बुदबूदा डिपो खाली बांस और लकड़ी के लिये ग्रामीणजन परेशान

0

वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बुदबूदा में दक्षिण सामान्य वन मंडल का डिपो स्थित है। जो इस वर्ष खाली पड़ा हुआ है जहां बांस और लकड़ी नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें विशेष कर कंडरा समाज के लोगों को अपने व्यापार करने के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। जिनके द्वारा डिपो में बांस और लकड़ी उपलब्ध कराने की मांग वन विभाग से की जा रही है। हालांकि विभाग के द्वारा वर्तमान तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिसको लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है। क्योंकि उक्त डिपो खाली होने से उन्हें समय रहते बांस और लकड़ी उपलब्ध नहीं हो पा रही है जिसके कारण वह इधर उधर महंगे दामों में खरीदी कर अपना कार्य रहे हैं।

६ महीने बाद भी डिपो में नहीं पहुंचे बांस और लकड़ी

ग्राम पंचायत बुदबूदा में ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधियों के अथक प्रयास से वन विभाग का डिपो स्थापित किया गया था। जहां प्रतिवर्ष ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को शासकीय मूल्य पर बांस और लकड़ी उपलब्ध कराने के लिए किया गया है। जहां हर वर्ष बारिश के बाद बास और लकड़ी की पूर्ति की जाती थी परंतु इस वर्ष बारिश खत्म होने के बाद ६ महीना हो गया वन विभाग के द्वारा ना ही लकड़ी डिपो में भेजी गई है ना ही बांस की पूर्ति की गई है। ऐसे में जरूरत पर लोगों को महंगे दामों में खरीदी कर अपना कार्य निकालना पड़ रहा है। जबकि उक्त क्षेत्र में कंडरा समाज के करीब ५० से अधिक पट्टेधारी लोग हैं जिनके द्वारा शासकीय मूल्य पर बांस की खरीदी कर टोकना ,डल्ला ,सूपा सहित अन्य उत्पाद तैयार कर अपना जीवन निर्वाह किया जाता है। वहीं आर्थिक स्थिति भी मजबूत की जाती है जिनका पूरा जीवन बांस के ऊपर निर्भर है वह लगातार डिपो में बांस आने का इंतजार कर रहे हैं। परंतु यह इंतजार उनका खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है जबकि वर्तमान में शादी विवाह का दौऱ चालू है जो उनका मुख्य सीजन होता है। ऐसे में वह कंडरा समाज के लोगों को आस पड़ोस के बड़े किसानों जिनके खेतों में बांस लगा हुआ है वहां जाकर बांस खरीदना पड़ रहा है । जिसमें बांस की कटाई और परिवहन भी उनके ऊपर आर्थिक भार के रूप में बना हुआ है। जहां उन्हें पर्याप्त रूप से बांस उपलब्ध नहीं हो पा रहा है किंतु जीवन निर्वाह की व्यवस्था के लिए वह यह सब कर रहे हैं। तो वहीं किसान और ग्रामीण भी बांस और लकड़ी के लिए परेशान है क्योंकि आगे बरसात का मौसम आने वाला है। ऐसे में सरकारी मूल्य पर लकड़ी सस्ती और अधिक मात्रा में प्राप्त हो जाती है ,जिसके लिए वह भी रास्ता देख रहे हैं एवं बारिश आने वाली है ऐसे में घर की छत सुधारना है। जिसके लिए बास और बल्ली दोनों की जरूरत होगी। जो उन्हें डिपो से मिल सकता है ।

बास बल्ली उपलब्ध करने में असमर्थ दिख रहा वन विभाग

हर वर्ष देखा जाता है कि वन विभाग के द्वारा समय रहते शासकीय डिपो में बास और लकड़ी की व्यवस्था कर दी जाती है। जहां से लगातार लोग अपने विभिन्न आवश्यक कार्यों के लिए खरीदी करते रहते हैं। परंतु इस वर्ष देखने में आ रहा है कि वन विभाग जरूरत के बास और लकड़ी की पूर्ति करने में असमर्थ बना हुआ है। इसी का परिणाम है की मुख्य कार्यालय में भी एक सप्ताह पहले बास और लकड़ी आई थी जो वर्तमान में पूरी तरह बिक चुकी है। तो वहीं पट्टाधारी कंडरा समाज को आवश्यकता अनुसार बास उपलब्ध नहीं हो पाया है। वहीं क्षेत्र के विभिन्न डिपो में भी इस वर्ष के प्रारंभ से अब तक खाली पड़े हुए हैं जहां पर किसान और कंडरा समाज के लोग लगातार चक्कर लगा रहे हैं। वहीं अधिकारियों से चर्चा भी कर रहे हैं परंतु उनकी आवश्यकता पर बास और लकड़ी उपलब्ध नहीं हो पा रहे। जिसके पीछे का कारण परिवहन बताया जा रहा है ऐसे में हर कोई वन विभाग से मांग कर रहा है कि वह समय रहते डिपो में बास और लकड़ी की पूर्ति किया जायें। ताकि किसी को बारिश चालू होने पर परेशानी का सामना ना करना पड़े।

हमारा पुरा जीवन बास पर निर्भर है जो नही मिल रहा है-धनेंद्र खरेले

धनेंद्र रखेले ने बताया कि हम कंडरा समाज से आते हैं टोकना ,डल्ला ,सूपा सहित बांस से निर्मित सामग्री का निर्माण हमारे द्वारा किया जाता है। इस पर हमारा पूरा जीवन निर्भर होता है अभी डिपो के हमारे द्वारा लगातार चक्कर लगाया जा रहे हैं जहां पर बास और लकड़ी दोनों नहीं मिल रही है। करीब २० घर के हम लोग यहां पर रहते हैं दूसरी पंचायत में भी लोग घर रहते हैं परंतु किसी को आज तक बांस नहीं मिला है। अभी हम लोग किसानों के खेतों में जा रहे हैं जहां से बास को काटकर उसका परिवहन करने में मजदूरी और किराया दोनों लग रहा है। डिपो में जब बांस आता है तो हमें सस्ते दामों में ज्यादा बांस मिल जाते हैं और लकड़ी भी सस्ते दामों में सभी को उपलब्ध हो जाती है। वर्तमान में हमारा सीजन चल रहा है ऐसे में वन विभाग ने हमें बांस नहीं दिया है इस स्थिति में हमारी आर्थिक स्थिति लडख़ड़ा रही है दिक्कत हो रही है। आगे क्या करेंगे समझ नहीं आ रहा है विभाग को गंभीरता से ध्यान देते हुए जल्द व्यवस्था बनानी चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here