: बेरूत बंदरगाह एक बार फिर हादसे को लेकर चर्चा में है। अगस्त में हुए भीषण विस्फोट के 37 दिन बाद वहां पर जबर्दस्त आग भड़क उठी है। भारी नुकसान के साथ ही आसपास के इलाकों के लोग भय से पलायन कर गए हैं। आग के कारणों का अभी पता नहीं चला है। जान-माल के नुकसान का अभी अंदाजा नहीं लगाया गया है। बीती चार अगस्त को बंदरगाह पर रखे 3,000 टन अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट हुआ था। सैकड़ों किलोमीटर दूर तक सुनी गई विस्फोट की आवाज से पूरे बेरूत की इमारतें हिल गई थीं और करीब आधी इमारतों को नुकसान हुआ था। विस्फोट में करीब 200 लोग मारे गए और हजारों घायल हुए थे। अभी उस नुकसान की भरपाई नहीं हुई कि गुरुवार को बंदरगाह परिसर में भीषण आग लग गई। दसियों मीटर ऊंची आग की लपटों के ऊपर आकाश में काले धुएं का गुबार छा गया। बड़ी संख्या में फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस मौके पर जाने-आने लगीं। दहशत में आए लोग इलाका छोड़कर भागने लगे। बंदरगाह परिसर में कार्यरत और इसके नजदीक के दफ्तरों में काम करने वालों से इलाका खाली करा लिया गया है। बंदरगाह की तरफ जाने वाली सड़कों को बंद कर दिया गया है।