बिना रॉयल्टी के चल रहे रेत के डंपर

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जिले में बगैर रॉयल्टी के रेत के डंपर से परिवहन किए जाने का मामला सामने आया है। गुरुवार की सुबह ग्रामीणों द्वारा नगर मुख्यालय से लगे ग्राम भटेरा में एक डंपर को रोका गया, उसकी रॉयल्टी पूछे जाने पर डंपर में मौजूद रेत की कोई रॉयल्टी नहीं थी जिसको लेकर ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया। जानकारी लगते ही पूर्व सांसद कंकर मुंजारे भी मौके पर पहुंचे वहीं कोतवाली थाना प्रभारी कमल सिंह गहलोत भी अपने अमले के साथ ग्राम भटेरा पहुंचे और पूरे घटनाक्रम से अवगत हुए।

बताया जा रहा है कि जब ग्रामीणों द्वारा डंपर को रोका गया इस दौरान उसकी रॉयल्टी नहीं थी लेकिन बाद में उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप के माध्यम से रॉयल्टी पहुंच गई। कोतवाली पुलिस द्वारा डंपर को कोतवाली थाने ले जाया गया और इस पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है।

मौके पर मौजूद ग्रामीण मोरध्वज डहरवाल ने बताया कि इस डंपर को रोका गया तो डंपर की रॉयल्टी नहीं कटी थी जबकि इस डंपर को यहां से रोज ले जाया जाता है और शहर में रेत बेचा जाता है। कुछ रेत व्यवसाईयो ने छोटे लोगों को डरा धमकाकर अपना साम्राज्य फैलाकर रखा है जो सजा इसमें छोटे ट्रैक्टर वालों को होती है इन पर भी वैसे ही कार्यवाही होना चाहिए। बगैर रॉयल्टी के रेत परिवहन किये जाने के मामले में अगर कार्यवाही नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे, तीन माह से रेत चोरी का यह कारोबार चल रहा है।

इस मामले की जानकारी लगते ही मौके पर पहुंचे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने कहा कि 6 माह से रेत का अवैध परिवहन और अवैध उत्खनन किया जा रहा है सारे घाट को अवैध तरीके से छलनी कर दिया गया। यहां भटेरा घाट सैंक्शन है लेकिन वहां पानी रहने के कारण वहां से रेत नहीं निकाला जाता बल्कि पूरी रेत खैरी रोशना कुम्हारी धापेवाडा ददिया के तुमड़ीघाट से रेत निकाला जाता है। चरेगांव के पास भी रेत का अवैध उत्खनन किया गया इस प्रकार जिले के पूरे क्षेत्र में अवैध उत्खनन किया जा रहा है। यह सब प्रशासन पुलिस और कुछ जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में चल रहा है यहां तक कि कुछ लोगों की इसमें पार्टनरशिप भी है। जो स्लिप दिखाई गई उसमें खरीददार का नाम तक नहीं है न हीं घनमीटर रेत का कहीं उल्लेख है, नाके लगाने का इनको अधिकार नहीं है लेकिन जगह-जगह नाके बनाए गए जबकि नाके लगाकर चेक करने का अधिकार माइनिंग वालों को है। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और ऊपर तक पैसा जा रहा है इसके कारण इन पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है इसकी जांच ईडी से कराना चाहिए। यह मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला है जो सरकार के संरक्षण में हो रहा है, बिना रॉयल्टी के वाहन चलने की जानकारी मिलने पर पुलिस पहुंच गई लेकिन माइनिंग अधिकारी नहीं आये।

मौके पर मौजूद रहे कोतवाली थाना प्रभारी कमल सिंह गहलोत ने बताया कि ग्राम भटेरा में ग्रामीणों ने रेत का एक डंपर रुकवाया जिसकी रॉयल्टी नहीं थी, गाड़ी खड़ी करवाने के बाद उसकी रॉयल्टी आई। जो भी विषय है उसकी जांच होगी, फिलहाल इस डंपर को थाने में ले जाकर कार्यवाही कर रहे हैं इसकी सूचना माइनिंग विभाग को भी दी जाएगी इस पर माइनिंग भी कार्यवाही करेगा। यह माइनिंग विभाग का मैटर है फिर भी खनिज एक्ट के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

बाईट – कमल सिंह गहलोत थाना प्रभारी कोतवाली बालाघाट

वही इसके संबंध में दूरभाष पर चर्चा करने पर जिला खनिज अधिकारी सोहन सलामें ने बताया कि
यह मामला जांच में हैं, टीआई के माध्यम से प्रतिवेदन आते ही इसकी पूरी जांच कर कार्यवाही की जाएगी।

आपको बताये कि यह पूरा मामला खनिज विभाग से जुड़ा है लोगों द्वारा इस मामले को लेकर काफी आक्रोश व्यक्त किया गया। बिना रॉयल्टी के डंपर से रेत का परिवहन किए जाने और ग्रामीणों द्वारा उस डंपर को रोके जाने की जानकारी लगते ही मौके पर पुलिस अमला पहुंचा लेकिन कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही खनिज विभाग का कार्यालय होने के बावजूद भी खनिज विभाग के अधिकारी के नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर काफी रोष व्यक्त किया गया।

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