बुर्किना फासो में सेना ने किया तख्तापलट, विद्रोहियों के कब्जे में राष्ट्रपति काबोरे, जानें इस देश के बारे में

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बुर्किना फासो में सेना ने एक बार फिर तख्तापलट कर दिया है। यहां सेना ने राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिश्चियन काबोर को विद्रोही सैनिकों ने पकड़ लिया है। दो विद्रोही जवानों ने सोमवार तड़के इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने यह नहीं बताया कि राष्ट्रपति काबोरे को बंधक बनाकर कहां रखा गया है, उन्होंने सिर्फ इतनी जानकारी दी कि अब बुर्किना फासो पर सेना का कब्जा हो गया है और राष्ट्रपति काबोरे को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है।

गौरतलब है कि बुर्किना फासो (पूर्व में अपर वोल्टा) पश्चिम अफ्रीका का एक स्थलरुद्ध देश है, जिसकी सीमाएं उत्तर में माली, पूर्व में नाइजर, उत्तर पूर्व में बेनिन, दक्षिण में टोगो और घाना और दक्षिण पश्चिम में कोट द’ आईवोर से मिलती हैं। यह देश कई बार सैन्य तख्तापटल का शिकार हो चुका है।

राष्ट्रपति आवास से सुनाई दी थी गोलियों की आवाज

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बुर्किना फासो में राष्ट्रपति आवास के पास रविवार देर रात से गोलियों की आवाज सुनी गई। सोमवार की तड़के राष्ट्रपति भवन में जबरदस्त हंगामे की स्थिति रही। इस दौरान ऊपर एक हेलीकॉप्टर भी उड़ रहा था। विद्रोही सैनिकों की कड़ी सुरक्षा वाली चौकियों को छोड़कर रविवार रात राजधानी की सड़कें सूनी रहीं।

राजधानी पर विद्रोही सैनिको का कब्जा

सोमवार सुबह सरकारी समाचार स्टेशन RTB पर भारी पहरा था। साथ ही विद्रोहियों ने राजधानी ओगाडोगु में लामिजाना सांगोले सैन्य बैरक पर कब्जा कर लिया। यहां नागरिकों ने विद्रोह के समर्थन किया है, लेकिन सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे। विद्रोह एक सार्वजनिक प्रदर्शन के एक दिन बाद आया, जिसमें काबोरे के इस्तीफे की अपील की गई थी, लेकिन विद्रोहियों ने राष्ट्रपति को हिरासत में लेने से इनकार किया।

देश में बढ़ रहा इस्लामिक चरमपंथ

काबोरे सरकार के खिलाफ देशभर के नागरिकों द्वारा प्रदर्शन भी किए जा रहे थे। सरकार द्वारा देश में इस्लामी चरमपंथ से निपटने के तरीके को लेकर हफ्तों से बढ़ रहे असंतोष के बाद काबोरे के इस्तीफे की मांग को लेकर रविवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। यहां सशस्त्र संघर्ष लंबे समय तक जारी रहा। इस बीच, रक्षा मंत्री एमी बार्थेलेमी सिम्पोर ने सरकारी रेडियो को बताया कि न केवल ओगाडोगु बल्कि कुछ अन्य शहरों में सैन्य बैरक भी प्रभावित हुए हैं।

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