मध्य प्रदेश में मौसम लगातार ही परिवर्तित हो रहा है, जिसकी वजह से बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हो रही है. पिछले 72 घंटे से जिले में तेज हवा के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई है, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इससे सबसे ज्यादा मुश्किलें किसानों को आ रही हैं. जिले में बारिश के साथ ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है. जिसे किसान अब सर्वे कर प्रसासन से मुआवजे की मांग कर रहा है
किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी-
बालाघाट सहित अन्य ग्रामीण अंचलों में अचानक मौसम में आए बदलाव के साथ कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश व ओलावृष्टि का दौर बीतें 72 घंटों से जारी है. परसवाड़ा तहसील सहित पुरे क्षेत्र में रविवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों के खेतों में लगी धनिया,मसुर,सरसों ,गेहूं और चने की फसल को नुकसान पहुंचा है. गेहूं की जो फसल की पक कर तैयार हो गई थी उसमे बारिश के कारण गेहूं की फसल की बुरी तरह से प्रभावित हुई है. किसानों का कहाना है कि फसलें खराब हो गई तो प्रशासन जल्द से जल्द सर्वे कराकर कुछ मुआवजा दे तो थोड़ी राहत मिलेगी !
बघोली में तेज बारिश के साथ गिरे ओले-
परसवाड़ा तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम बघोली में ओलावृष्टि हजारों किसानों की फसलें बर्बाद हो गयी है. यहाँ तेज बारिश के साथ कई जगहों में ओले गिरे हैं जिससे किसान की चिंता बढ़ गयी है. अब वह नुकसान से उबरने के लिए सरकार की ओर निहार रहे है. किसानों की फसलें पक कर तैयार थी, और अधिकांश फसलों को काटने की किसान तैयारी कर रहे है. तभी तेज बारिश के साथ ओले गिरने से . खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं,वहीं उन्होंने शासन प्रशासन से मांग की है कि हमारी फसलों का जल्द से जल्द सर्वे कराकर कुछ मुआवजा दिया जाए तो हमें थोड़ी राहत मिले ।
हम प्रशासन से यह मांग करते हैं कि हमें मुआवजा दिलाया जाए- अशोक कटरे
बघोली के किसान अशोक कटरे बताते हैं कि रात को अचानक से बारिश होने की वजह से हमारी चना, गेहूं और सरसों की फसल बुरी तरह चौपट हो गई है जबकि हमने सोचा भी नहीं था कि अचानक से बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि की वजह से हमारा इतना नुकसान हो जाएगा अब जो खेतो गिरी हुई फसल है उसे भी हम काट नहीं सकते क्योंकि जहां फसल लगी हुई थी उन खेतो में पानी भर चुका है चना और गेहूं की फसल तो खेतो में पानी भरने से वह डूब चुका है और हमने जितनी लागत से फसल लगाया था उसका आधा से ज्यादा तो नुकसान हो चुका है और अब तो पता नहीं जो लागत है वह भी निकल पाएगी या नहीं जबकि हम किसानों का तो एक ही सपना होता है कि हमारे द्वारा जो फसल लगाई गई है उसे तैयार होने के बाद हम उसे बेच कर अपना जीवन यापन करेंगे हम प्रशासन से यह मांग करते हैं कि हमें मुआवजा दिलाया जाए और हमारी जो फसल का नुकसान हुआ है उसका सबसे पहले सर्वे कराकर जो उचित मुआवजा पर हमें जल्द दिलवाया जाए










































