नगर मुख्यालय स्थित ग्रामीण अंचलों के किसानों के द्वारा जिनके पास सिंचाई का साधन है ऐसे किसानों के द्वारा रबी सीजन में धान की फसल लगाई गई है और पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष रबी धान की फसल लगाने का रकबा भी बढ़ा है परन्तु बार-बार मौसम परिवर्तन होने एवं बे-मौसम बारिश होने और बदलीनुमा मौसम बने रहने के कारण धान की फसल पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही तनाछेदक, पोंगा, बाली सुखने सहित अन्य बीमारियां भी फसल में लग रही है। जिससे किसान खासा परेशान नजर आ रहे है और जिन किसानों की फसल खेत में फसल पककर तैयार हो चुकी है वे बे-मौसम बारिश होने से उसकी कटाई नही कर पा रहे है। ऐसी स्थिति में बारिश होने से धान गीली हो रही है जिससे किसान काफी चिंतित नजर आ रहे है और लगातार बारिश होने के साथ ही ओलावृष्टि होती है तो किसानों को काफी नुकसान होगा। साथ ही फसल उत्पादन भी कम होगा जिससे उन्हे आर्थिक परेशानियों से जुझना पड़ेगा। वहीं किसानों के द्वारा धान की फसल में लग रही बीमारी की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवाईयों का भी छिडक़ाव किया जा रहा है परन्तु बीमारी कम नही हो पा रही है जिसका मुख्य कारण माना जा रहा है कि मौसम परिवर्तन एवं बारिश क्योंकि फसल में दवा का छिंडकाव करने के बाद बारिश हो जाती है जिसके कारण दवाई का असर फसल पर नही पड़ रहा है जिससे खासा परेशान है। साथ ही किसानों ने शासन-प्रशासन से खरीफ धान की फसल जिस तरह से सरकार समर्थन मूल्य में खरीदी करती है उसी तरह रबी सीजन की धान की फसल को भी समर्थन मूल्य में खरीदी करने की मांग की है ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।
आपकों बता दे कि नगर मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों में विगत दिवस से बार-बार मौसम परिवर्तन हो रहा है और रविवार की शाम से अचानक मौसम परिवर्तन होने के साथ ही सोमवार को सुबह के समय तेज बादल गर्जना के साथ बारिश हुई और बूंदाबांदी बारिश का सिलसिला दिनभर जारी रहा एवं दिनभर आसमान में बादल छाये रहे। वहीं दिनभर रूक-रूक कर हुई रिमझिम बारिश से उमस भरी गर्मी से राहत भी मिली है और मौसम में ठंडकता घुल चुकी है। वहीं मौसम परिवर्तन के साथ ही बे-मौसम हो रही बारिश से रबी धान की फसल पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है एवं फसल में विभिन्न प्रकार की बीमारी भी लग रही है। साथ ही तेज आधी-तूफान व बारिश होने से जो धान गर्भ में है या फिर जो निकल चुकी है उसकी बाली झलने लगी है जो पकने के बाद वह बदरा बना जायेगा जिससे किसानों को बहुत कम फसल उत्पादन होगा जिसके कारण किसान काफी चिंतित नजर आ रहे है। इस तरह से वर्तमान में हो रही बे-मौसम बारिश व मौसम परिवर्तन होने से सबसे अधिक रबी धान की फसल को नुकसान है जिससे किसान खासा परेशान है और मौसम साफ होने का इंतेजार कर रहे है ताकि जिन लोगों की फसल पककर तैयार हो चुकी है वे उसकी कटाई कर उसे सुरक्षित कर सके। वहीं जिन किसानों के खेतों में धान की फसल में लग रही बीमारी की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवाओं का छिडक़ाव कर फसल को बचा सकते है। साथ ही मौसम विभाग के अनुसार २७ अप्रैल तक इसी तरह का मौसम बने रहने एवं बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है। अगर क्षेत्र में तेज बारिश होने के साथ ही ओलावृष्टि होती है तो धान की फसल को काफी नुकसान होगा और यह बारिश वैवाहिक कार्यक्रमों में भी खलल डाल रहा है जिससे सभी परेशान है।