भोपाल: राजधानी भोपाल में अधिकांश परिजनों को 1 हजार की किताबें 4 हजार रुपये तक में खरीदने को मजबूर होना पड़ा है। मजबूरी में यह खरीदी भी कर ली गई लेकिन भोपाल जिला प्रशासन की नींद तब नहीं टूटी। अब जब अधिकांश खरीदी बिक्री हो चुकी है, तब जाकर भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने टीम बनाई है।
कलेक्टर के आदेश में क्या
कलेक्टर ने आदेश में लिखा है कि भोपाल के प्राइवेट स्कूलों ने यदि पुस्तक खरीदी करने के लिए और यूनिफॉर्म के लिए पालकों पर दबाव डाला तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पालकों को कोई समस्या न हो इसके लिए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कुछ अफसरों को मिलाकर एक टीम बनाई है। परिजन चाहें तो नंबर्स पर कॉल कर सकते हैं, जिस पर टीम तत्काल कार्रवाई करेगी।
ज्यादातर पेरेंट्स की खरीदी हुई पूरी
रोचक बात यह है कि ज्यादातर पालक इस समय तक अपने बच्चों के लिए पुस्तकें और यूनिफॉर्म खरीद चुके हैं। ऐसे में उनकी प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। इस मामले पर परिजनों का कहना है कि आपने हुजूर बड़ी देर कर दी। कई परिजनों का कहना है कि कलेक्टर ने यह आदेश देरी से लागू किया है। वे पहले ही पुस्तकें और यूनिफॉर्म खरीद चुके हैं। इसके लिए उन्होंने 20 से लेकर 25 हजार रुपये तक खर्च किये हैं।
टीम में यह अफसर शामिल
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जो टीम बनाई है, उसमें संबंधित क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार के अलावा अन्य कर्मचारी भी रखे गए हैं। अगर किसी परिजन की शिकायत मिलती है तो यह टीमें मौके पर जाएंगी और समय-समय पर दुकानों का निरीक्षण भी करेंगी।