659 बच्चों में से 3 बच्चों का प्रवेश स्कूलों में हो चुका है और यह अभियान लगातार जारी है। हमें जो सूची मिली है उसमें से कुछ ऐसे परिवार हैं जो बाहर चले गए हैं कुछ 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले बच्चे हैं तथा कुछ ऐसे बच्चे हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है। जो छात्र स्कूल नहीं जा रहे हैं उन बच्चों की जानकारी एकत्र की जा रही है और 14 वर्ष से कम उम्र आयु के बच्चे का स्कूल में प्रवेश दिलाया जा रहा है। टारगेट पूरा होते तक यह गृह संपर्क अभियान चलता रहेगा।

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