बेहतर स्वास्थ्य की योजना फिर अधर में अटकी, डॉक्टरो ने की सरकारी नौकरी से तौबा !

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मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के अन्य जिलों के साथ ही बालाघाट जिले को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के उद्देश्य से बीते कुछ महीने पूर्व सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित करवाई गई, लेकिन वे अपनी इस योजना में असफल होते दिखाई दे रहे है।

दरअसल सरकारी नौकरी करने के लिए डॉक्टरों ने परीक्षा तो दी उसमें सफल भी हुए, लेकिन जब सरकारी अस्पतालों में नौकरी करने की बारी आई तो उन्होंने इस बात से तौबा कर ली।

इस बात की बानगी जिले के भीतर भी दिखाई दे रही है, तभी तो मध्यप्रदेश शासन द्वारा डॉक्टरों की परीक्षा में सफल हुए 14 डॉक्टरों ने जिले के भीतर नौकरी ज्वाइन नहीं किया।

नतीजा जिले के भीतर बेहतर स्वास्थ्य सेवा का सपना एक बार फिर अधर में अटका हुआ दिखाई दे रहा है, आपको बता दें कि शासन की ओर से जिले के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उप स्वास्थ्य केंद्र में इन डॉक्टरों की पदस्थापना की थी लेकिन इन डॉक्टरों ने नौकरी करने से इनकार कर दिया।

जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ अरुण लांजेवर ने बताया कि अब तक नई नियुक्ति के किसी भी डॉक्टर ने नौकरी ज्वाइन नहीं की है, जिले के भीतर जिला अस्पताल में नाक कान गले में कोई भी विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है रेडियोलॉजिस्ट लैब टेक्नीशियन मेडिकल ऑफिसर पैथोलॉजी के विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। इस कारण आधुनिक तकनीक हाईटेक लैब की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। नतीजा कोई भी दुर्घटना होने पर या इस तरह के मरीज आने पर उन्हें रिफर करना पड़ रहा है। यही हालात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के भी है।

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