27 दिसंबर को बिरसा जनपद पंचायत सीईओ द्वारा जारी आदेश के खिलाफ सरपंच संघ ने आपत्तियां जताकर सीईओ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष वैभव बिसेन ने बिरसा सीईओ अजीत बर्वा द्वारा जारी आदेश को पंचायतीराज अधिनियम के विपरित और गैरकानूनी करार दिया है। श्री बिसेन के नेतृत्व में बिरसा सरपंच संघ अध्यक्ष धनेश्वरी मरावी ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर आदेश को वापस लेने और सीईओ को निलंबित किए जाने की मांग की है।
जिला सरपंच संघ अध्यक्ष वैभव बिसेन ने बताया कि बिरसा सीईओ का आदेश पूरी तरह से भ्रष्टचार को बढ़ावा देने वाला और मजाकिया आदेश है। उन्होंने बताया कि जिस तरह एक अज्ञानी व्यक्ति कोई कदम उठाता है, उसी तरह बिरसा सीईओ ने ये आदेश जारी किया है। सीईओ कुछ जनपद सदस्यों और क्षेत्रीय नेताओं के साथ मिलकर तुगलकी फरमान जारी किया है। श्री बिसेन ने बताया कि सीईओ ने आदेश जारी किया है कि ग्राम पंचायत के सभी निर्माण कार्य संबंधित जनपद सदस्यों की अनुशंसा के बगैर स्वीकार नहीं किए जाएंगे। ये आदेश पूरी तरह से पंचायत राज अधिनियम का उल्लंघन है। इसके अलावा सीईओ ने आदेश में कहा है कि ग्राम पंचायत के अंतर्गत किसी निर्माण कार्य में लगने वाली सामग्री के बिल, बाउचर आदि पर संबंधित जनपद सदस्यों की अनुशंसा के बगैर स्वीकृत नहीं किया जाए, ये आदेश भी पंचायत राज अधिनियम का उल्लंघन है और भ्रष्टाचार को उजागर करता है। इसके अलावा सीईओ ने आदेश जारी किया है कि ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यांे में ग्रामीण क्षेत्रों के वेंडरों को प्राथमिकता दी जाए। इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए श्री बिसेन ने कहा कि इस आदेश का परिपालन सभी पंचायतों में नहीं किया सकता। क्योंकि बिरसा ग्रामीण और पिछड़ा क्षेत्र है, जहां के हर गांव में वेंडर मिल पाना संभव नहीं है। यह आदेश कार्यपालन अधिकारी अजीत बर्वा से वेंडरों के साथ साठगांठ और भ्रष्टाचार से लिप्त होना बताता है।