वैनगंगा किनारे बसे नगर मुख्यालय के समीप ग्राम जागपुर पंचायत के लोग एक वक्त के पानी के लिए तक मोहताज होना पड़ रहा है। इन दिनों पीने के पानी की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है जब नदी किनारे बसे इस गाँव मे भीषण जल संकट देखा जा रहा है तो जिले के अन्य गावो का आलम आखिर कैसे होता होगा।
आपको बता दें कि यह समस्या आजकल की बात नहीं बरसों पुरानी है बावजूद इसके हर चुनाव में जनप्रतिनिधि जागपुर में नल जल योजना बनाए जाने का वादा करते हैं। लेकिन उसे चुनाव होते ही भूल जाते हैं नतीजा गर्मी की शुरुआत होते ही जागपुर में पेयजल की भीषण समस्या शुरू हो चुकी है।
जागपुर ग्राम पंचायत के कई वार्डों में समुचित पेयजल व्यवस्था नहीं है। सार्वजनिक स्थल पर हैंडपंप की भारी कमी है।कुछ साल पूर्व गाँव मे अलग-अलग मद से जगह जगह हैंडपंप लगाकर पेय जल की व्यवस्था की गई थी। वही पानी टँकी का निर्माण कर घरोन घर जल जल योजना का लाभ दिया गया है।तब लोगों को लगा था कि अब उन्हें पानी के लिए इधर उधर भटकना नही पड़ेगा।लेकिन ग्रीष्मकालीन सीजन शुरू होते ही जहा जल संकट गहरा गया।
गर्मी के तेवर तीखे होने के साथ ही जल समस्या इन दिनों विकराल रूप धारण करने लगी है। अगर इसी तरह गर्मी बढ़ती रही तो आम जनजीवन को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। गर्मी के कारण जलस्तर घटता जा रहा है। विकासखंड के ऐसे दर्जनों गांव हैं,जहां जल स्तर में गिरावट के कारण नलो में पानी आना बंद हो जाता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार विकासखंड का भू जलस्तर 80 से 100 फुट है लेकिन जागपुर गाव में डेढ़ सौ फुट खनन वाले हैंडपंप भी हवा उगल रहे हैं।