३१ मार्च को हुई बारिश व ओलावृष्टि ने मुरझड़, पाथरी व नेवरगॉव में कटाई के लिये खड़ी फसल को काफी नुकसान पहुॅचाया है। जिसकी वजह से फिर एक बार किसान के माथे पर बल पड़ गया है। किसानो का कहना है कि इस बार बेमौसम हो रही बरसात उनके लिये अभिशाप साबित हो रही है वही न तो उन्हे शासन व प्रशासन से किसी प्रकार की कोई आर्थिक मदद प्राप्त हो रही है। ऐसे में खेती कार्य से अब मोहभंग होता लग रहा है। किसानों का कहना है कि बीते दिवस हुई ओलावृष्टि से पूरी खड़ी व तैयार फसल सो गई है वही गेहूॅ की बालियाँ काली पडऩा शुरू हो गई है। पटवारियो को इस बात की सूचना भी दी गई मगर किसी ने खेत का मुआयना नही किया और ना ही सर्वे करने कोई पहुॅचा है।
शासन नही देता मुआवजा – तनवीर
पद्मेश को जानकारी ेदेते हुये किसान तनवीर पटेल नेवरगॉव निवासी ने बताया कि इससे पूर्व भी ओलावृष्टि हुई थी मगर उस समय भी कोई शासन व प्रशासन की मदद नही मिली। बीते दिवस दो बार ओलावृष्टि के साथ बारिश हुई है जिसकी वजह से उनकी चना व गेहूॅ की फसल इसलिये खराब हुई क्योकि उन्होने इस फसल को काफी देरी से लगाया था। जिसकी कटाई का कार्य वे करना चाहते है। मगर मौसम की वजह से वे इसका कटाई कार्य नही करवा पाये। जिसके बाद। ओलावृष्टि हो गई जिसकी वजह से उनकी खड़ी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है जिसमें उन्हे ३० से ४० हजार रूपये का नुकसान हुआ है जिसका राजस्व विभाग सर्वे कर हमे उचित मुआवजा दे। मगर राजस्व विभाग के द्वारा ऐसा कोई कार्य नही किया जा रहा है।
बेमौसम बरसात ने किया फसल को बर्बाद – मोहनलाल
इसी तरह पाथरी के किसान मोहनलाल मेश्राम ने बताया कि वे २ एकड़ में अपनी फसल की बुआई करते है। इस मर्तबा भी उन्होने करीब डेढ़ एकड़ में सरसो व गेहूॅ लगाया था मगर बेमौसम बरसात व ओलावृष्टि की वजह से उनकी फसल पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा है। गेहूॅ की खड़ी फसल काली पड़ चुकी है। वही सरसो की फसल पर भी ओलावृष्टि का काफी गहरा असर हुआ है। हम चाहते है कि फसल का सर्वे कर हमे बर्बाद हुई फसल का उचित मुआवजा दिया जाये।
नही मिलता शासन की योजनाओं का लाभ – नरेश
इसी कड़ी में मुरझड़ के किसान नरेश उईके ने पद्मेश को बताया कि हम लोग काफी हताश हो चुके है। क्योकि हम लोगों को न तो नहर का पानी मिलता है और ना ही शासन की कुछ किसान हित में बनी योजनाओ का। हम चाहते है कि शासन प्रशासन हमारी सुध ले। श्री उईके ने बताया कि ओलावृष्टि व बारिश होने से मेरी फसल गहानी के लिये खेत में रखी थी जो पूरी तरह से गीली हो चुकी है। ऐसे में यह फसल अब जानवर को खिलाने के लायक भी नही बची है। ऐसे में शासन प्रशासन हमारी मदद करे और हमे मुआवजा दे।
इनका कहना है –
इस संबंध में जब दूरभाष पर पद्मेश से चर्चा करते हुये अनुविभागीय अधिकारी राजस्व केसी बोपचे ने बताया कि मेरे संज्ञान में यह बात है। हमारी टीम जहां जहां की हमे शिकायत मिल रही है। उन ग्रामों मे ओलावृष्टि का सर्व करा रहे है शासन के नियमानुसार उन्हे मुआवजा दिया जायेगा। हम भी जानते है कि बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से जो फसल कटने से बच गई है उस पर प्रभाव पड़ा है। शीघ्र ही जॉच कराकर उन किसानों को मुआवजा दिया जायेगा।