15 दिसम्बर के बाद वैवाहिक कार्यक्रमों में ब्रेक लगने जा रहा है जो 22 अप्रैल 2021 तक जारी रहेगा। इस दौरान नए वर्ष में बिना मुहूर्त के होने वाले शिवरात्रि और रामनवमी के अवसर पर होने वाले विवाह भी नहीं करवाए जा सकेंगे ऐसा ज्योतिषाचार्य और पंडितों का भी मानना है। मैं तो यहां तक कहते हैं कि शुभ मुहूर्त में ही विवाह कार्य करवाए जाने चाहिए वरना बिना मुहूर्त की विवाह भविष्य में नव दंपत्ति वर वधू के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं।
बिना मुहूर्त की शादी ज्यादा सक्सेस नहीं होती इसके पीछे बहुत से कारण है जानकार बताते हैं कि जब ग्रहों की स्थिति सही नहीं होती तो उस पर ग्रहों का दुष्प्रभाव भी पड़ता है। जिसका सीधा असर जीवन पर पड़ता है जिसके कारण आपसी कलह परिवार में तनाव जीवन सुख में नहीं होता ऐसी स्थिति में कई बार स्थिति तलाक तक पहुंच जाती है।15 दिसंबर के बाद ज्योतिष की गणना के अनुसार पूस का माह प्रारंभ हो जाएगा। 15 जनवरी तक यह पूस का महीना चलेगा 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्यौहार रहेगा। इसके बाद पूजा पाठ शुरू हो जाती है लेकिन इस वर्ष हरिद्वार में कुंभ का मेला लगना है। जिसका 21 अप्रैल को अंतिम शाही स्नान है इसके बाद ही विवाह कार्य शुरू हो सकेंगे।जुगाड़ की तारीख निकालकर शादी करवाने के विषय में एक अन्य ज्योतिषाचार्य और पंडित बताते हैं कि जब स्वभाविक रूप से इस बात के संकेत दिए जा रहे हो कि अमुख तारीख से तारीख के बीच में विवाह कार्य नहीं करवाए जाने चाहिए तो फिर ऐसे में माता पिता परिजन अपने बच्चों को क्यों परेशानी में डाल रहे हैं। कुछ दिन रुक कर अच्छे मुहूर्त में विवाह करवाया जा सकता है।
आपको बता दें कि इस वर्ष शिवरात्रि और राम नवमी के अवसर पर भी विवाह कार्य नहीं करवाए जा सकते क्योंकि शिवरात्रि इस वर्ष 11 मार्च की आ रही है तो वहीं रामनवमी 21 अप्रैल इस बीच में हरिद्वार में कुंभ का मेला आयोजित होगा इस दौरान विवाह कार्य नहीं करवाए जाते।
चलिए फिर आपको बताते हैं कि विवाह कार्य आखिर होंगे कब शादी के शुभ मुहूर्त अप्रैल माह में हैं। अप्रैल में विवाह का शुभ मुहूर्त – 22, 24, 25, 26, 27, 28, 29, और 30 अप्रैल है. मई में विवाह का शुभ मुहूर्त – 1, 2, 7, 8, 9, 13, 14, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 28, 29 और 30 मई हैं।
इस खबर के माध्यम से हम केवल ज्योतिषाचार्य और विद्वान पंडितों के मत बता रहे थे जो शास्त्रों में लिखा है उसकी जानकारी आप तक पहुचा रहे थे।